ओंकारानन्द सरस्वती राजकीय महाविद्यालय देवप्रयाग टिहरी गढ़वाल में भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय के तत्वाधान में राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन एवं राज्य परियोजना प्रबन्धन ग्रुप के महत्वकाक्षी कार्यक्रम नमामि गंगे तथा आई० क्यू० ए०सी० के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित तीन दिवसीय योग शिविर कार्यक्रम का  समापन हो गया।

समापन के इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में सामाजिक कार्यकर्त्ता सुधीर मिश्रा जी विशिष्ट अतिथि के रूप में वन क्षेत्राधिकारी, देवप्रयाग दीक्षा भट्ट, पतंजलि गुरुकुलम मूल्यागांव से साध्वी देवसुता जी एवं आचार्य शारदा जी उपस्थित रही।

कार्यक्रम का संचालन करते हुए सर्वप्रथम नमामि गंगे नोडल अधिकारी श्रीमती शीतल द्वारा महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो० प्रीति कुमारी एवं मंचासीन अतिथिगणों को मां शारदे के समक्ष दीप प्रज्वलित करने हेतु आमंत्रित किया गया इसके बाद छात्राओं द्वारा सरस्वती वन्दना प्रस्तुत की गयी। कार्यक्रम का शुभारम्भ महाविद्यालय की प्राचार्य द्वारा वैदिक परम्पराओं का अनुसरण करते हुए यज्ञ / हवन करके किया गया।

पतंजलि गुरूकुलम् से साध्वी देवसुता जी एवं आचार्य शारदा जी के द्वारा वैदिक मंत्रों के साथ महाविद्यालय विकास की मंगलकामनाएँ करते हुए सभी वैदिक क्रिया कलापों को सम्पन्न कराया गया। इसके पश्चात विशिष्ट अतिथि के रूप में आमन्त्रित वन क्षेत्राधिकारी दीक्षा भट्ट जी ने अपने वक्तव्य में योग के महत्व को बताते हुए कहा कि योग एक एकीकृत व्यायाम है इसे दैनिक जीवन में शामिल करने पर उन्होंने जोर दिया। साथ ही यह भी बताया कि महिलाओं को अपने स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देना चाहिए क्योंकि महिलाओं पर बॉयलोजिकल उत्तरदायित्व ज्यादा होता है तथा वन्य जीव दिवस के उपलक्ष में वन्य जीवों के संरक्षण एवं उनके प्रति सौहार्द भाव रखने का संदेश उनके द्वारा छात्र छात्राओं को दिया गया।

इसके बाद पतंजलि गुरुकुलम के प्रशिक्षकों के साथ महाविद्यालय के छात्र छात्राओं ने मनमोहक यौगिक गतिविधियों का आयोजन किया इसके बाद सामाजिक कार्यकत्ता सुधीर मिश्रा जी ने अपने उदबोधन के माध्यम से स्वामी रामदेव जी द्वारा विश्व भर में योग के प्रचार-प्रसार हेतु किये जा रहे कार्यों की सराहना करते हुए छात्र-छात्राओं को अपने जीवन में योग को आत्मसात करने का संदेश दिया।

इस अवसर पर नमामि गंगे की नोडल अधिकारी ने कहा कि योग हमारी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर है योग एकीकरण का काम करता है योग से ही कर्मों में कुशलता आती है अतः सभी जनमानस को योग को अपने जीवन में अंगीकार करना चाहिए। इसके पश्चात महाविद्यालय की प्राचार्य एवं प्रध्यापकों द्वारा योग शिविर में प्रतिभाग करने वाले सभी छात्र/ छात्राओं को मैडिल, स्मृति चिन्ह और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।

तत्पश्चात नमामि गंगे की नोडल अधिकारी श्रीमति शीतल वालिया डॉ० जी० पी० थपलियाल ने कार्यक्रम में आमंत्रित पतंजलि गुरुकुल के योग प्रशिक्षकों, सभी अतिथियों एवं उपस्थित छात्र/छात्राओं प्राध्यापकों एवं कर्मचारियों का धन्यवाद ज्ञापित किया।

कार्यक्रम के अन्त में महाविद्यालय के प्राचार्य द्वारा अपने शुभ आशीष वचनों से सभी सम्मानित अतिथिगणों एवं छात्र/छात्राओं को अभिसिंचित करते हुए कार्यक्रम के समापन की उदघोषणा की।