उत्तराखंड : पिथौरागढ़ जिले में भूस्खलन के बाद एक मुख्य सड़क बह जाने से कम से कम 300 यात्री फंस गए हैं।

जानकारी के मुताबिक बुधवार शाम पिथौरागढ़ के लिपुलेख-तवाघाट सड़क के पास भूस्खलन (Pithoragarh Landslide) होने से यहां पर आवाजाही ठप हो गई हैं. लैंड स्लाइड होने के कारण यहां करीब तीन सौ लोग फंस गए हैं।

वहीं, कई जिलों में बारिश का सिलसिला लगातार जारी है, जिससे नुकसान की खबरें भी सामने आ रही हैं। साथ ही खबर है कि कहीं वाहन मलबे में दब गए हैं, तो कहीं जन जीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।

लखनपुर के पास धारचूला से 45 किमी ऊपर लिपुलेख-तवाघाट सड़क, पहाड़ी का एक बड़ा हिस्सा सड़क पर गिरने के बाद 100 मीटर बह जाने के बाद यात्री धारचूला और गुंजी में फंसे रह गए।

सूत्रों के हवाले से बताया, पिथौरागढ़ के बाहरी इलाके में, लिपुलेख-तवाघाट मोटर रोड, धारचूला से 45 किमी ऊपर, लखनपुर के पास, भूस्खलन के कारण 100 मीटर बह गया है। लगभग 300 लोग धारचूला और गुंजी में फंसे हुए हैं। दो दिनों के बाद सड़क को यातायात के लिए खोल दिए जाने की उम्मीद है।

मौसम विभाग ने राज्य के अल्मोड़ा, बागेश्वर, चमोली, चंपावत, देहरादून, गढ़वाल, हरिद्वार, नैनीताल, पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग, टिहरी गढ़वाल, ऊधमसिंह नगर और उत्तरकाशी जिलों में धूल भरी आंधी और गरज के साथ छींटे पड़ने का अलर्ट जारी किया है

पुलिस ने भी एडवाइजरी जारी कर सभी तीर्थयात्रियों को सुरक्षित जगहों पर रहने को कहा है। उन्होंने कहा, तीर्थयात्री कृपया सुरक्षित स्थानों पर रहें, अनावश्यक रूप से यात्रा न करें और वाहनों को सुरक्षित स्थानों, भूस्खलन/भौगोलिक स्थानों पर पार्क करें। मौसम साफ होने पर ही यात्रा करें।

उन्होंने कहा, यमुनोत्री और गंगोत्री धाम यात्रा के लिए आने वाले सभी श्रद्धालुओं से अनुरोध है कि वे मौसम का पूर्वानुमान लेने के बाद अपनी यात्रा की योजना बनाएं, यात्रा के दौरान अपने साथ रेन कवर, छाता और ऊनी/गर्म कपड़े जरूर रखें।