26 फरवरी 2025 : राजस्थान ही नहीं देश के वरिष्ठ लोक साहित्यविद परम आदरणीय डा. महेन्द्र भानावत का निधन, सृजनात्मक लोक साहित्य जगत के लिए अपूर्णीय क्षति और दुखद है उन्हें कोटा के साहित्य इतिहास संगीत जगत के लोगों ने श्रध्दांजलि अर्पित की ।
श्री भारतेंदु समिति कोटा के संरक्षक श्री राजेश कृष्ण बिरला ने कहा कि ” डॉ0 भानावत राजस्थान सहित देश की लोक संस्कृति के सच्चे संरक्षक और संवाहक थे l उनका अपना पूरा जीवन लोक कला व आदिवासी साहित्य को समर्पित था।
इतिहासकार डॉ 0 अरविंद सक्सेना ने कहा कि वे देश के चुने हुए ऐसे महान लोक कला साहित्यविदों से एक थे, जिनके द्वारा लिखी सौ से अधिक पुस्तकें व दस हजार से अधिक शोधपत्र आलेख राजस्थान के लुप्त हो रहे लोक व आदिवासी जीवन को जानने हेतु शोधार्थियों के लिए अत्यधिक सहायक शोधपरक सामग्री साबित होगी ।
कालेज शिक्षा के सहायक निदेशक संस्कृत विद्वान डॉ 0 गीता राम शर्मा ने बताया कि आप सुप्रतिष्ठित भारतीय लोक कला मंडल उदयपुर के निदेशक व राजस्थान संगीत नाटक अकादमी कार्यकारिणी के लंबे समय तक सदस्य रहे हैं । उनका निधन लोक कला साहित्य जगत की अपूरणीय क्षति है।
कला संस्कृति सेवक देवेंद्र कुमार सक्सेना ने कहा कि ” फक्कड़ प्रकृति के धनी स्पष्ट वादी निर्भीक डॉ 0 भानावत जी से मेरे 1995 – 1996 से आत्मीय संबंध रहे हैं, उनके साथ बीता प्रत्येक रचनात्मक पल प्रेरणा दायक व अविस्मरणीय हैं।
उदयपुर जिले के कनौड़ा गांव में उनका जन्म हुआ था 87 वर्षीय डॉ 0 महेंद्र भानावत कई दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे। मंगलवार 25 फरवरी की रात उन्होंने अंतिम सांस ली ।,,,
शास्त्रीय गायिका श्रीमती संगीता सक्सेना ने बताया कि डा. भानावत को राजस्थान साहित्य अकादमी द्वारा विशिष्ट साहित्यकार सम्मान, उत्तरप्रदेश हिन्दी संस्थान लखनऊ द्वारा लोकभूषण पुरस्कार, जोधपुर के पूर्व महाराजा गजसिंह द्वारा मारवाड़ रत्न कोमल कोठारी पुरस्कार, भोपाल की कला समय संस्कृति शिक्षा और समाज सेवा समिति द्वारा ‘कला समय लोकशिखर सम्मान’, अभिनव कला परिषद भोपाल एवं मधुवन संस्था द्वारा सम्मान पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र, उदयपुर ने दो लाख पच्चीस हजार रूपये का ‘डॉ. कोमल कोठारी लोककला पुरस्कार’, कोलकाता के विचार मंच ने 51 हजार रूपये का ‘कन्हैयालाल सेठिया पुरस्कार’ प्रदान किया।
इसी प्रकार राजस्थान संगीत नाटक अकादमी, जोधपुर द्वारा फेलो, उत्तरप्रदेश हिन्दी संस्थान, लखनऊ द्वारा राजस्थान के थापे, मेंहदी राचणी, अजूबा राजस्थान पुस्तक पर ‘पं. रामनरेश त्रिपाठी नामित पुरस्कार’, महाराणा मेवाड़ फाउण्डेशन, उदयपुर द्वारा भारतीय परिवेशमूलक लोकसाहित्य लेखन पर ‘महाराणा सज्जनसिंह पुरस्कार’ तथा भीलवाड़ा में आचार्य महाश्रमण के सान्निध्य में भंवरलाल कर्णावट फाउंडेशन द्वारा सम्मान उल्लेखनीय है!
राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित गायिका सुश्री आस्था सक्सेना ने बताया कि ” आदरणीय डॉ 0 महेंद्र भानावत जी का सानिध्य और आशीर्वाद मुझे 6 जनवरी 2017 साहित्य मंडल नाथद्वारा में मिला जहाँ उन्हें श्री श्याम जी देवपुरा द्वारा श्री भगवती प्रसाद देवपुरा स्मृति अखिल भारतीय साहित्य सम्मान दिया गया था इस अवसर पर मेरी संगीत प्रस्तुति व सम्मान का कार्यक्रम भी था। मैं लोक कला को समर्पित ऐसे महान लेखक के प्रति अपनी विनम्र श्रध्दांजलि अर्पित करती हूँ.. डॉ 0 महेंद्र भानावत का निधन लोक साहित्य जगत की अपूरणीय क्षति है।