नई टिहरी: देवप्रयाग स्थित संगम स्थल पर बुजुर्ग भाई-बहन ने गंगा में जल समाधि ले ली। कानपुर निवासी दोनों लोग बदरीनाथ यात्रा जाने की बात कहकर दो दिन पहले यहां एक होटल में ठहरे थे। तीन साल पहले ही ये लोग अपना लखनऊ का मकान बेचकर कानपुर में रह रहे थे। पुलिस और एसडीआरएफ दोनों बुजुर्गों की तलाश कर रही है।
बीते बुधवार शाम करीब छह बजे संगम स्थित महिला घाट से बुजुर्ग भाई-बहन ने गंगा में जल समाधि ले ली। संगम घाट पर उनके जूते और कपड़ों का थैला मिलने पर लोगों ने पुलिस को घटना की सूचना दी। थाना प्रभारी महिपाल सिंह रावत ने बताया कि बीते 20 सितम्बर शाम दोनों लोग देवप्रयाग पहुंचे थे और बदरीनाथ यात्रा पर जाने की बात कहकर एक होटल में ठहरे थे। 21 सितम्बर को दोनों देवप्रयाग और आसपास घूमते रहे। 23 सितम्बर सांय 4 बजे दोनों भाई बहन ने संगम स्थल पर पंडितों से गंगा पूजन, तर्पण, दान आदि करवाया। लगभग छह बजे दोनों यहां ओट में बने महिला घाट की ओर चले गए।
जब दोनों वापस नहीं लौटे तो लोगों को उनके गंगा में समा जाने का पता चल पाया। पुलिस को होटल में उनका कमरा खुला मिला यहां कपड़ों से भरी दो अटैची व बैग मिले। होटल के रजिस्टर व पैन कार्ड के आधार पर दोनों की पहचान लखनऊ निवासी अरविंद(65) और सुमन(62) पुत्र व पुत्री नागेश्वर प्रसाद के रूप में हुई। हालांकि पुलिस की छानबीन में पता चला कि मौजूदा समय से ये बुजुर्ग पारानगर कानपुर में रह रहे थे।
पुलिस को उनके सामान में मिले पुराने मोबाइल से लखनऊ निवासी जितेंद्र प्रसाद से सम्पर्क किया गया। उक्त व्यक्ति ने बताया कि तीन वर्ष पूर्व दोनों लखनऊ में अपना घर 11 लाख में उसे बेचकर पारानगर कानपुर में रहने चले गए थे और वर्तमान में वहीं रह रहे थे। दोनों बहुत कम ही बाहर निकलते थे, कुछ महीने पहले उन्होंने यात्रा पर जाने की बात कही थी। एसडीआरएफ और पुलिस टीम ने गंगा में उनकी तलाश शुरू कर दी है।