डीपी उनियाल, गजा टिहरी गढ़वाल: विकास खंड चम्बा के कठूड गाँव निवासी मूलनिवास भू कानून समन्वय समिति के सह प्रभारी विलेंदर सिंह असवाल ने 3 सूत्रीय मांगों को लेकर आगामी 17 मार्च से तहसील परिसर गजा मे अनशन पर बैठने का नोटिस जिलाधिकारी टिहरी गढ़वाल एवं तहसीलदार गजा को दिया है।
विगत 6 मार्च को भेजे पत्र में विलेंदर सिंह असवाल ने कहा है कि ग्राम कठूड निवासियों ने खुली बैठक में प्रस्ताव पारित किया था कि जमीन के क्रय विक्रय की सूचना सह खातेदारों व ग्राम समिति को दी जाय, साथ ही तहसीलदार गजा के साथ ग्रामीणों ने बैठक भी की है जिसमें निर्णय लिया गया था कि भविष्य में राजस्व उप निरीक्षक द्वारा ग्राम समिति को व सह खातेदारों को अवगत कराने के बाद ही जमीन के लिए प्रमाण पत्र दिया जायेगा लेकिन 22 फरवरी को वगैर सह खातेदारों को सूचित किये ही रजिस्ट्री हो जाती है,सह खातेदारों ने अब दाखिल खारिज रोकने के लिए जिलाधिकारी टिहरी, उप जिलाधिकारी नरेंद्र नगर, तहसीलदार गजा को शिकायती पत्र दिया है,विलेंदर सिंह असवाल का कहना है कि लगभग 90 नाली कृषि भूमि एक ही व्यक्ति द्वारा ली गई है।
उनका कहना है कि यह भी जांच का विषय है कि इतनी धनराशि कहाँ से आई है साथ ही कठूड गाँव में कृषि क्यों करना चाहता है,भविष्य में इस तरह की कृषि जमीन की विक्रय पर रोक लगाई जानी चाहिए, 250 वर्ग मीटर के हिसाब से यदि विक्रय की जाती है तो 35 से 40 परिवार बसने से गाँव का अस्तित्व ही खतरे में पड़ जायेगा,असवाल का कहना है कि राजस्व उप निरीक्षक नैचोली के क्षेत्र में जनपद से बाहर के व्यक्तियों ने अब तक जितनी जमीन खरीदी है उसकी जांच की जाय, जिस उद्देश्य के लिए भूमि ली गई है उसका उपयोग किया जा रहा है कि नहीं, उसका उपयोग कदापि नहीं बदला जाय। यह भी जांच की जाय कि कृषि उपयोग के लिए ली गई भूमि का उपयोग किसी अन्य उपयोग मे किया जा रहा है तो सरकार मे निहित की जाय।
कृषि उपयोग के लिए क्रय की जमीन की विक्री 250_250 वर्ग मीटर मे कदापि नहीं की जाय। विलेंदर सिंह असवाल का कहना है कि छोटे छोटे टुकडों मे अब भूमाफिया बेचेंगे तो गांवों का जल, जंगल, जमीन, संसकृति ही खतरे में पड़ जायेगा।