डीपी उनियाल, नवल टाइम्स न्यूज़: पहाड़ों में बनाई जाने वाली इस मिठाई की खुशबू को देखकर सभी का मन इसका स्वाद चखने के लिए आकर्षित हो जाता है, जी हां बात कर रहे हैं पहाड़ी मिठाई “आड़से” की ।
पहाड़ों में हर शादी समारोह हों या फिर कोई शुभ कार्य, आडसे जरुर बनाये जाते हैं , कहीं भी रिश्ते में जाना हो या लड़कियों ने मायके से ससुराल जाना हो तो ‘आडसों’ के साथ रोटाने बनाकर भेजा जाता है , यूं तो हर गांव में बनाये जाते हैं लेकिन अब इसका स्वाद चखने के लिए अनेक कस्बों में स्वरोजगार को अपनाते हुए बनाये जाने लगे हैं,
उत्तराखंड में नरेन्द्र नगर विधानसभा क्षेत्र के “गजा ” कस्बे में बनाये जाने वाले आडसों के महक अब शहरों तक पहुंच गई है, लोकल से वोकल में गजा के इन आडसों ने अब अलग ही पहचान बना ली है
दिव्या जनरल स्टोर, गुनसोला स्वीट शाप , चौहान आडसा दुकान गजा के व्यापारी बताते हैं कि एक दर्जन लोगों को रोजगार देने के साथ ही सैकड़ों कुंतल आडसे एक साल में बनाकर अच्छी आमदनी हो जाती है, इसको बनाने की जानकारी नहीं होने से यह खराब हो जाते हैं ,
दिव्या जनरल स्टोर के विनेश सिंह चौहान बताते हैं कि चावलों के एक दिन पहले पानी में भिगो कर फिर सुखाने के बाद मशीन में डाल कर पिसाई करने के बाद कड़ाही में गुड़ का घोल तैयार करने के बाद चावल का आटा मिलाया जाता है तब तेल की कड़ाही में डालकर पकने के बाद छन्नी से निकाल देते हैं ।
स्वाद को बढ़िया बनाने के लिए चावल का आटा गुड़ की चासनी में मिलाने के बाद सफेद तिल, मिलाते हैं, लीजिए आप भी देखिए कैसे बनते हैं, गजा में बनाये जाने वाले आडसों की मांग अब शहरों में भी है।
इससे कुसबीर सिंह खाती, श्रीमती भागा देवी,सीमा देवी, सुनीता राणा, सुमति चौहान, इंदु चौहान, विनीता भंडारी, बवीता सजवाण आदि को रोजगार मिला है।
देश के साथ साथ विदेशों में भी गजा के आडसों की सुगंध ने अपनी अलग ही पहचान बना ली है।