नवाचार एवं कौशल विकास प्रकोष्ठ तथा योजना मंच के संयुक्त तत्वाधान में आज राजकीय कला कन्या महाविद्यालय कोटा में ‘वित्तीय जागरूकता’ विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया।
एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड ऑफ इंडिया से पधारे श्री यश गुप्ता, डीलर इन एसबीआई म्यूच्युअल फंड, द्वारा मार्केट केपीटलाइजेशन के क्षेत्र में निफ्टी की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला गया।
आपने बताया स्टॉकहोल्डर को अच्छा रिटर्न मिले इसके लिए उन्हें अच्छी साख वाली कंपनी में निवेश करना चाहिए क्योंकि ये कम समय में अधिक रिटर्न प्रदान करती है। स्टॉक्स में इंडिया की टॉप कंपनी को इंडेक्स के रिटर्न के आधार पर मापा जाता है।
आपने सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के तीन प्रकार बताये जैसे म्यूच्यूअल फण्ड, शेयर्स और स्टॉक्स। इन सभी के बारे में विस्तार पूर्वक चर्चा करते हुए उन के लाभ बताए। मार्केट रिस्क को संभावित बताते हुए किस प्रकार से उसे रिस्क को कम किया जाए इसके बारे में जानकारी दी गई। सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान में अनुशासित तरीके से इन्वेस्ट करने से न्यूनतम रु 500 की राशि से हम कैसे 15 से 35 प्रतिशत तक रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं।
इस बात की जानकारी देते हुए छात्राओं को आपने बताया कि म्यूचुअल फंड का न्यूनतम इन्वेस्टमेंट राशि एक हजार रुपए है जो की सावधि जमा की तुलना में ज्यादा ब्याज दर प्रदान करता है। बाजार भाव अधिक होने पर किए गए निवेश स्टॉक मार्केट वैल्यू कम होने पर भी औसत से अच्छा इंटरेस्ट प्राप्त हो जाता है। रू 2000 की राशि को एसआईपी के जरिए निवेश कर हम 30 साल बाद चक्रवर्ती ब्याज की बढ़ोतरी दर के हिसाब से 88 लाख के निकट पहुंचा सकते है। अपने छात्राओं को प्रोत्साहित किया की वे नेशनल इंस्टीट्यूट इन सिक्योरिटीज एंड मार्केटिंग कोर्स के बारे में जाने।
उन्होंने यह बताया कि एक स्टॉक एक्सचेंज की एकेडमी है जो की वित्तीय जागरूकता एवं साक्षरता को प्रोत्साहित करती है। पैन कार्ड और आधार कार्ड के माध्यम से ही हम ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही तरीके से इन्वेस्ट कर सकते हैं ऑनलाइन ऐप जैसे कि ग्रो, अपस्टॉक आदि को भी निवेश हेतु प्रयोग किया जा सकता है, और उसको किस तरह से सेफ एंड सिक्योर बनाया जा सकता है इसके बारे में भी छात्राओं की जिज्ञासाओं को शांत किया।
ज्ञानेंद्र शर्मा, रिलेशनशिप मैनेजर, एसबीआइ लाईफ, ने बताया कि किसी कंपनी में भागीदारी लेने से उसके लाभ के हिस्से को प्राप्त करना ही शेयर लेना है। मार्केट क्रैश की स्थिति में शेयर लेना रिस्की होता है क्योंकि ऐसी स्थिति में हमारा लाभांश गिर जाता है। म्युचुअल फंड ऐसी कंपनी में पैसा लगाता है। जिसका पोर्टफोलियो अच्छा होता है और वह एक से अधिक कंपनी में एक समय में पैसा लगाया जाता है, जिससे कि जोखिम कम हो जाता है। न्यूनतम 500 रुपए की राशि से शुरू करके हम इसको अपनी एक वित्तीय मजबूती के रूप में अपना सकते हैं।
आपने बताया कि अहलूवालिया मॉल में प्रत्येक शनिवार को एसबीआइ लाइफ के जॉब सेमिनार भी आयोजित किए जाते हैं, जिसमें की छात्र-छात्राएं पार्ट टाइम जॉब कर इससे कमाई कर सकती हैं और उस कमाई को इन्वेस्ट भी कर सकती है।
लाइफ इंश्योरेंस प्लान भी होते हैं जो कि टैक्स फ्री रिटर्न देते हैं और इसमें 10 से 15 प्रतिशत तक रिटर्न प्राप्त किया जा सकता है। कई बार हम ऑनलाइन निवेश करते समय रिस्क फैक्टर के बारे में पता नहीं कर पाते हैं और गलत जगह पर इन्वेस्ट करने के कारण हमारा पैसा डूबने की संभावना अधिक हो जाती है।
कार्यक्रम की अध्यक्ष प्राचार्य डॉक्टर सीमा चौहान ने बताया कि छोटी-छोटी बचत भी भविष्य के लिए आपातकालीन परिस्थितियों में मजबूत सहारा बन जाती है इसलिए प्रत्येक छात्र को अभी से निवेश करने की आदत को अपनाना चाहिए। मासिक आमदनी से 10 से 20 प्रतिशत की बचत एक अच्छा फंड बन सकती है।
कार्यक्रम का संचालन नवाचार एवं कौशल विकास प्रभारी प्रोफेसर सुनीता शर्मा द्वारा किया गया। आपने कार्यक्रम की उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए बताया कि आज निवेश के अनेक विकल्प उपलब्ध है और इन विकल्पों में समझदारी से निवेश करके हम न्यूनतम जोखिम पर अधिकतम लाभ प्राप्त करके सशक्त आर्थिक भविष्य निर्मित कर सकते हैं।
कार्यक्रम के समापन में अर्थशास्त्र विभाग की विभाग अध्यक्ष श्रीमती मीरा गुप्ता द्वारा धन्यवाद ज्ञापन किया गया। निवेश में जागरूकता लाने के लिए प्रपत्र भी वितरित किए गए।