संजीव शर्मा,एनटीन्यूज़,हरिद्वारः गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के कुलपति की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने मामले को सुनने के बाद गुरुकुल कांगड़ी डीम्ड विश्वविद्यालय, सर्च कमेटी, यूजीसी और वीसी प्रोफेसर रूप किशोर शास्त्री को नोटिस जारी किया है। साथ ही चार हफ्ते के भीतर जवाब पेश करने को कहा है।
दरअसल, हरिद्वार निवासी राजीव सिंघल ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय में वीसी की नियुक्ति को चुनौती दी है। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा है कि गुरुकुल कांगड़ी विवि के वीसी की नियुक्ति यूजीसी की नियमावली के विरुद्ध की गई है। कुलपति के पास दस साल का प्रोफेसर रहते हुए पढ़ाने का अनुभव नहीं है। वीसी ने बिना अनुमति लिए साल 1998 में कांग्रेस पार्टी से पीलीभीत में चुनाव लड़ने के लिए टिकट भी लिया था।
कुलपति ने हाईस्कूल 1976 में और इंटर 1977 में किया। याचिकाकर्ता का यह भी कहना है कि एक साल में इंटर कैसे किया जा सकता है? इसलिए इनकी नियुक्ति को निरस्त किया जाए। क्योंकि, ये वीसी पद हेतु योग्यता नहीं रखते हैं। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में गुरुकुल कांगड़ी डीम्ड विश्वविद्यालय, सर्च कमेटी, यूजीसी और वाइस चांसलर प्रोफेसर रूप किशोर शास्त्री को पक्षकार बनाया है। वहीं, मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान और न्यायमूर्ति एनएस धनिक की खंडपीठ में हुई।
बताते चलें कि इस मामले पर जय हिंद फाउंडेशन ने भी उठाया था सवाल। जय हिंद फाउंडेशन ने कहा की आर्य जगत की प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्था गुरुकुल कांगड़ी में हरिद्वार के कुलपति पद पर ऐसे धोखाधड़ी वाले व्यक्ति का होना एक शर्मिंदगी का विषय है।
उन्होंने मांग की कि ऐसे व्यक्ति को तुरंत पद से हटाकर इस प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराई जाए जिससे गुरुकुल कांगड़ी की प्रतिष्ठा को धूमिल होने से बचाया जा सके।