उत्तराखंड सहित पूरे  देश में आज शुक्रवार 1 जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक वस्तुओं के उत्पादन, बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

प्लास्टिक कचरा प्रबंधन नियम के तहत सिंगल यूज प्लास्टिक की कुल 19 वस्तुओं पर यह प्रतिबंध लगाया गया है। इनमें थर्माकोल से बनी प्लेट, कप, गिलास, कटलरी जैसे कांटे, चम्मच, चाकू, पुआल, ट्रे, मिठाई के बक्सों पर लपेटी जाने वाली फिल्म, निमंत्रण कार्ड, सिगरेट पैकेट की फिल्म, प्लास्टिक के झंडे, गुब्बारे की छड़ें और आइसक्रीम पर लगने वाली स्टिक, क्रीम, कैंडी स्टिक और 100 माइक्रोन से कम के बैनर शामिल हैं।.

इस संबंध में वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के आदेश के बाद शहरी विकास विभाग ने भी दिशा निर्देश जारी किया हुआ हैं.

इससे रोजाना निकलने वाले आधे से ज्यादा प्लास्टिक कचरे में कमी आने की उम्मीद है

अब से सिंगल यूज प्लास्टिक और उससे बनी सामग्री, पॉलीथिन के बैग और थर्माेकोल के प्लेट-कटोरी की बिक्री नहीं होगी।

इनमें गुब्बारों, झंडों, कैंडी, आइसक्रीम में लगने वाली प्लास्टिक स्टिक, थर्माकॉल से बनी प्लेट, कप, गिलास, प्लास्टिक के चम्मच, कांटे, चाकू, तश्तरी के अलावा मिठाई के डिब्बों, निमंत्रण पत्र और सिगरेट पैकेट की पैकेजिंग में इस्तेमाल होने वाली फिल्म और 100 माइक्रॉन से कम के प्लास्टिक या पीवीसी बैनर भी शामिल हैं

यानी कि आज से आप बाजार में सामान लेने जाएं, तो घर से कपड़े या जूट का थैला लेकर निकलें। क्योंकि दुकानों और सुपरमार्केट में पॉलीथिन के कैरी बैग नहीं मिलेंगे। रोक के बावजूद अगर सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल करेगा तो एक लाख रुपये तक के जुर्माने और जेल की सजा का प्रावधान किया गया है।

आदेश के अनुसार सिंगल यूज प्लास्टिक के निर्माण, आयात, भंडारण, वितरण, बिक्री और उपयोग पर रोक रहेगी।

अगस्त 2021 में अधिसूचित नियम और 2022 के दौरान सिंगल यूज प्लास्टिक को चरणबद्ध रूप से समाप्त करने के भारत के प्रयासों के तहत 31 दिसंबर, 2022 तक प्लास्टिक कैरी बैग की न्यूनतम मोटाई को मौजूदा 75 माइक्रोन से 120 माइक्रोन में बदल दिया जाएगा। मोटे कैरी बैग सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग को समाप्त करने के उद्देश्य से लाए जाएंगे।

मंत्रालय ने कहा कि प्रतिबंध को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर नियंत्रण कक्ष स्थापित किए जाएंगे और अधिकारियों की टीम को प्रतिबंधित सिंगल यूज प्लास्टिक वस्तुओं के अवैध उत्पादन, आयात, वितरण, बिक्री रोकने का काम सौंपा जाएगा।

जानिए इससे जुड़े कुछ अहम तथ्य 

1.सिक्किम पहला राज्य है जिसने 1998 में सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग पर प्रतिबंध लगाया।

2.सरकार ने प्लास्टिक बैग की मोटाई के लिए एक मानक तय किया है और खुदरा विक्रेताओं द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले बैग के लिए शुल्क अनिवार्य कर दिया।

3.प्लास्टिक प्रदूषण रोकने के लिए सार्वजनिक स्थलों, राष्ट्रीय संपदाओं, जंगलों और समुद्री तटों पर साफ-सफाई अभियान शुरू किए गए हैं। पूरे देश में करीब 100 स्मारकों को शामिल किया गया है।

4.सड़क निर्माण में प्लास्टिक का उपयोग करना शुरू किया गया।

5.पर्यावरण और पारिस्थितिकी विकास सोसायटी ने दिल्ली में प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने के लिए बीट प्लास्टिक प्रदूषण नाम दिया गया।