- पीएलएमएस परिसर ऋषिकेश में 12 दिवसीय उद्यमिता विकास कार्यक्रम का शुभारंभ
24 फरवरी 2025, को पंडित ललित मोहन शर्मा परिसर ऋषिकेश में देव भूमि उद्यमिता योजना के अंतर्गत 12 दिवसीय उद्यमिता विकास कार्यक्रम शुभारंभ ।
इस अवसर पर श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर जोशी ने उद्घाटन भाषण में लोगो को संबोधित करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय तथा उत्तराखंड सरकार उद्यमिता के विकास के लिए निरंतर कार्य कर रही है।
विद्यार्थी अपनी परंपरागत सोच से इतर नवाचारों के साथ अपने बिजनेस प्लेन को प्रस्तुत करें। उत्तराखंड सरकार की देवभूमि उद्यमिता योजना के साथ ही विश्वविद्यालय भी ऐसे छात्र /छात्राओं को सीड फंड के रूप में वित्तीय सहायता उपलब्ध कराएगा । इसके लिए विद्यार्थी रिस्क लेकर जोखिम से बिना घबराए नए बिजनेस प्लान को मार्केट में ले आए ।
उन्होंने कहा कि बिजनेस के लिए छोटे-छोटे आइडिया और एक छोटी रकम से भी शुरुआत करके बड़े लक्ष्य को पाया जा सकता है । वर्तमान समय में ए. आई. टूल तथा ऑनलाइन प्लेटफॉर्म जैसे कई क्षेत्रों में स्टार्टअप के अनेक अवसर विद्यमान है ।
वाइस चांसलर प्रो. एन.के. जोशी ने कहा, “आज का युग प्रतिस्पर्धा और नवाचार का है। पारंपरिक नौकरियों की सीमाएं कम हो रही हैं, और स्वरोज़गार एवं स्टार्टअप्स का युग आ गया है।
उद्यमिता केवल व्यवसाय शुरू करने का माध्यम नहीं, बल्कि यह एक दृष्टिकोण है जो समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का कार्य करता है। हमारे विश्वविद्यालय में “Centre of Excellence in Entrepreneurship and Innovation” की स्थापना की गई है, जो पर्यटन क्षेत्र पर केंद्रित है। यह केंद्र 14 जून 2024 को देवभूमि उद्यमिता योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा स्वीकृत हुआ।
देवभूमि उद्यमिता योजना के नोडल अधिकारी प्रोफेसर अनिता तोमर ने उद्यमिता विकास कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की।
प्रोफेसर तोमर ने बताया कि बताया कि ऋषिकेश, जो वैश्विक योग और ध्यान केंद्र के रूप में प्रसिद्ध है, यहाँ की पर्यटन आवश्यकताओं के लिए एक कस्टमाइज्ड हब और स्पोक मॉडल लागू किया जाएगा।
इस दौरान, हम छात्रों को MSME नीति 2015, वीर चंद्र गढ़वाली स्वरोजगार योजना, होम स्टे योजना, और उत्तराखंड पर्यटन नीति 2018 जैसी सरकारी योजनाओं की जानकारी भी प्रदान करेंगे।
प्रोफेसर तोमर ने कहा कि कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को आत्मनिर्भर बनाना और उनके विचारों को सफल व्यवसायों में परिवर्तित करने में सहायता करना है। यह दो सप्ताह का कार्यक्रम विभिन्न विषयों जैसे स्टार्टअप और उद्यमिता आइडियाज, ब्रांडिंग और फंडिंग, उत्तराखंड के पर्यटन, योग, आयुर्वेद, हर्बल उद्योग, और देवभूमि उद्यमिता योजना पर केंद्रित रहेगा। कार्यक्रम के दौरान, 08 मार्च को एक स्टार्टअप प्रदर्शनी आयोजित की जाएगी, जिसमें छात्रों और स्थानीय उद्यमियों को अपने स्टार्टअप विचार प्रस्तुत करने का अवसर मिलेगा।
इस अवसर पर प्रो. महावीर सिंह रावत ने उत्तराखंड सरकार और विश्वविद्यालय द्वारा उद्यमिता विकास के लिए चलाए जा रहे कार्यक्रमों से छात्र/छात्राओं को अधिक से अधिक जुड़ने और उससे लाभ पाने के लिए प्रेरित किया।
कार्यक्रम का संचालन प्रोफेसर अंजनी दूबे ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन प्रोफेसर धर्मेंद्र तिवारी ने दिया।
प्रतिभागियों ने स्टार्टअप विचारों के विकास और व्यावसायिक मॉडल तैयार करने पर गहन कार्यशालाओं में भाग लिया। विशेषज्ञों ने उन्हें वित्तीय प्रबंधन, मार्केटिंग रणनीतियों और निवेशकों को आकर्षित करने की तकनीकों पर मार्गदर्शन दिया।
देवभूमि उद्यमिता योजना के प्रोजेक्ट अधिकारी श्री अभिषेक नंदन और मैटर श्री शशि भूषण बहुगुणा ने 12 दिवसीय इस उद्यमिता कार्यशाला में छात्र-छात्राओं को अपना उद्यम शुरू करने में आने वाली कठिनाइयों उनके निराकरण और वित्तीय सहयोग सहित कई महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान की।
शशि भूषण बहुगुणा, ने कहा “युवा उद्यमियों को एक सशक्त पारिस्थितिकी तंत्र प्रदान करना हमारी प्राथमिकता है, जिससे वे अपने नवाचारों को वास्तविकता में बदल सकें।
इस कार्यक्रम के अवसर पर देवभूमि उद्यमिता योजना के मैटर प्रोफेसर अंजनी प्रसाद दुबे, प्रोफेसर धर्मेंद्र तिवारी, डॉ. शालिनी रावत, योगाचार्य रमित चौधरी, प्रोफेसर वी के श्रीवास्तव , प्रोफेसर बी .न. गुप्ता श्री अभिषेक नंदन, और श्री शशि भूषण बहुगुणा, सहित 45 से अधिक प्रतिभागी उपस्थित रहे ।