एलोवेरा जूस पोषक तत्वों से भरपूर होता है। एलोवेरा के रस में विटामिन बी, सी, ई और फ़ॉलिक एसिड जैसे महत्वपूर्ण विटामिन और खनिज होते हैं। इसे अपनी डायट में शामिल करके आप पोषक तत्वों की कमी को पूरा कर सकते हैं। एलोवेरा का उचित मात्रा में सेवन फायदेमंद है।

हालांकि एलोवेरा के जेल और जूस के कई ब्रैंड आपको बाज़ार में बहुत ही आसानी से मिल जाएंगे, लेकिन आप एलोवेरा की पत्तियों से घर पर ही इन्हें तैयार करें। इससे आप केमिकल-युक्त प्रॉडक्ट्स से बच जाएंगे। एलोवेरा प्लांट को घर में लगा दें। घर की सुंदरता बढ़ाने के साथ यह आपको ऑक्सीजन भी देगा और आप  सभी लाभ भी उठा सकेंगे, और इसकी देखभाल बहुत आसान है।

एलोवेरा यह कैक्टस प्रजाति का पौधा है, जो गर्म और शुष्क जलवायु में उगाया जाता है। इसके कई नाम है जैसे-ग्वारपाठा, धृतकुमारी। बहुत से फायदों की वजह से इसे चमत्कारी पौधा भी कहते है। वर्षों से आयुर्वेदिक दवाइयां बनाने के लिए इसका इस्तेमाल होता आ रहा है।

एलोवेरा का महत्व :  एक औषधि के रूप में उपयोग में लाए जाने वाला यह एलोवेरा कई पोष्टिक तत्वों से भरा पड़ा है। इनमें 12 विटामिन, 18 अमीनो एसिड, 20 खनिज, 75 पोषक तत्व और 200 सक्रिय एंजाइम शामिल हैं। इसके अलावा कई रासायनिक गुण खनिज कैल्शियम, जस्ता, तांबा, पोटेशियम, लोहा, सोडियम, मैग्नीशियम, क्रोमियम और मैंगनीज प्रचुर मात्रा में पाया जाता है और इसमें विटामिन के गुण भी भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। विटामिन ई, विटामिन सी, विटामिन बी 12, बी 6, बी 2, बी 1, विटामिन ए, बी 1, बी 2, बी 6, नियासिन और फॉलिक एसिड शामिल है।

जानिए एलोवेरा जूस के  इस्तेमाल और उनसे होनेवाले फ़ायदों के बारे में :-

मधुमेह (डायबिटीज़) में:  यदि आप डायबिटीज की समस्यां से परेशान हैं तो 10 ग्राम एलोवेरा के रस में 10 ग्राम करेले का रस मिलाकर कुछ दिनों तक सेवन करने से डायबिटीज से मुक्ति मिल जाएगी। साथ ही 20 ग्राम आंवले के रस में 10 ग्राम एलोवेरा के गूदे को मिलाकर प्रतिदिन सुबह सेवन करें। यह शूगर की बीमारी को दूर करेगा।

रोज़ाना दो टेबलस्पून एलोवेरा जूस का सेवन ब्लड में शुगर लेवल को कम करने में मददगार साबित होता है। यानी आप इसका इस्तेमाल डायबिटीज़ कंट्रोल के लिए कर सकते हैं। आप इसे जूस के साथ मिलाकर या फिर पानी के साथ ले सकते हैं। कोशिश करें कि ताज़े पल्प से ही जूस बनाएं, इससे आप केमिकल-युक्त बाज़ार के एलोवेरा जूस से बच सकेंगे।

पाचन संबंधित समस्या : आपने हमेशा पेट में गैस बनना और खाने के न पचने की समस्यां के बारे में तो सुना ही होगा। हमारे शरीर में पेट संबंधी कोई भी बीमारी हो तो आप 20 ग्राम एलोवेरा के रस में शहद और नींबू मिलाकर सेवन करें। यह पेट की बीमारी को दूर तो करता ही है। साथ ही साथ पाचन शक्ति को भी बढ़ाता है।

कब्ज़ से राहत में :  एलोवेरा में लैक्ज़ेटिव गुण पाया जाता है, जो पेट साफ़ करके आपको कब्ज़ से राहत दिलाता है। इसमें फ़ाइबर की मात्रा भी काफ़ी होती है, जो भोजन को ठीक से पचाने का काम करता है। अगर आपको बारी-बार कब्ज़ की समस्या होती है तो रोज़ाना दो टेबलस्पून एलोवेरा जूस लें, यह पाचन तंत्र को दुरुस्त करता है और आंत की अच्छी बैक्टीरिया को दुरुस्त रखने का काम करता है। आप घर पर एलोवेरा की ताज़ी पत्तियों से जूस बना सकते हैं।

यह समस्यां किसी भी उम्र के लोगों को हो सकती है। इस रोग को दूर करने के लिए एलोवेरा के रस का सेवन करने से बहुत ज्यादा फायदा होता है। छोटे बच्चों में कब्ज के लिए जूस व हींग मिलाकर नाभि के चारों ओर लगा दें, इससे लाभ मिलेगा। इसके अलावा यकृत मे बड़ रही सूजन में इसके गुदे का सेवन सुबह-शाम करने से यकृत की कार्यक्षमता बढती है। इससे पीलिया रोग भी दूर होता है।

माउथवॉश:  बाज़ार में मिलने वाले केमिकल युक्त माउथवॉश की जगह एलोवेरा अर्क एक सुरक्षित और प्रभावी विकल्प है। विटामिन सी से भरपूर यह प्लांट बेस नैचुरल इंग्रीडिएंट यानी एलोवेरा जेल का इस्तेमाल मसूड़ों के सूजन और आनेवाले ख़ून से राहत प्रदान करता है। आप एलोवेरा जूस को पानी में मिलाकर कुल्ला भी कर सकते हैं।

इम्यून सिस्टम (रोग प्रतिरोधक प्रणाली): एलोवेरा पौधे के रस में रोगों से लड़ने की क्षमता होती है। क्योंकि इसमें रोग प्रतिरोधक तत्व मौजूद होतें हैं। जो हमारे शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं। जिससे शरीर में चुस्ती व स्फूर्ति बनी रहती है।

वज़न घटाने में : एलोवेरा में प्रोटीन, विटामिन और ऐंटी-ऑक्सिडेंट्स पाए जाते हैं, जो बॉडी डीटॉक्स में मदद करते हैं। सुबह के समय एक ग्लास गुनगुने पानी में 2 टेबलस्पून एलोवेरा जूस और 1 टेबलस्पून आंवला जूस मिलाकर लें। इसे लेने के बाद क़रीब एक घंटे तक कुछ ना खाएं। इसे नींबू के जूस के साथ भी ले सकते हैं। और आप एलोवेरा और अदरक की चाय बनाकर भी पी सकते हैं। इससे आपके वज़न में तेज़ी से कमी आएगी।

(गठिया रोग) रियूमाटोईड अर्थरोइटिस (संधिशोथ) में:  इसमें रोगी के हाथ, पैर जोड़ों में दर्द, अकड़न या सूजन आ जाती है। साथ जोड़ों में गांठें बन जाती हैं ,इस रोग को गठिया रोग भी कहते हैं। जिसका सही इलाज एलोवेरा में पाया गया है। पहले इसके दो फांक कर इसमें हल्दी भरकर हल्का गर्म कर लें और प्रभावित भाग पर लगातार पट्टी लगायें ऐसा आप लगातार 10 से 15 दिनों तक करें। गठिया, जोड़ो में दर्द, मोच या सूजन में काफी राहत मिलेगी। जोड़ो के दर्द में एलोवेरा जूस का सेवन सुबह-शाम खाली पेट करें और प्रभावित जोड़ो पर लगाने से विशेष फायदा होता है

सर्दी खांसी में : बच्चों में हो रही सर्दी, जुकाम या खांसी पर 5 ग्राम एलोवेरा के ताजे रस में शहद मिलाकर सेवन कराएं। इससे बच्चों को फायदा होगा। एलोवेरा के गूदे का सेवन रोज करने से शरीर में कैल्शियम की कमी को दूर किया जा सकता है।

एंटी एजिंग जेल: एलोवेरा एक जेल के रूप में काम करता है। ये हमारे शरीर के कोमल तत्वों को हानि नहीं पहुंचने देता। चेहरे में इसके जेल का प्रयोग करने से एलोवेरा बुढ़ापा नजर आने वाले तत्वों को नष्ट करता है।त्वचा में झुर्रियां पड़ने लगती है। एलोवेरा के रस का सेवन करने से चेहरा दमकने लगता है। झुर्रिया भी दूर होने लगती है। एलोवेरा हमारे शरीर के अंदर की सफाई कर उनमें नवीन शक्ति तथा स्फूर्ति भरता है। एलोवेरा जैल हर उम्र के लोग इस्तेमाल कर सकते है।

धूप में फायदेमंद:  सूर्य की किरणें हमारे चेहरे की त्वचा पर ज्यादा असर दिखाती हैं। क्योंकि हमारी त्वचा काफी नरम और संवेदनशील होती है। एलोवेरा में सूर्य की किरणों से लड़ने के शक्तिशाली चिकित्सक गुण होते है। इसके हर्बल हमारे चेहरे में एक परत के रूप में काम करते है और साथ ही इसके एंटी ऑक्सीडेंट गुण नमी की कमी की भरपाई करने में मदद करते हैं।

  • एलोवेरा जूस आपके लिवर को स्वस्थ रखने का एक बेहतरीन तरीक़ा है। ऐसा इसलिए है कि जब आपका शरीर पर्याप्त रूप से पोषित और हाइड्रेटेड होता है तो ऐसे में लिवर सबसे अच्छे ढंग से काम करता है।
  • बालों को झड़ने और रूखेपन से बचाने के लिए एलोवेरा जेल का इस्तेमाल कर सकते हैं। 96% पानी और ढेरों एमिनो एसिड्स से भरपूर इस पारदर्शी जेल में विटामिन ए, बी, सी और ई होता है, जो आपके शरीर, त्वचा और बाल को आवश्यक पोषण देता है। एलोवेरा स्कैल्प के सीबम के प्रॉडक्शन और पीएच स्तर को संतुलित करता है। जिससे बालों का झड़ना कम होता है और बालों की ग्रोथ बढ़ती है। यह त्वचा को मॉइस्चराइज़्ड और हाइड्रेटेड रखता है।
  • बिना ऑयल वाले इसके सौम्य जेल से नाइट क्रीम बना सकते हैं। सूरज की हानिकारक किरणों से बचने के लिए आप इसके जेल की मदद से त्वचा को लेयर दे सकते हैं।
  • एलोवेरा जेल सनबर्न से बचाने और घावों को भरने में हमारी मदद करता है।

 

सावधानियां:

एलोवेरा बहुत ही प्राचीन औषधि के नाम से जानी जाती है। जो त्वचा-संबंधी रोगों में काफी असरदार रही है। लेकिन कुछ रोग ऐसे होते है, जिनका उपचार डॉक्टर की सलाह से ही करवाना चाहिए

•मधुमेह के रोगी इसे बिना डाक्टर के परामर्श के न लें।

•यह बवासीर, जिगर या पित्ताशय से पीडि़त लोगों को इसके उपयोग करने से बचना चाहिए।

•एलोवेरा की तासीर गर्म होती है इसलिए गर्भावस्था या मासिक धर्म के दौरान इसे लेने से बचें।

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