October 18, 2025

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डाँ हेमंत जयसिँह ने बढाया हरिद्वार का मान, भारत चिकित्सा पुरस्कार से हुए सम्मानित

एनटीन्यूज़,हरिद्वार: विनायक क्लीनिक के डाँ हेमंत जयसिँह राष्टीय गौरव अवार्ड और भारत चिकित्सा पुरस्कार से सम्मानित हुए

डाँ हेमंत जयसिँह को चिकित्सा विज्ञान में नई उपचार तकनीक (नर्व चिकित्सा) विक्सित करने के लिए ( कॉपीराइट डायरी नं 7275/2021-CO/L) सम्मान दिया गया.

इससे पहले डाक्टरेट की मानद डिग्री व मैडल , ईंडियन एचीवर अ‍ॅवार्ड और ईनट्र्नैशनल आईकन अवार्ड से भी सम्मानित हो चुके हैँ।

डॉ हेमंत जयसिंह ने अपनी स्कूली शिक्षा SHPS और SHIVEDALE स्कूल, हरिद्वार से की। उन्होंने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय, हरिद्वार से 3 बार यूनिवर्सिटी टॉपर मेरिट सर्टिफिकेट / स्वर्ण पदक प्रमाण पत्र के साथ बी फार्म किया है, और 1 साल की इंटर्नशिप के बाद क्लिनिकल फार्मेसी काउंसिल, आँध्र प्रदेश से कंसल्टेंट फार्मास्युटिकल केयर (सीपीसीएस) इन रुमेटोलॉजी और पेडियाट्रिक्स के रूप में विशेषज्ञता प्रमाण पत्र प्राप्त किया है।

उन्होंने इग्नू से बाल पोषण में पोस्ट ग्रेजुएट सर्टिफिकेट, फार्मा रिसर्च इंस्टीट्यूट के माध्यम से क्लिनिकल रिसर्च में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा, सीएमएस और ईडी एलोपैथी (नैशनल ईंस्टिटयुट औफ मैडिकल साईँस) ( DIST. EDUCATION) से किया है।

उन्होँने मृत्युंजय मिशन, हरिद्वार से मर्म चिकित्सा में सर्टिफिकेट हासिल किया , और 2013 से 2017 तक मर्म चिकित्सा मेँ प्रैक्टिस की। और 2018 मेँ उन्होँने एक नई तकनीक खोजी जिसका नाम नर्व चिकित्सा रखा गया और उसका कापीराईट के लिए एप्लाइ किया हुआ है। उन्होंने नसों पर शोध किया, जिसके बाद उन्होंने नई तकनीक खोजी है जिसमें पूरे शरीर से नसों का पता लगाया जाता है जैसे कि वैगस नर्व, ग्लैसोफैरिंजिअल नर्व, कौक्लिअर नर्व, प्यूडैंडल नर्व आदि और इनको मैन्युअल रूप से अँगूठे का प्रयोग करके खोला जाता है, और इसमेँ कोई एक्यूप्रेशर पोआईंट्स नहीँ होते हैँ और रोगी से रोगी में भिन्न होती है। इस तकनीक के द्वार स्लिप डिस्क, सर्वाइकल, स्पॉन्डिलाइटिस, ऑस्टियोआर्थराइटिस, रूमेटाइड आर्थराइटिस, सीएनएस डिसऑर्डर, जीबी सिंड्रोम, एनकायलोसिँग स्पौन्डिलाईटिस, औटिस्म, सैरिब्रल पाल्सी आदि विकारों से पीड़ित रोगियों का इलाज किया जा सकता है।

अपने साक्षात्कार मेँ उन्होँने यह भी बताया कि मैडिकल फील्ड मेँ आने से पहले वर्ष 2011 मेँ गुरूकुल विष्वविद्यालय से उनका प्लेसमैन्ट एस.बी.एल होम्योपैथी कम्पनी मेँ हो गया था, जहाँ उन्होँने कार्यरत न करते हुए कुछ वर्ष आई.ए.एस की प्रिपेरेशन भी की। इसी के साथ उन्हें 2022 मेँ ईंडियन एचीवर अ‍ॅवार्ड से और ईंटर्नैशनल आईकन अवार्ड से और मानद डॉक्टरेट की डिग्री और मैडल के साथ चयनित किया गया। उनकी फैमली मेँ उनके साथ उनकी बहन “डाँ वीनू जयसिँह बहल” भी चिकित्सक हैँ जो कि आयुर्वेदिक फिजीशियन और गायनैकोलोजिस्ट मेँ कार्यरत हैँ ।

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