• अखिल भारतीय युवा सनातन परिषद् के मानवेन्द्र सिंह बने प्रदेश अध्यक्ष,सावन लखेरा को प्रदेश महामंत्री की कमान सौंपी 

 

हरिद्वार: अखिल भारतीय सनातन परिषद के केंद्रीय कार्यालय निरंजनी अखाड़ा मायापुर में बैठक कर संगठन का विस्तार किया है।

परिषद के संस्थापक अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज ने संगठन को गति देने के लिए महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरि को राष्ट्रीय संरक्षक घोषित किया गया और डॉ. विशाल गर्ग को प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष, सुधांशु वत्स को प्रदेश महामंत्री उत्तराखण्ड मनोनित किया।

अखिल भारतीय युवा सनातन परिषद का मानवेन्द्र सिंह को उत्तराखण्ड राज्य का प्रदेश अध्यक्ष,सावन लखेरा को प्रदेश महामंत्री मनोनीत किया है।

नवनियुक्त पदाधिकारियों को आशीर्वाद देते हुए श्रीमहंत रविन्द्र पुरी महाराज ने कहा कि सनातन परिषद का देश के सभी प्रान्तों में जनपद स्तर तक गठन बड़ी तेजी से चल रहा है। इसी कड़ी में आज दिल्ली प्रान्त में जुझारू,कर्मठ कार्यकर्ताओं को संगठन की महत्वपूर्व जिम्मेदारी दी गई है। साथ ही उत्त्तराखण्ड प्रदेश में भी प्रत्येक जिले,शहर,कस्बे व गांव गांव तक संगठन की इकाइयां गठित करने के लिए संगठन में डॉ. विशाल गर्ग को प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष के साथ ही सदस्यता प्रमुख का दायित्व सौंपा गया है। उन्होंने आशा व्यक्त कि की नवनियुक्त पदाधिकारी संगठन के विस्तार में अपनी अहम भूमिका निभाएंगे।

इस मौके पर नवनियुक्त अंतराष्ट्रीय संरक्षक महामण्डलेश्वर स्वामी ललितानन्द गिरी महाराज ने कहा कि महाराज श्रीमहंत रविन्द्र पुरी जी ने जो विश्वास उन पर दिखाया है वह उस पर खरा उतरने का पूर्ण प्रयास करेंगे। उन्होंने बताया कि सनातन के प्रचार प्रसार के लिए उनका जीवन समर्पित है। कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्थापक अध्यक्ष श्री महंत रविंद्र पुरी महाराज और संचालन राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. सुनील कुमार बत्रा ने किया। सभी नवनियुक्त पदाधिकारियों का राष्ट्रीय महामंत्री पुरूषोत्तम शर्मा ने पटका पहनाकर स्वागत किया। कार्यक्रम में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रोफेसर डॉक्टर सुनील कुमार बत्रा,अविक्षित रमन, महामन्त्री पुरषोत्तम शर्मा , ठाकुर विक्रम सिंह, राष्ट्रीय प्रचार प्रसार प्रमुख स्वामी सतीश वन,अधिवक्ता अनिल शर्मा,अमित शर्मा,मुकेश गुप्ता,निशांत मोहन,आशीष सोनकर,गोविंद मिश्रा,अरुण चौहान,दीपांशु गुप्ता,देवेंद्र प्रताप सिंह ,सचिन अरोड़ा,विक्रम सिंह,अंकित शर्मा,नवीन चौहान आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे।