3 नवंबर को संगीता सक्सेना के 54 वें जन्म दिवस पर उनका संक्षिप्त परिचय लेख, डॉ0 ऊषा खंडेलवाल की कलम से…

3 नवंबर को कोटा में जन्मीं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, साहित्यकार, स्व रमेश चंद्र सक्सेना अनिल की पुत्री एवं भारतेंदु समिति कोटा के संस्थापक श्री हनुमान प्रसाद सक्सेना जी की पौत्री श्रीमती श्रीमती संगीता सक्सेना ने महिला शास्त्रीय संगीत, समाज, संस्कृति योग सेवी गायिका के रूप में कोटा और प्रदेश का देश बहुत मान बढ़ाया है।

उपलब्धियां

राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय सिरोही में संगीत व्याख्याता रहीं

भारत भवन, मधुकली, राजस्थान संगीत नाटक अकादमी

संगीत नाटक अकादमी लखनऊ, दूरदर्शन, आकाशवाणी, संगीत संकल्प – सप्तक अहमदाबाद, पतंजलि योग पीठ, शांति कुंज हरिद्वार, भारतेंदु समिति, अखिल भारतीय साहित्य परिषद, संस्कार भारती, संगीतिका, संगीत संकल्प कोटा, सूरत, रायपुर, सिरोही स्पिक मैके सिरोही, महाराना कुंभा परिषद उदयपुर, टाऊन हाल जोधपुर विक्रम कीर्ति मंदिर बड़ौदा, कोटा विश्व विद्यालय कोटा,वर्धमान महावीर विश्व विद्यालय कोटा सहित अनेक मंचों पर संगीत की प्रस्तुतियां दी।

निःस्वार्थ योग साधना व प्रचार प्रसार… 

गंभीर रूप से आर्थरायटिस रोग से पीड़ित होने के बाद योग ऋषि स्वामी रामदेव जी के मार्गदर्शन में लम्बी योग प्राणायाम साधना के नियमित अभ्यास से स्वयं को स्वस्थ कर अपने परिवार के साथ लगभग 5 से वर्षों से अधिक देश में अनगिनत निःशुल्क योग शिविर में आयोजित कर हजारों लाखों व्यक्तियों को लाभान्वित और प्रेरित किया। ब्राइट लैण्ड स्कूल गायत्री विहार, सेंट्रल जेल कोटा में निःशुल्क योग केंद्र स्थापित किया। पतंजलि योग समिति कोटा की संस्थापक सचिव रहीं। सर्वाधिक योग शिविरों के लिए योगऋषि स्वामी रामदेव जी द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित हुई

राष्ट्रीय अभियान में योगदान….. 

श्रीमती संगीता सक्सेना ने 2015 -16 में अपनी पुत्री सुश्री आस्था सक्सेना (शास्त्रीय गायिका ब्रांड एम्बेसेडर चि0 वि0 कोटा राजस्थान सरकार) के साथ पति देवेंद्र कुमार सक्सेना के सहयोग से अनगिनत कार्यक्रमों में निःस्वार्थ निःशुल्क सहभागिता एवं सहयोग प्रदान किया।

आप लगभग एक दशक सी सी आर टी संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार की अनुमोदित गुरू रहीं हैं और सी सी आर टी के शास्त्रीय संगीत के पाठ्यक्रम निर्माण में योगदान दिया।

आपकी उल्लेखनीय उपलब्धियों के लिए आपको अनेक सरकारी एवं गैर सरकारी प्रतिष्ठित मंचों पर पुरस्कृत और सम्मानित किया गया।

संगीता को राजस्थान संगीत नाटक अकादमी द्वारा शास्त्रीय गायन की केन्द्रीय प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार प्रदान किया गया।

राजस्थान कला संस्कृति मंत्री द्वारा राष्ट्रीय पर्व राजकीय सम्मान, भारतेंदु समिति कोटा, संस्कार भारती कोटा- सीहोर मध्य प्रदेश, कला भारती कोटा, पतंजलि योग पीठ हरिद्वार, पतंजलि योग समिति बैतूल, सिंहस्थ महाकुंभ उज्जैन,मौजी बाबा लोक कल्याण ट्रस्ट, स्वरांजली संस्थान, गायत्री शक्तिपीठ कोटा सहित सैकड़ों मंचों पर सम्मानित किया गया।

आज भी वे संगीत गुरूकुल और आस्था मेलोडी निदेशक के रूप में संगीत और समाज की सेवा में समर्पित भाव से लगी हुई है।

इनकी पुत्री आस्था सक्सेना को भारत सरकार ने राष्ट्रीय बाल पुरस्कार, पद्मश्री एम टी व्यास स्मृति पुरस्कार एक लाख ग्यारह हजार एक ग्यारह राशि सहित, राजस्थान संगीत नाटक अकादमी बाल प्रतिभा पुरस्कार सहित अनेक सम्मानों से सम्मानित किया है।

इनके देश विदेश में संगीत के कई विद्यार्थी शोध एवं सरकारी गैर सरकारी सेवाओं में संलग्न हैं।

जिनमें इटली के कृष्णा कसेला, सारेगामा फेम सुरभि राजपूत,टीवी कलाकार सोनी शर्मा,चिकित्सक डॉ 0 अक्षय सिंघी सरकारी एवं गैर सरकारी प्रतिष्ठित संस्थानों में संगीत व्याख्याता एवं शिक्षक उल्लेखनीय नाम हैं सुश्री दमयन्ती पंत, श्री संजय कलावंत, श्री धीरज राव, चांदनी वैष्णव,भूपेंद्र, एकता पारेता, स्मिता कष्यप, श्रवण राव, सनी मसीह, डॉ स्नेहा सिन्हा, इंजीनियर अनुज बुनकर, नाभिकीय ऊर्जा वैज्ञानिकों में मिलिंद तैलंग, गिरीश ड्योडी आदि उल्लेखनीय है।

 

लेखिका

डॉ0 ऊषा खंडेलवाल

विभागाध्यक्ष दर्शन शास्त्र एक लव्य विश्व विद्यालय दमोह मध्य प्रदेश