वीर शहीद केसरी चंद राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय डाकपत्थर में आज दिनांक 1 नवंबर 2022 को आजादी की लड़ाई के नायक उत्तराखंड जौनसार के वीर सपूत केसरी चंद के जन्मदिवस पर महाविद्यालय परिवार द्वारा उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए।

महाविद्यालय प्राचार्य प्रोफेसर (डॉ) जी आर सेमवाल द्वारा समस्त प्राध्यापक एवं छात्र छात्राओं को संदेश स्वरूप बताया गया कि उत्तराखंड के जौनसार बावर से आजादी की लड़ाई में वीर सपूत केसरी चंद का नाम हमेशा सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा एवं उनके अदम्य साहस के लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा।

शहीद वीर केसरी चंद का जन्म 1 नवंबर 1920 को जौनसार के क्यावा गांव में हुआ था। वह बचपन से ही साहसी थे और खेलों में उनकी हमेशा से रूचि थी। उनमें नेतृत्व गुण और देशभक्ति की भावना कूट-कूट कर भरी हुई थी। जिस कारण नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नारे ,*तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा* से प्रेरित होकर केसरी चंद आजाद हिंद सेना में भी शामिल हुए। उनके अदम्य साहस के कारण उन्हें जोखिम भरा कार्य सौंपा गया, इसके बाद अंग्रेजों ने उन्हें पकड़ लिया और दिल्ली जेल में भेज दिया।

मात्र 24 साल की उम्र में वीर शहीद केसरी चंद देश पर न्योछावर हो गए एवं उत्तराखंड के इस वीर सेनानी को फांसी दे दी गई।

प्राध्यापक वर्ग में प्रोफ़ेसर आर एस गंगवार, डॉ अरविंद अवस्थी, डॉ राखी डिमरी, डॉ रोशन केष्टवाल, डॉ आशाराम बिजल्वाण, श्रीमती पूजा राठौर, डॉ राकेश मोहन नौटियाल, डॉ नीलम ध्यानी, डॉ माधुरी रावत, डॉ विजय बहुगुणा, डॉ राजकुमारी भंडारी, डॉ पूरण सिंह, डॉ निरंजन प्रजापति, डॉ सीमा पुंडीर, श्री अशोक कुमार, डॉ के के बंगवाल,श्रीमती रीना, कु दीपा, मीडिया प्रकोष्ठ प्रभारी डॉ दीप्ति बगवाड़ी एवं सदस्य डॉ श्वेता व श्रीमती भावना एवं कार्यालय से मुख्य प्रशासनिक अधिकारी श्री मनमोहन सिंह, श्री अशोक कुमार, श्री राजेश वर्मा, श्री अरविंद आदि उपस्थित रहे।

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