लोकप्रिय गीत राम सुमिरले राम सुमिरले राम जगत आधार रे के लेखक राजस्थान कोटा के वरिष्ठ साहित्यकार प्रधानाध्यापक श्री विष्णु शर्मा हरि हर 60 वर्ष पूर्ण कर चुके हैं) 31 मई को राजकीय सेवा से सेवानिवृत्त हो रहे हैं) प्रस्तुत है उनका एक मौलिक गीत….

गीत

साठ वर्ष की हुई यात्रा,

पूरी आज तुम्हारी ।

हरिहर हर -हर बम- बम बोलो,

बोलो जय जय कारी।।

ऐसा लगता कल ही मानो,

इस दुनिया में आए।

हार जीत के खेल खिलाड़ी,

गीत प्रेम के गाए।।

कई बाजियां जीती तुमने,

और अनेकों हारी।

साठ वर्ष की हुई यात्रा,

पूरी आज तुम्हारी।।1।।

सूर कबीरा तुलसी जैसी,

नहीं चदरिया भैया।

बस तुमको तो याद रही है ,

प्यारी अपनी मैया।।

रोज प्रेरणा उस से लेकर,

चलना अब तक जारी।

साठ वर्ष की हुई यात्रा पूरी,

आज तुम्हारी।।2।।

संग खड़े हैं केशव राघव,

उनको समझो जानो।

दिव्य रूप के दर्शन करके,

अब खुद को पहचानो।।

हंँसते-हंँसते कटे जिंदगी,

नहीं लगेगी भारी।

साठ वर्ष की हुई यात्रा,

पूरी आज तुम्हारी।।3।।

पंचतत्व की महिमा गाकर ,

इसमें देखो मुझको ।

समझ तभी मैं आ पाऊंँगा,

भोले मानव तुमको।।

देख रही आशा से जननी,

अपनी वसुधा प्यारी।

साठ वर्ष की हुई यात्रा,

पूरी आज तुम्हारी।।4।।

विष्णु शर्मा ‘हरिहर ‘

अध्यक्ष

अखिल भारतीय साहित्य परिषद चित्तौड़ प्रांत, कोटा राजस्थान

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