राजकीय कला कन्या महाविद्यालय कोटा में आज प्रो. डॉ. गीता राम शर्मा सहायक निदेशक, कॉलेज शिक्षा की 28 फरवरी 2025 को होने वाली सेवानिवृत्ति के उपलक्ष्य में विदाई समारोह का आयोजन किया गया।

जिसकी अध्यक्षता प्राचार्य डॉ. सीमा चौहान ने की। प्राचार्य एब समस्त संकाय सदस्यों ने प्रो. डॉ.गीता राम शर्मा जी का माल्यार्पण द्वारा स्वागत किया। इस अवसर पर समाजशास्त्र विभाग अध्यक्ष डॉ. अनीता तंबोली ने कहां कि आप सरल और सौम्य व्यक्तित्व के धनी हैं । सहर्ष हमारा आतिथ्य स्वीकार कर लेते हैं डॉ. श्रद्धा सोरल ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आप भले ही प्रशासनिक पद को संभाल रहे हैं लेकिन आपके व्यक्तित्व का एकेडमिक पक्ष इतना प्रबल है। वह हमेशा आपके कार्यों में परिलक्षित होता है।

मोहम्मद रिजवान ने सहज सरल सफल है तू परमात्मा का फल है तू कविता के माध्यम से अपने उद्गार व्यक्त किया । डॉ. मीरा गुप्ता ने कहा कि सहायक निदेशक के रूप में आप हाडोती संभाग के सभी महाविद्यालय में आयोजित होने वाली गतिविधियों की सकारात्मक जानकारी आयुक्तालय तक पहुंचाते हैं।

डॉ. पुनीता श्रीवास्तव ने मधुबन खुशबू देता है। इसी श्रृंखला में अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ (उच्च शिक्षा) राजकीय कला कन्या महाविद्यालय ईकाई सचिव डॉ. संतोष कुमार मीना ने ईकाई की ओर से स्वागत करते हुए कहा कि आप सैदेव इसी तरह स्वस्थ रहें व्यस्त रहे और मस्त रहे यहीं ईश्वर से प्रार्थना है, जों काम दवा ना कर सके, वो काम दुआ कर जाती हैं, और अगर सच्चा गुरुवर, मिल जाए तो फिर बात ख़ुदा से होतीं हैं। कहतें हुए भगवान राम के समाज में आदर्श से परिपूर्णित भजन ‘ऐसे हैं मेरे राम’ सुनाया।

डॉ. मनीषा शर्मा ने कहा कि आपका व्यक्तित्व अद्भुत प्रतिभा संपन्न ऊर्जावान व्यक्तित्व है जिसमें भारतीय ज्ञान का अकूत ज्ञान भंडार है। डॉ. टी.एन. दुबे ने कहा कि आपकी सदाशयता और सकारात्मकता अतुलनीय है । डॉ. धरम सिंह मीना ने उत्तम स्वास्थ्य और जीवन के नए अध्याय की शुरुआत की बधाई एवं शुभकामनाएँ दी । श्रीमती प्रेरणा शर्मा ने आज जाने की जिद ना करो गीत प्रस्तुत किया ।

डॉ. राजेंद्र माहेश्वरी ने जाते हुए यह पल छिन गीत प्रस्तुत किया प्राचार्य डॉ. सीमा चौहान ने डॉ. शर्मा का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि एक प्राचार्य के रूप में मुझे आपसे निरंतर संपर्क का अवसर मिला आपकी सकारात्मक सराहनीय है ।

महाविद्यालय में संस्कृत विषय में स्नातकोत्तर प्रारंभ करवाने में आपका योगदान महत्वपूर्ण रहा । डॉ. राजमल मालव ने भी संस्कृत में स्नातकोत्तर विषय प्रारंभ करवाने में डॉ गीता राम शर्मा जी का आभार व्यक्त किया।

इस अवसर पर स्वयं गीता राम शर्मा जी ने अपने वक्तव्य में कहा कि आपकी आत्मीयता के कारण मुझे आपने यह सम्मान दिया है मैं सदैव नैतिकता का पक्षधर रहा हूँ। एक शिक्षक होने के नाते सभी शिक्षकों को संवेदनशीलता रखकर कर्तव्य पूर्ण करने चाहिए शिक्षक की गरिमा बनी रहनी चाहिए हमें सदैव सकारात्मक सार्थक और सक्रिय रहना है।

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