ऋषिकेश, 25 फरवरी 2025 -पंडित ललित मोहन शर्मा परिसर ऋषिकेश श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय में संचालित हो रहे 12 दिवसीय उद्यमिता विकास कार्यक्रम के दूसरे दिन की शुरुआत देवभूमि उद्यमिता योजना के प्रोजेक्ट अधिकारी श्री अभिषेक नंदन के प्रेरणादायक सत्र से हुई, जिसमें उन्होंने नवोदित उद्यमियों को सही मार्गदर्शन और आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता पर जोर दिया।
उद्यमिता विकास केंद्र अहमदाबाद के प्रोजेक्ट अधिकारी श्री अभिषेक नंदन ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि वो दृढ़शक्ति और जोखिम से निपटने के संकल्प के साथ एक सफल उद्यमी बन सकते हैं।
उन्होंने कहा कि नवाचारों के प्रयोग के द्वारा वर्तमान समय में प्रचलित व्यवसायों को नए स्वरूप में विकसित किया जा सकता है ।जैसे नई विधि ,नई तकनीक, नए उत्पाद, नयी सेवा सुविधा के साथ विद्यार्थी अपना स्वयं का स्टार्ट अप प्रारंभ कर सकते हैं।
उद्यमिता विकास कार्यक्रम में स्थानीय स्तर पर स्टार्टअप शुरू करने वाली डायल ऋषिकेश की संस्थापक श्रीमती बीना जखमोला ने अपने स्टार्ट अप के वास्तविक जीवन के अनुभवों को छात्र/छात्राओं के मध्य साझा किया जिससे छात्रों को उद्यमिता की व्यावहारिक समझ मिली।
उन्होंने अपने सफर के संघर्षों और उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि कैसे उन्होंने एक विचार को एक सफल व्यवसाय में बदलाउन्होंने कहा,”एक उद्यमी के रूप में चुनौतियाँ हमेशा रहेंगी, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण है हार न मानना। जब मैंने डायल ऋषिकेश की शुरुआत की, तो संसाधनों की कमी, स्थानीय बाजार की समझ, और निवेश की समस्या जैसी कई बाधाएँ आईं। लेकिन एक स्पष्ट लक्ष्य और सही रणनीति के साथ आगे बढ़ने से मैं सफलता प्राप्त कर सकी।”उन्होंने प्रतिभागियों को यह भी सलाह दी कि वे छोटे स्तर से शुरुआत करें, बाजार की गहराई से समझ विकसित करें, और अपने नेटवर्क को मजबूत करें।”स्थानीय संसाधनों और अपनी सांस्कृतिक विरासत को पहचानिए, यही आपकी सबसे बड़ी ताकत हो सकती है।”
इस अवसर पर देव भूमि उद्यमिता केंद्र की नोडल अधिकारी प्रोफेसर अनिता तोमर ने बताया कि परिसर से पूर्व में कई विद्यर्थियों ने अपने नए बिज़नेस प्लान प्रस्तुत किये थे। जिसमें से कई छात्रों ने स्थानीय संसाधनों पर आधारित उत्पाद विकसित किया है।
उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य युवाओं को आत्मनिर्भर बनाना और उन्हें सही दिशा में अग्रसर करना है। यह कार्यक्रम न केवल उनके कौशल को निखारेगा, बल्कि उन्हें अपने स्टार्टअप को सफलतापूर्वक स्थापित करने में मदद करेगा। दूसरे दिन प्रतिभागियों ने स्टार्टअप विचारों को विकसित करने और व्यावसायिक मॉडल तैयार करने पर मार्गदर्शन प्राप्त किए। ।
कार्यक्रम के अंत में, ओपन हाउस डिस्कशन का आयोजन किया गया, जिसमें छात्रों ने विशेषज्ञों से अपने उद्यमिता से जुड़े प्रश्न पूछे और उपयोगी सुझाव प्राप्त किए।
मेंटर प्रोफेसर धर्मेंद्र तिवारी ने कहा कि युवा उद्यमियों को एक सशक्त पारिस्थितिकी तंत्र (ecosystem) विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया।
उन्होंने कहा, कि विद्यर्थियों नवाचार और समर्पण के साथ यदि सही मार्गदर्शन मिले, तो युवा उद्यमी अपने विचारों को सफल व्यावसायिक योजनाओं में बदल सकते हैं। हमारा प्रयास इसी दिशा में है कि वे अपने स्टार्टअप को मजबूत आधार दें।
प्रोफेसर अंजनी दुबे और डॉक्टर शालिनी रावत ने भी विद्यार्थियों को उद्यमिता के लिए मत्वपूर्ण टिप्स दिए। इस कार्यशाला में 45 से अधिक विद्यार्थी उपस्थित रहे।
आगामी दिनों में, प्रतिभागियों को अपने स्टार्टअप पिच प्रस्तुत करने का अवसर मिलेगा, साथ ही एक स्टार्टअप प्रदर्शनी का भी 07 फरवरी 2025 को आयोजन किया जाएगा, जिससे वे अपने इनोवेटिव आइडियाज को निवेशकों और उद्योग विशेषज्ञों के सामने रख सकें।
उद्यमिता विकास कार्यक्रम (EDP 2025) का यह दूसरा दिन नवोदित उद्यमियों के लिए अत्यंत ज्ञानवर्धक और प्रेरणादायक रहा, जिसने उनके आत्मनिर्भर बनने की दिशा में एक नया दृष्टिकोण प्रदान किया।