उत्तराखण्ड जल संस्थान, कर्मचारी संघ के सूक्ष्म प्रतिनिधि मण्डल द्वारा कर्मचारी संघ के 16 सूत्रीय मांगपत्र पर वार्ता हेतु दिनांक 26.11.2024 को जल भवन, बी-ब्लॉक नेहरू कॉलोनी, देहरादून स्थित मुख्य महाप्रबन्धक कार्यालय में सौहार्दपूर्ण वातावरण में बैठक आयोजित की गयी।

बैठक में प्रबन्धक पक्ष द्वारा अधिकांश बिन्दुओं पर सहमति प्रदान की गयी तथा प्रबन्धक पक्ष द्वारा शासन स्तर के विषयों पर शासन से पत्राचार हेतु सहमति व्यक्त की गयी।

बैठक में प्रबन्धक पक्ष से श्रीमती नीलिमागर्ग, मुख्य महाप्रबन्धक, श्री डी०के० सिंह, महाप्रबन्धक, श्री मनीष सेमवाल, सचिव अप्रैजल, श्री सतेन्द्र गुप्ता, सचिव प्रशासन, श्री सुभाष बहुगुणा, प्रधान सहायक तथा कर्मचारी संघ के श्री नन्दलाल जोशी, प्रदेश महामंत्री, श्री दाताराम रयाल (मण्डल अध्यक्ष), श्री अवनीश कुमार, श्री आदेश, श्री संजीव कुमार शर्मा, कमल किशोर सैनी, जेनुल सनम अंसारी, मण्डल उपाध्यक्ष, श्री कुलदीप सैनी, श्री घनश्याम रवि, श्री अमजदखान, श्री मनोज कुमार, श्री मुन्नालाल, श्री महावीर रतूड़ी, श्री बिकम यादव, श्री देवेन्द्र कुमार, श्री राम अवतार, श्री कुंदन सिंह, श्री कमलेश, श्री विनीत कुमार शर्मा, श्री भूपेन्द्र, श्री जगमोहन सिंह रावत, मो० आवेश, श्री सुमन डोभाल, श्री विकेश काला, श्री मनीष कुमार, श्री दिनेश शर्मा, श्री कमल किशोर, श्री हरभजन सिंह, श्री विकास गोस्वामी, श्री संजय कुमार, श्री मुन्नालाल, श्री सूरज, श्री जगमोहन सिंह, श्री अजय शर्मा, श्री देवेन्द्र, श्री प्रेम सिंह नेगी, श्रीमती सरोज शर्मा, श्री दलीप सिंह रावत, श्री विनोद कुमार वर्मा, श्री दिनेश कुमार, श्री शुभम, श्री संजय उपाध्याय आदि कर्मचारीगण उपस्थित हुये। बैठक में अधिकांश बिन्दुओं पर सहमति बनी।

कर्मचारियों की निम्न मॉगो के निस्तारण हेतु दिया था ज्ञापन:-

1.जल संस्थान को राजकीय विभाग घोषित करवाया जाय।

2. मा० उच्च न्यायालय कर डबन बेंच द्वारा वर्ष 1996 से सेवा लाभ प्रदान किये जाने हेतु पारित किये गये आदेशों को तुरन्त लागू करवाया जाय।

3 विभाग द्वारा अनावश्यक रूप से विभागीय ढाँच संशोधित किया गया है, जिसमें कार्मिको की संख्या काफी न्यूनतम कर दी गयी तथा अभियन्त्रण सेवा के पदो को बढाया गया है। यह संस्थान हित में कदापि उचित नही है। वर्तमान ढाँचे को संशोधित करवा कर कार्मिक की संख्या बढवाया जाय।

4. विभागीय कार्यो के सम्पादन में सुरक्षा के दृष्टिगत सरकार द्वारा निर्धारित एस०ओ०पी० / मानको का पूर्ण रूपेण पालन करवाना।

5.जल संस्थान आवश्यक सेवा का प्रतिष्ठान है किन्तु विभागीय कर्मचारियो को आवश्यक सेवा का भत्ता अनुमन्य नही है। आवश्यक भत्ते को अनुमन्य कराया जाय।

6. विभाग में राशिकरण की व्यवस्था पर रोक लगा दी गयी है, जो कर्मचारी हितों के विपरीत है, राशिकरण को तुरन्त लागू करवाया जाय।

7. किसी भी विभागीय कर्मचारी के दुर्घटना ग्रस्त होने अथवा मृत्यु होने पर तत्काल अनुग्रह राशि (नॉन रिफण्डेबल) दिये जाने की व्यवस्था की जाये ।

8. कई पदों यथा- सहायक लेखाकार, पम्प चालक, फिटर, आदि में वेतन विसंगति विद्यमान है। जिनको दूर करवाया जाय।

9. विभाग में कार्यरत कार्मिको के पदोन्नत पद में वृद्धि नही की गयी है, जिस के कारण कार्मिको को समय से पदोन्नति नही मिल पा रही है। कार्मिको के पदोन्नत पदो का बढाया जाय।

10. विभागीय आवासो की स्थिति अत्यन्त दयनीय है। कार्मिक बहुत ही विपरीत परिस्थितियों में निवासित है। विभागीय एवं कार्मिक हितों के लिए आवश्यक है कि विभाग नये आवासो का निर्माण करे। पुराने आवास की विधिवत रूप से जीर्णोद्धार करवाया जाय।

11. विभाग द्वारा कार्मिको से विभागीय कार्य समय / कार्यदिवस के अतिरिक्त कार्य लिया जा रहा है किन्तु उन्हें किसी प्रकार का भत्ता नही दिया जा रहा है, अतिरिक्त कार्य के लिए अतिकाल भत्ते की सुविधा अनुमन्य कारायी जाय।

12. जिन कर्मचारियों द्वारा विभागीय हित में अपने वाहन का उपयोग किया जा रहा है, उन्हें आवश्यक रूप से वाहन भत्ता अनुमन्य कराया जाय।

13. अन्य विभागों की भाँति जल संस्थान के कार्मिको को एल०टी०सी० की सुविधा अनुमन्य करायी जाय।

14. विभाग में वाह्य श्रोत यथा-उपनल / पी०आर०डी० / संविदा पर कार्यरत कार्मिको का नियमितिकरण किया जाय।

15. विभाग में कार्यरत पी०टी०सी० स्टाफ को श्रम विभाग द्वारा निर्धारित न्यूनतम वेतन अनुमन्य कराया जाये।

16. विभाग में ठेकेदारी प्रथा को समाप्त करते हुये विभागीय संविदा पर कार्मिको को तैनात किया जाये ताकि श्रमिको का शोषण न हो।




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