- सचमुच वृद्ध जन धरती पर भगवान का रूप होते हैं.. देवेन्द्र कुमार सक्सेना
समय समय सदैव वृद्ध जनों की सेवा और सम्मान के लिए तत्पर कोटा के वरिष्ठ नागरिक कला संस्कृति समाज प्रेमी तबला वादक श्री देवेंद्र कुमार सक्सेना ने अपने 46 वर्ष की सेवा के दौरान
कई विख्यात कला, साहित्य, शिक्षा, जगत के बुजुर्गों , वृद्धाश्रम में रह रहे बुजुर्गों की संगीत सेवा आराधना से प्रसन्न कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया है।
सक्सेना अपने माता-पिता को खो चुके हैं अतः उन्हें हर बुजुर्ग में अपने माता पिता का अह्सास होता है। ये भारत अमेरिका कनाडा इंग्लैंड नेपाल आदि देशों जहां भी गए वहां वृद्ध जन भी इंहे बहुत स्नेह करते हैं।
आप राजस्थान संगीत नाटक अकादमी, श्रध्दा दिवा संगम करनी नगर विकास समिति, गायत्री परिवार, श्री भारतेंदु समिति , गीताश्रम संगीतिका, संगीत संकल्प, कला समय, अखिल भारतीय साहित्य परिषद, मौजी बाबा लोक कल्याण ट्रस्ट, पतंजलि योग समिति, संगीत गुरूकुल, आस्था मेलोडी आदि कई मंचों से जुड़े रहे है इन मंचों पर वरिष्ठ नागरिकों को आमंत्रित करने व उन्हें सम्मानित कराने का प्रयास कर बुजुर्गों के प्रति अपनी श्रध्दां समर्पण का परिचय निःस्वार्थ भाव से दिया है ।
इनमें कई प्रमुख हस्तियां इनके प्रेम श्रध्दा के कारण मध्य प्रदेश एवं राजस्थान आई
कोटा के प्रसिद्ध साहित्यकार श्री रामेश्वर शर्मा रामू भैया कहते हैं कि अनुज देवेंद्र कुमार सक्सेना से जुडना मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण रहा मैं 7 दिन पतंजलि योग शिविर हरिद्वार में रहकर अपनी पुस्तक का विमोचन स्वामी रामदेव जी से कराना चाहता था किंतु मेरे साथ गये योग समिति के अधिकारियों के प्रयास विफल हो गये तब भाई देवेंद्र कुमार सक्सेना के सहयोग से मेरी पुस्तक ” हरिद्वार से द्वार द्वार तक” का विमोचन योग ऋषि स्वामी रामदेव आचार्य बालकृष्ण एवं श्री राजीव दीक्षित के हाथों पतंजलि योग पीठ हरिद्वार में हुआ जिसका लाइव प्रसारण आस्था चैनल पर २०० देशों में हुआ व देवेन्द्र कुमार सक्सेना के प्रयासों से मेरे लिखे वंदेमातरम गीत का काव्यात्मक भाष्य योग संदेश पत्रिका में अंग्रेज़ी हिंदी सहित तेरह भारतीय भाषाओं में प्रकाशित हुआ । विश्व विख्यात कला समीक्षक पंडित विजय शंकर मिश्र एवं पद्मश्री से सम्मानित उस्ताद डॉ 0 अहमद हुसैन उस्ताद मोहम्मद का मानना है कि देवेंद्र सक्सेना युवाओं विद्यार्थियों लिये खास कर हम जैसे बुजुर्गों के लिए बहुत कार्य करते हैं बस इंहे मालूम पड़ जाना चाहिए तब यह निःस्वार्थ निःशुल्क मदद कर आत्म सुख का अनुभव करते हैं।उन्होंने हमें कोटा आमंत्रित किया और हमारा मान सम्मान किया
देवेंद्र जी कहते हैं कि ऋषि वाल्मीकि जी, ऋषि वशिष्ठ, विश्वासमित्र, सिख गुरु नानक देव जी, महर्षि दयानन्द सरस्वती, वेदमूर्ति तपोनिष्ठ आचार्य श्रीराम शर्मा, वंदनीया माता भगवती देवी जी, माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी, लोकसभा अध्यक्ष श्रीमान ओम बिरला जी, भारत रत्न लता मंगेशकर पंडित किशन महाराज श्रद्धेय डॉ प्रणव पण्डया एवं श्रद्धेय शैल बाला दीदी भारतेंदु समिति के संस्थापक श्री हनुमान प्रसाद सक्सेना महामंडलेश्वर हेमा सरस्वती जी श्री राजेश कृष्ण बिरला, श्री हरिकृष्ण बिरला श्री रामेश्वर शर्मा रामू भैया, कोटा राजस्थान की माता प्रसन्ना भंडारी जी आदि से कला संस्कृति समाज सेवा की प्रेरणा मिलती है।
अभिनव कला परिषद भोपाल द्वारा पद्म विभूषण पंडित किशन महाराज, जयपुर के पद्म श्री लक्षमण भट्ट तैलंग, दिल्ली के पंडित विजय शंकर मिश्र, उदयपुर के डां ज्योति पुंज कोटा के रामेश्वर शर्मा रामू
मृदंग महर्षि डॉ रामशंकर दास उर्फ पागलदास जी
आश्रय भवन , माधोसिंह ट्रस्ट व गोदावरी धाम कोटा में
पंडित रामाश्रय झा रामरंग,
संगीत संकल्प, संगीतिका कोटा मैं विदुषी मंजू नदंन मेहता,पंडित रामरंग,
माता प्रसन्ना भंडारी,राष्ट्रीय दशहरा मेला में पद्मश्री उस्ताद मेहमूद धौलपुरी, पंडित राजेन्द्र वैष्णव श्री राम स्वरूप रतौनिया मौजी बाबा धाम कोटा में पद्मश्री उस्ताद डॉ 0 अहमद हुसैन उस्ताद मोहम्मद हुसैन,भारतेंदु समिति कोटा द्वारा आप 2010 से प्रतिवर्ष देश के एक वरिष्ठ नागरिक को आचार्य हनुमान प्रसाद सक्सेना स्मृति अखिल भारतीय पुरस्कार व स्वर सुधा श्री सम्मान माननीय लोकसभा अध्यक्ष श्रीमान ओम बिरला जी उनके अग्रज श्रीमान राजेश कृष्ण बिरला श्री हरिकृष्ण बिरला एवं अन्य विभूतियों के हाथों प्रदान कराया हैं जिनमें
कला समीक्षक पंडित विजय शंकर मिश्र, प्रो 0 सुधा अग्रवाल डॉ 0 प्रेम भंडारी, वैद्य फूल चंद शर्मा, डॉ 0 मधु भट्ट तैलंग, श्री राजीव मल्होत्रा सरस्वती संगीत महाविद्यालय शुजालपुर में मृदंग महर्षि डॉ रामशंकर दास उर्फ पागलदास, भोपाल श्री पंडित नंद किशोर शर्मा, तबला केशरी पंडित गणेश प्रसाद भारद्वाज, पंडित अनूप शर्मा
राजस्थान संगीत नाटक अकादमी जोधपुर द्वारा कला पुरोधा सम्मान के लिए पंडित महेश शर्मा, पंडित शिव शंकर पांडे,भारतेंदु समिति कोटा में पंडित सुरेश तातेड,
श्री भंवर लाल श्रीवास, इतिहास कार डॉ 0 अरविंद सक्सेना, , श्री गोविंद पाटीदार, श्री ओंकार पाटीदार, डाॅ 0 इंद्रेश पथिक, डॉ 0 कमला कौशिक, श्री अवध बिहारी माथुर, डॉ 0 निशि माथुर, डाॅ 0मिश्र सव्यसाची, डॉ 0 ऊषा खंडेलवाल सहित अनगिनत वरिष्ठ नागरिकों के नाम है जिन्हें देवेन्द्र सक्सेना के माध्यम से विभिन्न मंचों पर आमंत्रित किया व सम्मानित किया गया!
वरिष्ठ नागरिक साहित्यकार श्री विष्णु शर्मा हरिहर ने अयोध्या जन्म भूमि मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के अवसर पर बहुत प्रेरणादायी गीत ” राम सुमिरले राम सुमिरले राम जगत आधार रे ” लिखा जिसे गायक के रूप में आस्था सक्सेना संगीतकार के रूप में संगीताचार्य संगीता सक्सेना मिल गये किंतु शीघ्रता में खर्च उठाने के प्रायोजक नहीं मिल पाया तो देवेंद्र कुमार सक्सेना संगीता सक्सेना ने सम्पूर्ण खर्च उठा लिया वह गीत यूट्यूब चैनल पर बहुत लोकप्रिय हुआ।
देवेंद्र कुमार सक्सेना कोटा में करनी नगर विकास समिति द्वारा संचालित दिवा संगम में वर्ष 2004 से अब तक संगीत के अनगिनत संगीत कार्यक्रम सपरिवार शिष्यों के साथ कर चुके हैं अध्यक्ष श्री प्रवीण भंडारी ने बताया कि दिवा संगम के अंतर्गत साहित्य शिक्षा स्वास्थ्य एवं संगीत के एक हज़ार से ज्यादा कार्यक्रम हो चुके हैं जिनसे परिवार से विमुख बुजुर्गों का तनाव और एकाकी पन दूर हो रहा है। देवेंद्र कुमार सक्सेना, संगीताचार्य संगीता सक्सेना, गायिका ब्रांड एम्बेसेडर आस्था सक्सेना एवं इनके संगीत गुरू कुल परिवार का विशेष योगदान है सक्सेना परिवार के सहयोग से भारतीय संगीत के कई संगीत पुरोधा हमारे वरिष्ठ नागरिकों के बीच गायन प्रस्तुत करने आये।,,
आज के दौर में समाज में घर के बुजुर्गों के लिए समय नहीं है उन्हें लोग वृद्धाश्रम में छोड़ रहे हैं कहीं यात्रा में वृद्धों को साथ नहीं ले जाते हैं उन्हें सहयोग नहीं करते हैं उल्लेखनीय है कि
13 जनवरी 2007 को जोधपुर नरेश श्री गज सिंह जी के जन्मदिन पर इन्हें जोधपुर संगीत प्रस्तुति के लिए सपरिवार आमंत्रित किया। तब इंहे राष्ट्रपति कलाम साहब के बुजुर्ग वैज्ञानिक मित्र डॉ 0 ओपीएन कल्ला ने संगीत प्रस्तुति के लिए 12 अपने केंद्र पर आमंत्रित किया इन्होंने उनका आमंत्रण स्वीकार कर लिया।
जोधपुर यात्रा में ये अपने साथ कोटा के दो वरिष्ठ नागरिक शिक्षा विद श्री मनुभाई आड़े श्रीमती लीला आड़े को लेकर गए। 2016 में गायत्री तीर्थ शांतिकुंज हरिद्वार एवं देव संस्कृति विश्व विद्यालय की यात्रा हमने 75 वर्षीया कला पुरोधा प्रो0 सुधा अग्रवाल के सानिध्य में की वहां वरिष्ठ नागरिक कुलाधिपति श्रध्देय डॉ प्रणव पण्डया जी एवं श्रद्धेय शैल बाला जी का आशीर्वाद प्राप्त किया।
प्रतिकुलपति डॉ 0 चिन्मय पण्डया से मुलाकात हुई।
देवेंद्र सक्सेना का विश्वास है कि वयोवृद्ध ज्ञान के प्रकाश स्तम्भ होते हैं जिनके सानिध्य में भावी पीढ़ी को तत्काल प्रकाश व संरक्षण मिलता है। वे विशाल वट-वृक्ष होते हैं जिनकी छाया में शीतलता का अनुभव होता है। बच्चों को संस्कारित करने के लिए बुजुर्गों का सानिध्य संरक्षण एवं मार्गदर्शन बहुत आवश्यक है।
इतने रत्न दिए हैं कैसे जिससे देश महान है।
भारत की परिवार व्यवस्था ही रत्नों की खान हैं।
सचमुच वृद्ध जन धरती पर भगवान का रूप होते हैं उनके आशीर्वाद से सारी मुश्किल आसान हो जाती है मै बचपन में अपनी पूज्य दादी श्रीमती गजरी देवी बापूलाल, मध्य भारत के प्रथम मुख्यमंत्री पंडित लीलाधर जोशी संविधान निर्माण समिति सदस्य मा ०बलवंत सिंह मेहता विधायक डॉ 0 शैल कुमार शर्मा, माता पिता श्रीमती मगन देवी एवं पिता श्री हरिनारायण जी सेठ राजमल जैन श्रीमती रम्बो देवी श्री संतोषी लाल चौधरी श्रीमती चन्द्र कला चौधरी, गुरु श्री एन पी श्रीवास्तव जी और सभी बुजुर्गों को याद करते हुए उंहे श्रध्दांजलि अर्पित करता हूँ
अंतराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस पर सभी वृद्धों और उनके उत्थान के लिए लगी संस्थाओ को हार्दिक बधाई एवं शुभ कामनाएँ