नवल टाइम्स न्यूज़: गढ़वाल विश्विद्यालय के फार्मेसी विभाग का निरीक्षण फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया की टीम द्वारा 26 एवं 27 मार्च को किया गया।
विभाग पहुंची टीम के सदस्य डॉ सुधांशु रंजन एवं डॉ नवनीत वर्मा ने विभाग का पी सी आई के मानकों के आधार पर निरीक्षण किया।
बता दें कि पी सी आई भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अधीन एक सविंधानिक संस्था है जो फार्मेसी के शिक्षण संस्थानों को मान्यता देती है। मानक पूरा ना करने वाले संस्थानों की मान्यता रद्द करने का सांविधानिक अधिकार पी सी आई को है। छात्रों की प्रवेश संख्या का भी अनुमोदन पी सी आई करती है।
देश विदेश में अपने शोध, पेटेंट्स, गुणवत्तापूर्ण शिक्षण एवं ऑनलाइन कोर्सेज के लिए जाना जाने वाले फार्मेसी विभाग गढ़वाल विश्वविदयालय में बी फार्मा कोर्स के साथ 1996 में प्रारंभ हुआ था। 2007 से विभाग में एम फार्मा फार्मा स्यू टिक्स पाठ्यक्रम चलाया जा रहा है।
गढ़वाल विश्वविदयालय का फार्मेसी विभाग उत्तराखंड के उन चुनिंदा फार्मेसी संस्थानों में शामिल है जिसे सबसे पहले पी सी आई की मान्यता प्राप्त हुई।
विभाग के शिक्षकों द्वारा सुदूर भौगोलिक परिस्थितियों एवं संसाधनों की कमी के बावजूद गुणवत्ता पूर्ण शोध कार्य किया गए, जिसके फलस्वरूप 300 से अधिक शोध पत्र विभिन्न प्रतिष्ठित राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय शोध पत्रिकाओं में प्रकाशित किए गए। विभाग के शिक्षकों के खाते में विश्वद्यालय का एकमात्र स्टैंडर्ड इंडियन पेटेंट हासिल करने की उल्लेखनीय उपलब्धि दर्ज है।
इसी के अतिरिक्त एक ऑस्ट्रेलियन इन्नोवेशन पेटेंट मिलने के साथ ही 3 इंडियन पेटेंट भी शिक्षकों द्वारा प्रकाशित किए गए हैं। यू जी सी, डी एस टी, ए आई सी टी ई, एटॉमिक एनर्जी विभाग आदि द्वारा वित्त पोषित 14 से अधिक शोध परियोजनाएं , 20 राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर की पुस्तकें विभाग के शिक्षकों की उपलब्धियों में शामिल है।
यूजीसी शोध पुरस्कार, युवा वैज्ञानिक पुरस्कार आदि राष्ट्रीय पुरस्कारों के अतिरिक्त डईको फाउन्डेशन पोस्ट डॉक्टोरल फेलोशिप जापान जैसे अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार विभाग के शिक्षकों को मिले है। विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि विभाग के शिक्षक डॉ अजय सेमल्टी अपने रिसर्च कार्य के लिए भी विश्विद्यालय के लिए पहले पेटेंट के उपलब्धि हासिल करने के साथ ही विश्व के टॉप 2 % वैज्ञानिकों की स्टेनफोर्ड विश्विद्यालय द्वारा जारी सूची मे 20भारत20 और 2021 में अपना स्थान दर्ज करा चुकने कि महती उपलब्धि भी हासिल कर चुके हैं.
अकादमिक राइटिंग कोर्स के विश्व के 30 टॉप ऑनलाइन कोर्सेस में सम्मिलित होने की घोषणा भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय और प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो द्वारा की गई है। विगत सत्रों में राष्ट्रीय स्तर पर सर्वाधिक परीक्षा पंजीकरण का रिकॉर्ड भी अकेडमिक राइटिंग कोर्स के ही नाम है।डॉ सेमल्टी द्वारा बनाए गए उक्त दोनों कोर्सेस भारत सरकार के स्वयम पोर्टल के लिए विश्वविद्यालय के पहले ऑनलाइन कोर्सेस हैं।
इंडस्ट्रियल फार्मेसी कोर्स देश का पहला एवं एकमात्र फार्मेसी का ऑनलाइन कोर्स है.
इसके अतिरिक्त स्वयंप्रभा के लिए भी लॉक डाउन के दौरान फार्मसी के 4 विषयों के लिए शिक्षकों द्वारा 100 से भी अधिक लेक्चर वीडियो रिकॉर्ड किए गए जिनका प्रसारण स्वयंप्रभा चैनल 15 पर हुआ और उसके बाद समस्त लेक्चर्स यूट्यूब पर उपलब्ध कराए गए। यही नहीं शिक्षकों द्वारा विश्विद्यालय के लिए ओपन एजुकेशन रिसोर्सेज की रिपोसिट्री तैयार की गई और उसने अपना महती योगदान भी दिया।
विभाग के पूर्व छात्र देश विदेश के प्रतिष्ठित संस्थानों, विश्विद्यालयों, शोध संस्थानों एवं फार्मा कंपनियों में बड़े बड़े पदों पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। 350 से भी अधिक छात्र गेट एवम् जी पेट परीक्षा उत्तीर्ण कर चुके हैं। विदित हो कि इस वर्ष विभाग में समस्त प्रवेश एन टी ए द्वारा सी यू सी ई टी के माध्यम से होंगे।
निरीक्षण की तैयारियों में विभाग के शिक्षकों के निर्देशन में विभाग के समस्त शिक्षणेत्तर कर्मचारियों, एम फार्मा के छात्रों (भूपिंदर, अक्षयभामा, विकास), शोध एसोसिएट (डॉ लोकेश अधिकारी, श्री मुकेश पाण्डेय) एवम् शोधार्थी श्री मोहित ने विशेष सहयोग किया।
निरीक्षण में विभागाध्यक्ष प्रोफ अब्दुल फारूक, प्रोफ़ सी एम शर्मा डायरेक्टर चौरास, प्रो जे एस चौहान, सदस्य ई सी, एवम् अन्य शिक्षकों में डॉ विजय ज्योति कुमार, श्री एल मोहंती, श्री अरूण बिशोई, डॉ अजय सेमल्टी, डॉ नितिन सती, डॉ मोना सेमल्टी, डॉ हेमलता सती, डॉ सोमेश थपलियाल, डॉ प्रमोद कुमार आदि उपस्थित थे।