नरेन्द्रनगर: उत्तराखण्ड के युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने और उनके नवीन विचारों को जो आर्थिक सहयोग के अभाव में दम तोड देते है, को एक नयी दिशा प्रदान करने के उद्देश्य से स्टार्ट अप योजना एक अभिनव प्रयोग है जिसका लाभ कई जिलों के युवा उठा रहे हैं और युवाओं की पीढी आने वाले समय में लाभान्वित हो सकती है बशर्ते उनकी स्टार्ट-अप योजना मानको पर खरी उतरती हो, यह बात जिला उद्योग केन्द्र नरेन्द्रनगर के महाप्रबन्धक महेश प्रकाश ने धर्मानन्द उनियाल राजकीय महाविद्यालय नरेन्द्रनगर के वाणिज्य और प्रबंधन विभाग के तत्वावधान में भारतीय प्रबंधन संस्थान और उद्योग निदेशालय के सहयोग से आयोजित स्टार्ट-अप बूट कैंप में कहीं।
युवाओं के नवीन अभिवन सोच को हर प्रकार की मदद मुहैया कराने के लिए बूट कैम्प का आयोजन कॉलेज के छात्र छात्राओं के साथ ही टिहरी जिले के युवाओं के लिए आयोजित किया गया
जिसमें भारतीय प्रबंधन संस्थान के प्रो0 कुनाल गांगुली, प्रो0 वैभव भमोरिया और प्रो0 मृदुल माहेश्वरी ने बतौर विशेषज्ञ युवाओं को प्रशिक्षण दिया और उद्यमिता के गुर सिखाए।
उल्लेखनीय है कि स्टार्ट-अप इंडिया एक नवीन प्रयोग है जिसमें उद्यमिता के जरिए युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करने के साथ देश के आर्थिक विकास को बढावा देने का प्रयास है।
इसी क्रम में आईआईएम काशीपुर और जिला उद्योग इकाई के सहयोग से आयोजित इस बूटकैम्प में 10 बेहतरीन आइडिया को चिन्हित करके ग्रैंड कांप्टीशन में भेजा जाएगा जिसमें सफल उद्यमिता के विचारों को वित्तीय सहयोग भी दिया जाएगा।
बूट कैम्प के उद्घाटन सत्र में प्रो0 राजेश कुमार उभान प्राचार्य राजकीय महाविद्यालय नरेन्द्रनगर ने कार्यशाला में उपस्थित कॉलेज के छात्र-छात्राओं, युवाओं और सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि वे आशावान है कि इस कार्यशाला के जरिए युवाओं को अपना खुद का स्टार्ट अप शुरू करने में मदद मिलेगी और इसके साथ ही, वे अपने स्टार्ट अप के जरिए क्षेत्र के विकास में भी अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर पायेंगे।
महाविद्यालय के बूट कैम्प संयोजक डॉ0 संजय कुमार ने बताया कि आई आई एम काशीपुर के इंक्यूबेटर संेटर फाइड द्वारा संचालित इस बूट कैम्प युवाओं में उद्यमिता और कौशल विकास के जरिए उत्तराखण्ड राज्य को आर्थिक संबल प्रदान करने का प्रयास है और टिहरी जिले के युवाओं के नवीन बिजनेस प्लान को चिन्हित करके उन्हें हर प्रकार की चुनौतियों के लिए तैयार करना है जिससे वे अपने प्रयास में सफल हो सकें।
प्रो0 वैभव भमोरिया, भारतीय प्रबंधन संस्थान काशीपुर ने उद्यमिता को विकसित किये जाने के लिए आवश्यक गुणो का उल्लेख किया और कहा कि उद्यम तभी सफल होगा जब बैलेंस शीट में आय व्यय से ज्यादा हो।
उन्होंने युवाओं को बिजनेस प्लान की रूपरेखा के बारें में बताया। भारतीय प्रबंधन संस्थान, काशीपुर के प्रो0 कुनाल गांगुली ने कहा कि पहाडी क्षेत्र में उद्योग को चलाना और लाभ कमाना चुनौतियों से भरा है लेकिन कुछ युक्तियों को लगाकर वे लागत को कम करके मुनाफा कमा सकते हैं। उन्होंने बताया कि किस प्रकार लॉजिस्टिक्स कॉस्ट को कम करके एक सफल उद्यम चलाया जा सकता है।
भारतीय प्रबंधन संस्थान काशीपुर की प्रो0 मृदुल माहेश्वरी ने बताया कि टीम निर्माण के विभिन्न घटकों से लेकर टीम में योग्य व्यक्ति हों, को सुनिश्चित करना, दक्षता और कौशल का विकास, नवीन विचारों को मंच मुहैया कराना और उन्हें क्रियाशील बनाना है। टीम में एक टीम लीडर के साथ यदि अलग अलग दक्षता के लोग जुडे होंगे तो उद्यम बेहतर ढंग से कार्य कर सकेगा और कम स्त्रोतों का प्रयोग कर ज्यादा मुनाफा कमा सकेगा।
बूट कैम्प में सभी विशेषज्ञों ने व्यावहारिक उदाहरणों से उपस्थित युवाओं को प्रेरित किया। फाइड आईआईएम काशीपुर की टीम ने आइडिया पिचिंग की तैयारी पर जानकारी साझा की। कार्यशाला में आदर्श आइडिया पिंचिंग को लेकर केस स्टडी प्रस्तुत की गईं और स्टार्ट अप उद्यमियों ने भी अपने अनुभव साझा किये।
कार्यशाला में डॉ0 उमेश चंद्र मैठाणी, डॉ0 राजपाल रावत, डॉ0 सुधा रानी, डॉ0 सृचना सचदेवा, डॉ0 नताशा, डॉ0 ईरा सिंह, डॉ0 देवेन्द्र कुमार, डॉ0 विजय प्रकाश भट्ट, डॉ0 ज्योति शैली, डॉ0 सोनिया गंभीर, डॉ0 हिमांशु जोशी, डॉ0 जितेन्द्र नौटियाल, विशाल त्यागी, मुनेन्द्र कुमार, शूरवीर दास, अजय, भूपेन्द्र व बडी संख्या में राजकीय पॉलीटेक्निक नरेन्द्रनगर, राजकीय पीजी कॉलेज ऋषिकेश और राजकाय महाविद्यालय नरेन्द्रनगर के छात्र छात्राऐं उपस्थित रहे।