वीर शहीद केसरी चंद राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय डाकपत्थर में आज राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के द्वारा अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया।

महाविद्यालय प्राचार्य प्रोफेसर (डॉ) आर एस गंगवार के दिशा निर्देशन में राष्ट्रीय सेवा योजना के वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी डॉ राकेश मोहन नौटियाल एवं कार्यक्रम अधिकारी डॉ राजकुमारी भंडारी के नेतृत्व में लगभग 50 स्वयंसेवियों ने गोष्ठी में प्रतिभाग किया ।

गोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में एन सी सी अधिकारी एवं राजनीति विज्ञान के प्राध्यापक डॉक्टर अमित गुप्ता उपस्थित रहे, जिन्होंने प्रकाश डालते हुए बताया कि यह दिन समानता, शांति, न्याय, स्वतंत्रता और मानव गरिमा की सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है।

उन्होंने बताया कि द्वितीय विश्वयुद्ध के अत्याचारों ने मानव अधिकारों के महत्व को एक अंतरराष्ट्रीय प्राथमिकता बना दिया था, जिसके बाद से अंतरराष्ट्रीय मानव अधिकार दिवस प्रत्येक वर्ष 10 दिसंबर 1948 को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा मानव अधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा को अपनाने की याद दिलाता है।

डॉ राजकुमारी भंडारी द्वारा संगोष्ठी का संचालन किया गया, साथ ही राजनीति विज्ञान की विभाग प्रभारी होने के नाते उन्होंने बताया कि मानव अधिकार मूल अधिकारों या स्वतंत्रताओं को संदर्भित करता है, जिसमें लोगों के जीने का अधिकार स्वास्थ्य, शिक्षा, भाषण और विचारों की स्वतंत्रता और समान अधिकार शामिल होते हैं।

डॉक्टर राकेश मोहन नौटियाल, इतिहास विभाग के प्राध्यापक द्वारा बताया गया कि इस साल अंतरराष्ट्रीय मानव अधिकार की थीम डिग्निटी, फ्रीडम और जस्टिस फॉर ऑल रखा गया है, जिससे यह समझ आता है कि हमें अभी भी अपने अधिकारों के लिए संघर्षमय रहना होगा।

संगोष्ठी में प्राध्यापक वर्ग में डॉ आसाराम बिजलवान एवं डॉ विजय बहुगुणा ने अपनी उपस्थिति दी