व्यक्ति की पहचान उसके व्यक्तित्व ( signature and your personality) से होती है। अब सवाल यह उठता है मनुष्य के व्यकितत्व को पहचाना कैसे जायें? हस्ताक्षर व्यक्ति के व्यक्तित्व का आइना होता है।
चूकि हस्ताक्षर में अगुलियों का प्रयोग होता है और अगुलियों का सीध सम्बन्ध दिमाग से होता है। जैसी आपकी सोच होगी या जो सोंचेगे उसका प्रभाव आपके हस्ताक्षर पर दिखेगा।
हस्ताक्षर का अर्थ : किसी लेख आदि को प्रमाणित करने या उसकी जिम्मेदारी लेने का सूचक होता है।
किसी भी दस्तावेज के अंत में खुद के नाम को अपने हाथ से लिखना दस्तखत या हस्ताक्षर कहलाता है। यह इस बात की गारंटी होता है कि पूरे लिखे हुए दस्तावेज़ का उत्तर दायित्व खुद के ऊपर है।
1 .जो लोग हस्ताक्षर में सिर्फ अपना नाम लिखते हैं, सरनेम नहीं लिखते हैं, वे खुद के सिद्धांतों पर काम करने वाले होते हैं। आमतौर पर ऐसे लोग किसी और की सलाह नहीं मानते हैं, ये लोग सुनते सबकी हैं, लेकिन करते अपने मन की हैं।
2.जो लोग जल्दी-जल्दी और अस्पष्ट हस्ताक्षर करते हैं, वे जीवन में कई प्रकार की परेशानियों का सामना करते हैं। ऐसे लोग सुखी जीवन नहीं जी पाते हैं। हालांकि, ऐसे लोगों में कामयाब होने की चाहत बहुत अधिक होती है और इसके लिए वे श्रम भी करते हैं। ये लोग किसी को धोखा भी दे सकते हैं। स्वभाव से चतुर होते हैं, इसी वजह से इन्हें कोई धोखा नहीं दे सकता।
3.कुछ लोग हस्ताक्षर तोड़-मरोड़ कर या टुकड़े-टुकड़े या अलग-अलग हिस्सों में करते हैं, हस्ताक्षर के शब्द छोटे-छोटे और अस्पष्ट होते हैं जो आसानी से समझ नहीं आते हैं। सामान्यत: ऐसे लोग बहुत ही चालाक होते हैं। ये लोग अपने काम से जुड़े राज किसी के सामने जाहिर नहीं करते हैं। कभी-कभी ये लोग गलत रास्तों पर भी चल देते हैं और किसी को नुकसान भी पहुंचा सकते हैं।
4.जो लोग कलात्मक और आकर्षक हस्ताक्षर करते हैं, वे रचनात्मक स्वभाव के होते हैं। इन्हें किसी भी कार्य को कलात्मक ढंग से करना पसंद होता है। ऐसे लोग किसी न किसी कार्य में हुनरमंद होते हैं। इन लोगों के काम करने का तरीका अन्य लोगों से एकदम अलग होता है। ऐसे हस्ताक्षर वाले लोग पेंटर या कलाकार भी हो सकते हैं।
5.कुछ लोग हस्ताक्षर के नीचे दो लाइन खींचते हैं। ऐसे सिग्नेचर करने वाले लोगों में असुरक्षा की भावना अधिक होती है। किसी काम में सफलता मिलेगी या नहीं, इस बात का संदेह सदैव रहता है। पैसा खर्च करने में इन्हें काफी बुरा महसूस होता है अर्थात ये लोग कंजूस भी हो सकते हैं।
6. जो लोग हस्ताक्षर करते समय नाम का पहला अक्षर थोड़ा बड़ा और पूरा उपनाम लिखते हैं, वे अद्भुत प्रतिभा के धनी होते हैं। ऐसे लोग जीवन में सभी सुख-सुविधाएं प्राप्त करते हैं। ईश्वर में आस्था रखने वाले और धार्मिक कार्य करना इनका स्वभाव होता है। ऐसे लोगों का वैवाहिक जीवन भी सुखी होता है।
7.जिन लोगों के सिग्नेचर मध्यम आकार के अक्षर वाले, जैसी उनकी लिखावट है, ठीक वैसे ही हस्ताक्षर हो तो व्यक्ति हर काम को बहुत ही अच्छे ढंग से करता है। ये लोग हर काम में संतुलन बनाए रखते हैं। दूसरों के सामने बनावटी स्वभाव नहीं रखते हैं। जैसे ये वास्तव में होते हैं, ठीक वैसा ही खुद को प्रदर्शित करते हैं।
8. जो लोग अपने हस्ताक्षर को नीचे से ऊपर की ओर ले जाते हैं, वे आशावादी होते हैं। निराशा का भाव उनके स्वभाव में नहीं होता है। ऐसे लोग भगवान में आस्था रखने वाले होते हैं। इनका उद्देश्य जीवन में ऊपर की ओर बढ़ना होता है। इस प्रकार हस्ताक्षर करने वाले व्यक्ति अन्य लोगों का प्रतिनिधित्व करने की इच्छा रखते हैं।
9. जिन लोगों के हस्ताक्षर ऊपर से नीचे की ओर जाते हैं, वे नकारात्मक विचारों वाले हो सकते हैं। ऐस लोग किसी भी काम में असफलता की बात पहले सोचते हैं।
10. जिन लोगों के हस्ताक्षर एक जैसे लयबद्ध नहीं दिखाई देते हैं, वे मानसिक रूप से अस्थिर होते होते हैं। इन्हें मानसिक कार्यों में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। साथ ही, इनके विचारों में परिवर्तन होते रहते हैं। ये लोग किसी एक बात पर अडिग नहीं रह सकते हैं।
11. जिन लोगों के हस्ताक्षर सामान्य रूप से कटे हुए दिखाई देते हैं, वे नकारात्मक विचारों वाले होते हैं। इन्हें किसी भी कार्य में असफलता पहले नजर आती है। इसी वजह से नए काम करने में इन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
12. यदि कोई व्यक्ति हस्ताक्षर के अंत में लंबी लाइन खींचता है तो वह ऊर्जावान होता है। ऐसे लोग दूसरों की मदद के लिए सदैव तत्पर रहते हैं। किसी भी काम को पूरे मन से करते हैं और सफलता भी प्राप्त करते हैं।
13. जो लोग हस्ताक्षर करते समय अपना मिडिल नेम पहले लिखते हैं, वे अपनी पसंद-नापंसद को अधिक महत्व देते हैं। इसके बाद कार्यों को पूरा करने में लग जाते हैं।
14. जो लोग हस्ताक्षर का पहला अक्षर बड़ा लिखते हैं, वे अद्भुत प्रतिभा के धनी होते हैं। ऐसे लोग किसी भी कार्य को अपने अलग ही अंदाज से पूरा करते हैं। अपने कार्य में पारंगत होते हैं। पहला अक्षर बड़ा बनाने के बाद अन्य अक्षर छोटे-छोटे और सुंदर दिखाई देते हों तो व्यक्ति धीरे-धीरे किसी खास मुकाम पर पहुंच जाता है। ऐसे लोगों को जीवन में सभी सुख-सुविधाएं प्राप्त हो जाती हैं।
पहले स्पष्ट फिर अस्पष्ट
यदि कोई व्यकित पहले स्पष्ट व दूर-2 शब्दों को लिखता और अंतिम पैरा में छोटा-2 एंव ठीक से पढ़ने में न आने वाला लिखे तो उसके जीवन प्रथम भाग बहुत अच्छा व्यतीत होगा और जीवन के अंतिम भाग में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।
लखावट-हस्ताक्षर में अंतर नहीं
जिस व्यकित के लेखन एंव हस्ताक्षर में कोई अन्तर नहीं होता है। वह जातक लगभग सभी के साथ समभाव रखता है। निश्चल तथा खुले दिमाग का होता है। ये जीवन गरिमापूर्ण बिताने का प्रयास करते है। अपने हर काम को ये बड़े सलीके से करने की कोशिश करते है।
यदि हस्ताक्षर लेखन से ज्यादा बड़े हो
यदि हस्ताक्षर लेखन से ज्यादा बड़े हो तो ऐसे जातक अति महत्वाकांक्षी का प्रकृति के होते है और सारे रिश्ते नाते ताख पर रखकर काफी हदतक अपनी मंजिल को पाने में कामयाब भी होते है। ये कल्पनाये ंतो बहुत करते-रहते है लेकिन उन्हे मूर्त देने में टाल-मटोल किया करते है।
हस्ताक्षर लिखावट की अपेक्षा छोटे होने पर
जिस मनुष्य के हस्ताक्षर लिखावट की अपेक्षा छोटे होते है। ऐसे लोग हीन भावना के शिकार होते है और हमेशा उनके मन पर भय हावी रहता है। संकोची स्वभाव के होने के कारण ये अपनी बात को दूसरे के समक्ष अच्छे ढ़ंग से नहीं रख पाते है।
पहला अक्षर बड़ा
जो लोग हस्ताक्षर करते वक्त प्रथम अक्षर बड़ा बनाते है और बाद के अक्षर छोटे, सुन्दर व स्पष्ट बनाते है। ये लोग प्रतिभावान होने की वजह से धारे-2 अपने लक्ष्य तक पहुचने में सफल होते हो जाते है। दूसरों की मदद व सहयोग करने में हमेशा तत्पर दिखते है। इनकी प्रगति धारे-2 होती है लेकिन स्थायी रहती है।
अव्यवस्थित हस्ताक्षर जिसे समझना कठिन
जो व्यक्ति अव्यसिथत ढंग से जल्दबाजी में हस्ताक्षर करते है, जिसे पढ़ना कठिन होता है। इस प्रकार के लोग महत्वाकांक्षी, परिश्रमी होते है। लेकिन इनके जीवन में काफी उतार-चढ़ाव बना रहता है। ये कूटनीतिक प्रतिभा के धनी होते है। ऐसे लोग राजनीति के क्षेत्र में ज्यादा सफल होते है।
कटे हुए हस्ताक्षर
नकारात्मक सोंच रखने वाले व्यकितयों के हस्ताक्षर सामान्य रूप से कटे हुये प्रतीत होते है। इस तरह के लोग हमेशा असन्तुष्ट रहते है। ये क्षण भर में रूठ जायेंगे और क्षण भर में प्रसन्न भी हो जायेंगे। ये अपने आपसे भी ठीक से प्रेम नहीं करते है। हर चीज में कमी निकालना इनकी आदत में शुमार होता है।
हस्ताक्षर में बिंदु या डैश
जो लोग हस्ताक्षर के अन्त में बिन्दु या डैश लगाते है। वे धीर गंभीर दिखार्इ देंगे किन्तु अन्दर से बहुत शंकालु प्रवृतित के होते है। इन्हे समझ पाना कठिन काम होता है। ये अपनी बातों को किसी से जल्दी शेयर नहीं करते है। स्वयं पर अपना सन्तुलन बनाने में निपुण होते है।
कलम पर ध्यान
ऐसे लोग जो हस्ताक्षर करते समय कलम पर अधिक दबाव डालते है। वे लोग जिददी, संवेदनशील, व क्रोधी प्रवृतित के होते है। ये मक्खनबाजी न करके स्पष्ट बोलने में अधिक विश्वास करते है।
बिना कलम उठाये
जो लोग बिना कलम उठाये एक बार में पूरे हस्ताक्षर कर डालते है। ऐसे जातक वाद-विवाद में पारागंत, रहस्यमयी, चालाक व अवसरवादी होते है। ये अपनी सफलता के रहस्य किसी से शेयर नहीं करते है।
तीव्र गति से हस्ताक्षर
जो मनुष्य तीव्रगति से हस्ताक्षर करता है। वह लगभग हर कार्य में दक्ष रहने की कोशिश करता हैं एंव हर चीज में फास्ट रहता है। उसे आलसी लोग कतर्इ पसन्द नहीं होते है। इनकी ज्यादातर सोंच अपने पर ही केनिद्रत रहती है
कलम पर दबाव नहीं डालें
जो जातक अपने हस्ताक्षर को लिखते वक्त कलम पर ज्यादा दबाव न डालें वह व्यकित सामाजिक उत्सवों में बढ़-चढ़कर भाग लेता। ऐसे लोग स्वयं का हित न ध्यान रखकर समाज की समस्याओं को समाप्त करने का बीणा उठाते है।
बायें हाथ से हस्ताक्षर
ऐसे लोग जो अपने हस्ताक्षर बायें हाथ से करते है। उनमें गजब की प्रतिभा होती है। वे जिस क्षेत्र में जायेंगे उसमें इतिहास रचने की कोशिश करेंगे। लापरवाही इनके जीवन का सबसे नकारात्मक पक्ष है।