देवेंद्र: कुछ मुख्य योग प्राणायाम का रोज अभ्यास अवश्य करें …
देवेंद्र कुमार सक्सेना समाज सेवी योग प्रशिक्षक तबला वादक राजकीय कला कन्या महाविद्यालय कोटा का विश्व योग दिवस पर उपयोगी लेख…
होता है सारे विश्व का कल्याण योग से।
जल्दी स्वस्थ होते हैं इंसान योग से।
महर्षि पतंजलि के अष्टांग योग में प्राणायाम को बहुत लोकप्रियता मिली है मेरे जीवन में योग प्राणायाम से जुडने का श्रेय गायत्री तीर्थ शांतिकुंज हरिद्वार के वेदमूर्ति तपोनिष्ठ आचार्य श्रीराम शर्मा, श्रध्देय डॉ 0 प्रणव पण्डया जी, पतंजलि योग पीठ के योग ऋषि स्वामी रामदेव जी को जाता है मुझे अपने परिवार के साथ लगभग तीन सौ से अधिक योग प्रशिक्षण शिविरों में सहभागिता का अवसर प्राप्त हुआ है …………
आइए बिना समय गंवाये कुछ आवश्यक योग प्राणायाम अवश्य करें।
प्रातः काल खाली पेट पद्माआसन सुखाआसन में कमर सीधी करके बैठने के बाद योग प्राणायाम करना बहुत लाभदायक है ।
1-भस्त्रिका प्राणायाम – नासिका से ढाई से तीन सेकंड गहरी सांस लेना और छोड़ना यह अभ्यास कम से कम दस बार करें। इससे सर्दी, जुकाम, एलर्जी, श्वास रोग दूर हो जाते हैं और फेफड़े मजबूत होने लगते हैं।
2-कपालभांति प्राणायाम – नासिका से गहरी सांस लेना और छोडऩा छोड़ते समय पेट अंदर की ओर लेना। इससे मष्तिक मुख मंडल पर ओज तेज आभा एवं सौंदर्य बढता है। मोटापा मधुमेह गैस कब्ज एसिडिटी प्रोस्टेट किडनी आदि से संबंधित रोग दूर होने लगते हैं। यह अभ्यास खाली पेट करें। स्वास्थ्य ठीक नहीं है तो चिकित्साधिकारी और योग गुरू के मार्गदर्शन में करें।
3-बाह्य प्राणायाम – यह प्राणायाम त्रिबंध के साथ करें। पेट, मूत्र सम्बन्धित रोग में आराम मिलता है।
4 – अनुलोम विलोम प्राणायाम – इस प्राणायाम के अभ्यास से 72 करोड़ 10 हजार 210 नस नाडिय़ा शुध्द होती है।नियमित अभ्यास से 30 %ब्लाकेज खुलते हैं।
नासिका के बाएं स्वर चंद्र स्वर से सांस खीचना और दाहिने स्वर से छोडऩा फिर दाहिने से लेना और बाएं से छोडऩा यह एक क्रम पूरा हुआ। इसी प्रकार कम से कम दस बार अवश्य करें।
5- भ्रामरी प्राणायाम – नासिका से सांस खीचना और नासिका से छोडते समय भंवरे की आवाज करना। इस प्राणायाम से मानसिक तनाव, उत्तेजना, उच्च रक्तचाप, ह्रदय रोग में आराम मिलता है।
ध्यान के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
6 – उद् गीत प्राणायाम – नासिका से सांस खीचना और मुह से ऊंकार बोलते हुए सांस छोड़ना
इनके अलावा बीच बीच में सूक्ष्म व्यायाम एवं पीट और पेट के बल लेटकर करने वाले आसन मकरासन भुजंगासन आदि करना चाहिए।
समस्त अभ्यास यदि पहली बार कर रहे हैं तो किसी अनुभवी योग शिक्षक के परामर्श और देख रेख में करें।
जिनने कमर दर्द और हाई ब्लड प्रेशर हैं वे आगे नहीं झुके और जिंहे हर्निया है वे पीछे नहीं झूठे।
गठिया है या कोई आप्रेशन हुआ है तो चिकित्सक की सलाह के बाद ही आसन और प्राणायाम करें।
घर घर योग सिखायेंगे , हम बदलेंगे ज़माना।
धरती को स्वर्ग बनायेंगे , हम बदलेंगे ज़माना।।
देवेंद्र कुमार सक्सेना