डा0 संदीप भारदॄाज,एनटीन्यूज़,हरिद्वारः सचिव पेयजल नितेश झा ने मुख्य महाप्रबंधक एसके शर्मा की संस्तुति पर उत्तराखंड जल संस्थान ऊधमसिंहनगर के अधिशासी अभियंता समेत पौड़ी के सहायक अभियन्ता को पद के दुरुपयोग और अनुशासनहीनता पर निलंबित कर दिया है।
इसमें एक मामला बेहद गंभीर है, जिसमें उच्चाधिकारियों की मिलीभगत भी बताई जा रही है, लेकिन शासन ने इस मामले में प्रथम दृष्टया सहायक अभियंता को दोषी पाते हुए निलंबित किया है।
पहला मामला उत्तराखंड जल संस्थान उप खंड पौड़ी का है। आरोप है कि पौड़ी सब डिवीजन में कार्यरत सहायक अभियंता राकेश कुमार वर्मा ने बेटे को अपने डिवीजन में जल जीवन मिशन के तहत करोड़ों रुपये के ठेके आवंटित किए है। यह कर्मचारी आचार संहिता का खुला उल्लंघन है। कोई भी अधिकारी अपने परिवार या रिश्तेदार को ठेका नहीं दे सकता है। लेकिन सहायक अभियंता नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए बेटे से अपने डिवीजन में लाखों-करोड़ों के पेयजल के कार्य करवाए।
महाप्रबंधक गढ़वाल सुबोध कुमार की जांच में पद के दुरुपयोग और अनुशासनहीनता पर मामला सही पाया गया। जिसके बाद मुख्य महाप्रबंधक एसके शर्मा ने सहायक अभियंता राकेश कुमार के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन को संस्तुति की।
मामले को गम्भीर अपराध मानते हुए सचिव पेयजल नितेश कुमार झा ने पद के दुरुपयोग के आरोपी सहायक अभियंता राकेश कुमार को निलंबित करने के आदेश जारी कर दिए हैं। आदेश में कहा गया है कि निलंबन के दौरान उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता भी प्रतिबंधों के अधीन दिया जाएगा।
बड़ा सवाल यह है कि सहायक अभियंता के बेटे का सम्बंधित सर्किल में कैसे ठेकेदारी का लाइसेंस बन गया। यह सवाल यक्ष प्रश्न बन गया है। तब सम्बंधित अधिशासी अभियंता, अधीक्षण अभियंता और महाप्रबंधक गढ़वाल क्या कर रहे थे। क्या उक्त अधिकारियों ने अपने दायित्यों का पूरी तरह से निर्वहन किया है। नहीं किया तो क्या इन पर भी कार्रवाई नहीं होनी चाहिए। विभागीय सूत्रों की मानें तो यदि मामले की बाहरी एजेंसी से जांच कराई जाए, तो कई औरों की संलिप्तता उजागर हो सकती है। इस मामले के उजागर होने के बाद यह आशंका जताई जा रही है कि कई अन्य अधिकारियों ने भी इस तरह अपने परिवार और निजी रिश्तेदारों को विभाग में कार्य आवंटित किए होंगे, जिसका जांच के बाद चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं।
दूसरा मामला जल संस्थान के ऊधमसिंहनगर का है, जहां अधिशासी अभियन्ता तरुण शर्मा को भी कर्मचारी आचार नियमावली के उल्लंघन के आरोप में निलंबित किया गया है। बताया जा रहा है कि तरुण शर्मा मेडिकल छुट्टी पर थे। बीच मे आकर उन्होंने बिना उच्चाधिकारियों की अनुमति के स्वतः ही कार्यभार ग्रहण कर लिया। इस प्रकरण को भी गम्भीर अनुशासनहीनता मानते हुए सचिव पेयजल ने तरुण शर्मा को भी सस्पेंड कर आदेश जारी कर दिए हैं।