नरेन्द्र नगर। धर्मानंद उनियाल राजकीय महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा जिला उद्योग केंद्र नरेंद्र नगर के सौजन्य से उद्यमिता और कौशल संवर्धन के जरिए युवाओं का सशक्तिकरण विषयक दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार के दूसरे दिन का आयेाजन ऑनलाइन माध्यम से किया गया।
दूसरे दिन के प्रथम तकनीकी सत्र के अध्यक्ष प्रो0 संजय कौशिक, पंजाब विश्वविद्यालय ने उद्यमिता के विकास के लिए कौशल संवर्धन को नितान्त आवश्यकत बताते हुए कहा कि युवा वर्ग को आधारभूत जानकारियां, रिपोर्ट, फंड कैसे जुटाए जाए और साथ ही वैश्विक प्रतिस्पर्धी वातावरण की समझ महत्वपूर्ण है। उन्होंने अपने संबोधन में उद्यमिता के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए आवश्यक तैयारियों का भी जिक्र किया।
सत्र की को- चेयर पर्सन प्रो0 मधु थपलियाल, राम चन्द्र उनियाल पी0जी0 राजकीय महाविद्यालय उत्तरकाशी ने बताया कि एक वैज्ञानिक एक सामाजिक वैज्ञानिक भी होता है जिसे समाजोपयोगी शोध से लोगों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए कार्य करना चाहिए। उन्होंने लोकल फॉर लोकल और आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत ग्रामीण महिलाओं के आर्थिक स्तर को मजबूत करने में गाजणा पट्टी की हल्दी के उदाहरण से गा्रमीण क्षेत्रों को पहचान दिलाने की और आत्मनिर्भर बनाने की बात भी रखी।
इस सत्र में डॉ0 अनिल कुमार डंगवाल, गुरूकुल कांगडी विश्वविद्यालय ने भी सह- अध्यक्ष के रूप में अपनी विशेषज्ञता और अनुभव से सभी प्रतिभागियों को लाभान्वित किया।
द्वितीय तकनीकी सत्र के अध्यक्षता कर रहे ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी के प्रो0 आशीष थपलियाल ने उद्यमिता के विविध आयामों की समझ को सफलता के लिए आवश्यक बताया। द्वितीय तकनीकी सत्र के सह-अध्यक्ष डॉ0 अमित अग्रवाल, राजकीय महाविद्यालय रामपुर ने उद्यमिता के कार्य, प्रकार, गुण, समस्याओं का विस्तारपूर्वक वर्णन किया और कहा कि वर्तमान में उद्यमिता के नये नये आयाम सामने उभर कर आ रहे है जो उद्यमिता को नये मायने दे रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि कल सेमिनार के प्रथम दिन उद्घाटन सत्र का शुभारम्भ कैबिनेट मंत्री उत्तराखण्ड सरकार सुबोध उनियाल के करकमलों द्वारा किया गया। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथिगण, देश के विभिन्न भागों से प्रतिभागियों और शोधार्थियों ने प्रतिभाग किया। इस दिन के तकनीकी सत्र में सेमिनार के विषय से संबन्धित विषयों पर शोध पत्र प्रस्तुत किये गये जिनमें उद्यमिता, कौशल विकास और युवा सशक्तीकरण के विभिन्न आयामों पर चर्चा की गई।
इस सत्र में दिल्ली विश्वविद्यालय के डॉ0 मुनीश कुमार शर्मा और डॉ0 अमनदीप नहर ने रिसोर्स पर्सन के तौर पर उपस्थित रहे। तकनीकी सत्र के अध्यक्ष प्रो0 जी0 एस0 रजवार ने प्रस्तुत विभिन्न शोध पत्रों का सार सबके सामने प्रस्तुत किया इसमें डॉ0 रश्मि उनियाल और डॉ0 सोनिया गंभीर ने क्रमशः समन्वयक और रिपोर्टर की भूमिका में उनका सहयोग किया।
धर्मानन्द उनियाल राजकीय महाविद्यालय नरेन्द्र नगर के प्राचार्य और संगोष्ठी के संरक्षक प्रो0 राजेश कुमार उभान ने सेमिनार के समापन सत्र को संबोधित करते हुए कार्यक्रम के सफल संपादन के लिए आयोजक डॉ0 संजय कुमार और आयोजन समिति के सदस्यों और महाविद्यालय परिवार को बधाई देते हुए कहा कि वर्तमान समय जॉब सीकर का नहीं है बल्कि जॉब क्रिएटरस का है। हमें युवाओं को उद्यमिता की ओर प्रोत्साहित करने के साथ ही उनमें वे सभी आवश्यक कौशल पैदा करने होंगे जिससे वे जोखिम उठा सकें और सफलता की ऊंचाईयों को छू सकें और सुरक्षित भविष्य का निर्माण कर सकें।
सेमिनार के आयोजक और एनएसएस प्रभारी डॉ0 संजय कुमार ने दो दिन तक चले इस बौद्धिक मंथन को प्रासंगिक बताते हुए नये विचारों को मूर्त रूप देने में उद्यमिता को एक विशिष्ट निवेश बताया जो समाज को नई दिशा देने में सक्षम है और पहाडी क्षेत्रों में पलायन को रोकने में भी सहायक हो सकता है। उन्होंने संगोष्ठी के संरक्षक, अतिथिगण, विशेषज्ञों, आयोजन समिति के सदस्यों, महाविद्यालय परिवार के सदस्यों, प्रतिभागियों, शोधार्थियों और कार्यक्रम में प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से जुडें सभी लोगों का आभार व्यक्त किया। प्रथम सत्र में डॉ0 सोनिया गम्भीर ने रिपोर्टर की भूमिका निभाई। डॉ0 शैलजा रावत और डॉ0 चंदा टी0 नौटियाल ने तकनीकी सत्रों का सम्नवयन किया। दोनों बौद्धिक सत्रों में विभिन्न महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों के डेलीगेटस और शोधार्थियों द्वारा शोध-पत्रों का प्रस्तुतीकरण किया गया।
ऑन लाइन सत्र में महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ0 सपना कश्यप, डॉ0 उमेश चन्द मैठानी, डॉ0 राजपाल रावत, डॉ0 सुधा रानी, डॉ0 सृचना सचदेवा, डॉ नताशा, डॉ0 ईरा सिंह, डॉ0 रश्मि उनियाल, डॉ0 देवेन्द्र कुमार, डॉ0 विजय प्रकाश, डॉ0 संजय सिंह, डॉ0 हिमांशु जोशी, डॉ0 जितेन्द्र नौटियाल, विशाल त्यागी आदि के साथ ही अन्य प्रतिभागी ऑन लाइन उपस्थित रहे।