आज दिनांक 13 जनवरी 2025 को राजकीय कला कन्या महाविद्यालय, कोटा के अर्थशास्त्र विभाग में अर्थशास्त्र विषय की छात्राओं के लिए विस्तार व्याख्यान का आयोजन किया गया।

जिसमें महाविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग की पूर्व विभागाध्यक्ष एवं प्राचार्य डॉ अरुणा कौशिक ने ‘इवोल्यूशन ऑफ़ इकोनॉमिक थॉट्स- ए ओवरव्यू’ विषय पर छात्राओं को आर्थिक प्रगति के विभिन्न चरणों में विभिन्न विचारकों द्वारा दिए गए आर्थिक विचारों को कालानुक्रमिक तरीके से (chronological order) विस्तार पूर्वक समझाया।

किसी भी समाज और देश में आर्थिक विचार तत्कालीन परिस्थितियों से प्रभावित होते हैं। उन्होंने आर्थिक क्रिया, आर्थिक व्यवहार, आर्थिक नीतियों और आर्थिक सिद्धांतों के बारे में विस्तार पूर्वक समझाया। छात्राओं को प्राचीन आर्थिक विचारकों, वाणिज्यवाद, प्रकृतिवाद, प्रतिष्ठित अर्थशास्त्र, और आधुनिक आर्थिक विचारों को समझाते हुए कहा की आर्थिक विचारों का अध्ययन प्राचीन और आधुनिक अर्थशास्त्र के बीच पुल का कार्य करता है।

आर्थिक विचारों से हमें पता चलता है कि अतीत में क्या हुआ और पिछली गलतियों से सीख कर दुनिया किस प्रकार विकसित हुई है। हम विभिन्न अर्थशास्त्रियों के विचारों की तुलना भी कर सकते हैं। विभिन्न सिद्धांत आर्थिक सिद्धांतों का विकास क्रमिक रूप से किस प्रकार हुआ, तत्कालीन समय में उनकी क्या उपायदेता रही और आधुनिक समय में आर्थिक विचारों में और सिद्धांतों में किस प्रकार संशोधन किया जा रहा है इस पर विस्तार से चर्चा की।

उन्होंने प्रतिष्ठित अर्थशास्त्र, नव प्रतिष्ठित, सीमांतवादी अर्थशास्त्रियों, मौद्रिकवादी अर्थशास्त्रियों कीनसियन इकोनॉमिक्स, समाज अर्थव्यवस्था और पर्यावरण के संबंध, सर्कुलर इकोनामी की अवधारणा इत्यादि पर विस्तृत जानकारी प्रदान की। और छात्राओं की शंकाओं का समाधान किया।

विद्यालय की प्राचार्य डॉक्टर सीमा चौहान ने छात्राओं को प्रेरित करते हुए कहा कि छात्राएं अपना लक्ष्य तय करें तथा उसके अनुसार गहन अध्ययन करें। अपने विषय के साथ-साथ समसामयिक ज्ञान को भी अध्यतन करें।

अर्थशास्त्र विभाग अध्यक्ष ने धन्यवाद ज्ञापन किया और बताया बताया कि इस प्रकार के विस्तार व्याख्यान छात्राओं के लिए बहुत उपयोगी होते हैं। डॉ. सुनीता शर्मा एवं डा. धर्म सिंह कार्यक्रम में उपस्थित रहे।

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