देवेंद्र सक्सेना,कोटा, 29 मई 2025 : गुरु तेगबहादुर मिलन केंद्र कोटा के तत्वावधान में लार्ड कृष्णा स्कूल प्रांगण सोगरिया में वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप जी की जयंती पर इतिहास संकलन समिति उपाध्यक्ष, धर्म जागरण टोली सदस्य श्री बाबूलाल भाट मुख्य वक्ता थे

आरंभ में प्रवीण कुमार ने महाराणा प्रताप के जीवन पर प्रेरणादायक गीत प्रस्तुत किया।

कार्यक्रम के अतिथि अध्यक्ष रेल कर्मी श्री चन्द्र पाल सिंह सेंगर ने महाराणा प्रताप के जीवन पर सार गर्भित जानकारी दी अंत में प्रवास पर आये बाबूलाल भाट ने बड़ी संख्या में उपस्थित स्वयंसेवकों राष्ट्र धर्म प्रेमियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि, राणा प्रताप “ मेवाड़ की आन बान शान, 140 करोड़ भारतीयों के हृदय सम्राट महाराणा प्रताप ने मातृभूमि की रक्षा के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया वे सहिष्णुता, साहस, राष्ट्र प्रेम व सामाजिक समरसता के प्रतीक थे।

वे महान योद्धा देश भक्ती व आत्म सम्मान की बेजोड़ मिसाल थे जिस काल खंड में राजपुताना के लगभग सभी शासकों ने अकबर से संधि कर ली किंतु महाराणा उनमें शामिल नहीं हुए अकबर ने महाराणा प्रताप के पास कई संधि प्रस्ताव भेजे किंतु महाराणा प्रताप ने उन्हें मातृभूमि की रक्षा के लिए ठुकरा दिये। मातृभूमि के प्रति उनका प्रेम और समर्पण इतना अधिक था कि उन्होंने व उनके परिवार के सदस्यों ने कई विषम परिस्थितियों का सामना किया किंतु पराधीनता स्वीकार नहीं की। राजस्थान के लोक गीत, कहावत, कहानियां उनकी वीरतापूर्ण घटनाओं से भरी हुई है। आज की युवा पीढ़ी को महाराणा प्रताप के आदर्शों को आत्म सात करने की शिक्षा लेनी चाहिए।

इतिहास संकलन समिति उपाध्यक्ष भाट ने कहा कि महाराणा प्रताप सही अर्थों में महान थे अकबर नहीं उसके कई एक उदाहरण हैं

अकबर महाराणा प्रताप को युद्ध में किसी भी प्रकार पकड़ नहीं पाया उसे मात्र एक हाथी राम प्रसाद मिला जिसका नाम अकबर ने बदल कर पीर प्रसाद रख दिया। महाराणा प्रताप चरित्र वान और स्वस्थ थे अकबर कई रोगों से पीड़ित था और अंत में उसकी मृत्यु भी इसी प्रकार हुई।

केन्द्र समन्वयक श्री तारा सिंह ने बताया कि समारोह में स्वयं सेविका समिति की आभा सेंगर, देवानंद बैरवा, कला मीडिया सेवी देवेन्द्र सक्सेना, , देवेन्द्र त्रिपाठी,बलजीत सिंह, शरद चौधरी, अजय त्रिवेदी, महेंद्र चौधरी, सतीश शर्मा सहित बड़ी संख्या में स्वयंसेवक राष्ट्र प्रेमी माता बहिनें एवं बच्चे उपस्थित थे।

संग्राम जिंदगी हैं लड़ना उसे पड़ेगा ।।

जो नहीं सकेगा आगे नहीं बढेगा।।

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