श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय में उद्यमिता और नई सोच के प्रोत्साहन के लिए देवभूमि उद्यमिता केंद्र द्वारा आयोजित किए गए “उद्यमिता विकास कार्यक्रम” के सातवें दिन TT एकेडमी के मालिक और उद्यमिता विशेषज्ञ, श्री मंदीप आसवाल, ने उद्यमिता के महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपने दृष्टिकोण साझा किया और उद्यमिता के लिए महत्वपूर्ण टिप्स और सुझाव प्रदान किए।
इस अवसर पर सफल उद्यमी श्री ऋतु राज ने अपने उद्यमिता सफलता की कहानी साझा की और उद्यमिता में सफलता प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश प्रदान किए जो उद्यमिता के क्षेत्र में नये आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करता है।
आज के व्याख्यानों ने युवाओं में उद्यमिता की भावना को प्रोत्साहित किया है और उन्हें स्वयं को साकार करने के लिए प्रेरित किया है। उन्होंने विद्यार्थियों को बाजार सर्वेक्षण करना सिखाया जिसके तहत विद्यार्थियों को बाजार में वस्तुओं – सेवाओं की मांग का अध्ययन करना व उसी अनुसार अपना उद्यम स्थापित करना तथा बाजार में किस प्रकार से प्रतिस्पर्धा करते हुए अपने उद्यम को अपने प्रतिस्पर्धियों से बेहतर बनाया जा सकता है सिखाया।
उन्होंने उद्यमिता के महत्व और उसके अनेक पहलुओं पर अपने विचार साझा किए और अपने व्यवसाय को बढ़ावा देने के तरीकों के बारे में जानकारी दी। विद्यार्थियों ने काफी उत्साह के साथ अपने उद्यम संबंधी योजनाओं को रिसोर्स पर्सन के साथ सांझा किया। उद्यमिता के इस कार्यक्रम ने उद्यमिता के प्रति विद्यार्थियों के आंतरिक और बाहरी विकास को बढ़ावा दिया है।
देवभूमि उद्यमिता योजना की नोडल अधिकारी, प्रोफेसर अनिता तोमर ने बताया कि विभिन्न देशों की सरकारें उद्यमिता को समर्थन करने के लिए विभिन्न उपाय का अमल कर रही हैं। भारत में सरकार ने ‘स्टार्टअप इंडिया’ पहल शुरू की है, जिसमें स्टार्टअप्स को कर लाभ, वित्त पोषण, और मेंटरशिप प्रदान की जाती है।
अन्य देशों में भी ऐसी ही पहलें देखने को मिलती हैं, जो उद्यमिता पारिस्थितिकियों को बढ़ावा देने और आर्थिक विकास को गति प्रदान करने का लक्ष्य रखती हैं।
श्रीदेव सुमन यूनिवर्सिटी के वाईस-चांसलर, माननीय प्रोफेसर एन.के. जोशी ने खुशी प्रकट करते हुए बताया कि विश्वविद्यालय ने उद्यमिता पर केंद्रित कार्यक्रमों और पाठ्यक्रमों की पेशकश की है।
उद्यमिता विकास कार्यक्रम उद्यमिता क्षमता को बढ़ाने और उनके विचारों को वास्तविकता में बदलने का मंच प्रदान करेगा। इस कार्यक्रम के द्वारा युवा आत्मनिर्भर बन सकेंगे ।