एफआरआई , देहरादून द्वारा 07 सितम्बर 2022 को किसान मेले का आयोजन किया गया। कायर्क्रम का आयोजन विस्तार प्रभाग, वन अनुसंधान संस्थान द्वारा किया गया। निदेशक, वन अनुसंधान संस्थान, देहरादून डा0 रेनू सिंह, भा.व.से. ने स्वागत भाषण दिया। उन्होंने उपस्थित सभी गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया और कायर्क्रम की विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत की। कायर्क्रम के मुख्य अतिथि श्री ए.एस. रावत, भा.व.से., महानिदेशक, भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद, देहरादून ने उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता की और उद्घाटन भाषण दिया। कायर्क्रम समापन सुश्री ऋचा मिश्रा, भा.व.से., प्रमुख, विस्तार प्रभाग, वन अनुसंधान संस्थान के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ।
उद्घाटन सत्र के बाद मुख्य अतिथि ने मेला सह प्रदशर्नी का औपचारिक उद्घाटन किया। किसान मेला ने संस्थान के विभिन्न प्रभागों द्वारा विकसित प्रौद्योगिकियों का प्रदशर्न किया। वन संवधर्न एवं प्रबंधन प्रभाग, रसायन एवं जैव-पूवेर्क्षण प्रभाग, राष्ट्रीय वन पुस्तकालय एवं सूचना केन्द्र, आनुवंशिकी एवं वृक्ष सुधार प्रभाग, वन उपज प्रभाग, अकाष्ठ वन उपज शाखा ने आयोजन स्थल पर स्टाॅल लगाए। इसके अलावा वाटरशेड प्रबंधन निदेशालय, भारतीय पेट्रोलियम संस्थान, कृषि विज्ञान केन्द्र, देहरादून, औषधीय और सुगंधित पौधे संस्थान, भारतीय मृदा और जल संरक्षण संस्थान द्वारा स्टाॅल लगाए गए। छोटे उद्यमियों, स्वयं सहायक समूहों और कृषि उद्यमियों के स्टाॅल भी लगाए गए।
मेले प्रांगण में स्थित किसान गोष्ठी हाॅल में तकनीकी सत्र का आयोजन किया गया। उत्कृष्ट प्रजातियों के उत्पादन के लिए नसर्री तकनीक, उत्पादकता वृद्धि के लिए गुणवत्ता रोपण सामग्री, आय सृजन के लिए कृषिवानिकी, लकड़ी/अकाष्ठ वन उपज के लिए मूल्य संवधर्न और कृषि वानिकी में कीट और रोग प्रबंधन पर सत्र आयोजित किए गए। अंत में दशर्कों के सामने पयार्वरण से संबंधित मुद्दों और संस्थान की विभन्न तकनीकों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए एक लघु नाटक का मंचन भी किया गया।
कायर्क्रम की एंकरिंग सुश्री विजया रात्रे, भा.व.से. ने की। कायर्क्रम में धूलकोट, ढालवाला, ऋषिकेश, रुड़की, उमेंदपुर, प्रेमनगर आदि से आए किसानों ने भारी संख्या में भाग लेकर कायर्क्रम को सफल बनाया। इन सत्रों में कृषकों ने बढचढकर हिस्सा लिया।
कायर्क्रम के अंत में एक इंटरएक्टिव रखा गया, जिसकी अध्यक्षता निदेशक वन अनुसंधान संस्थान द्वारा की गई। विस्तार प्रभाग की पूरी टीम डा0 चरण सिंह, वैज्ञानिक-सफ, डा0 देवेन्द्र कुमार, वैज्ञानिक-ई, श्री रामबीर सिंह, वैज्ञानिक-ई, श्री विजय कुमार, सहायक वन संवधर्निक, श्री प्रीतपाल सिंह, वन राजि अधिकारी, श्रीमती पूनम पंत, अनुभाग अधिकारी, श्री रमेश सिंह, सहायक, श्री अनिल कुमार तकनीशिन, श्री खीमानंद, वरिष्ठ तकनीकी सहायक, श्री चन्द्र मोहन, बहुकायर्कमीर् के अथक परिश्रम करके कायर्क्रम को सफल बनाने में अपना अमूल्य सहयोग दिया।