राजकीय कला कन्या महाविद्यालय, कोटा के नवाचार एवं कौशल विकास प्रकोष्ठ के तत्वावधान में सीखो कमाओ योजना के अन्तर्गत चल रही छः दिवसीय मूल्य सृजन कार्यशाला का आज समापन समारोह आयोजित किया गया।

कार्यशाला के आरंभ में नवाचार प्रकोष्ठ प्रभारी डॉ. सुनीता शर्मा ने प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि कार्यशाला का उद्देश्य छात्राओं में छिपी रचनात्मकता व कलात्मकता को बाहर निकालना और बेकार व अनुपयोगी पड़े सामान को परिष्कृत कर सुंदर, कलात्मक व उपयोगी बनाना रहा।

इस प्रकार पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान दिया जा सकता है। पुराने इलेक्ट्रिक उपकरण, टायर, फर्नीचर, काँच, लोहे के बॉक्स, सीडी आदि को सुन्दर रूप प्रदान करके उपयोगी बनाया गया। कार्यशाला में प्रतिदिन 40 छात्राओं ने सहभागिता की।

इसमें प्रथम दिवस को छोटे-छोटे पत्थरों पर पेंटिंग कर पेपरवेट बनाये गये। दूसरे दिन काँच की बोतलों पर डेकोपेज आर्ट का उपयोग करना सिखाया गया। तीसरे दिन छोटी-छोटी लालटेन पर लिपन आर्ट का प्रयोग करके आकर्षक बनाया गया।

चतुर्थ दिवस पर पुरानी सीडी से टी-कोस्टर बनाये गये, ब्ल्यू पॉटरी, काँच पर पेंटिंग की गई। पाँचवें दिन लोहे के पुराने संदूकों पर मधुबनी, पिछवाई, वर्ली आर्ट, स्टेन्सिल आर्ट करना सिखाया गया। कार्यशाला के अंतिम दिन छात्राओं ने लकड़ी के पुराने सामान जैसे मंदिर, फ्रेम, की-होल्डर आदि को नवीनीकृत किया। छात्राओं को उनके कार्य का पारिश्रमिक भी दिया जायेगा।

प्राचार्य डॉ. सीमा चौहान ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि कार्यशाला में प्रशिक्षण प्राप्तय करके छात्राएं अपना स्वयं का व्यवसाय शुरू करके आत्मनिर्भर बन सकती हैं। युवाओं में रचनात्मकता सर्वाधिक होती हैं जिसे सही दिशा देने का कार्य इस कार्यशाला के माध्यम से महाविद्यालय में हुआ।

छात्राओं में काजल सोनी और बिंदिया नागर ने बताया कि उन्होंने इस कार्यशाला में समूह में लगन से काम करना और काम को अंतिम चरण तक पहुंचाना सीखा।

फेविक्रिल पिडिलाइट की आर्ट और क्राफ्ट की शिक्षिका सुश्री कनिष्का सिंह गौड़ ने छात्राओं को प्रशिक्षण दिया। इस अवसर पर एडविस ऑटोमेशन प्राइवेट लिमिटेड की ओर से सुश्री अहाना शर्मा और पूर्वी ने बताया कि उनके द्वारा प्रत्येक माह महाविद्यालय की दस छात्राओं को डिजिटल मार्केटिंग का प्रशिक्षण निःशुल्क दिया जायेगा।

उल्लेखनीय है कि एडविस ऑटोमेशन प्राइवेट लिमिटेड के साथ महाविद्यालय का दो वर्ष का अनुबंध है जिसके तहत् वे छात्राओं को डिजिटल साक्षरता प्रदान करते रहेंगे।

डॉ. धर्मसिंह मीणा ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया। डॉ. दीपा स्वामी, डॉ. प्रियंका वर्मा, डॉ. संतोष कुमार मीना, डॉ. गिरेन्द्र पाल सिंह ने सहयोग प्रदान किया।



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