जीतिन चावला एनटीन्यूज़: श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला *नई शिक्षा नीति एवं व्यवसायिक पाठ्यक्रम निर्माण एवं क्रियान्वयन* विषय पर साईं इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल साइंसेज देहरादून के सभागार में दिनांक 23 अक्टूबर 2021 को आयोजित हुई।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रोफ़ेसर मोहन सिंह पंवार ने बताया कि नई शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन हेतु 70% पाठ्यक्रम का कलेवर यूजीसी के अनुरूप एवं 30% पाठ्यक्रम में क्षेत्रीय स्तर की अपेक्षाओं के अनुरूप तैयार किया जाना है, जिसमें गांव को गोद लिया जाना भी एक प्राथमिकता है।
उन्होंने कहा की सर्टिफिकेट तथा डिप्लोमा पाठ्यक्रमों में स्थानीय युवाओं की जरूरतों का विशेष ध्यान रखा जाएगा, राज्य के बेरोजगारों को स्किल्ड शिक्षा का प्रावधान कर पाठ्यक्रम तैयार किए जा रहे हैं जल्द ही लगभग 70 से अधिक पाठ्यक्रम तैयार कर लिए जाएंगे.
मुख्य अतिथि हिमालयन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफ़ेसर जे.पी. पचौरी ने कहा कि शिक्षक को हमेशा सीखते रहना चाहिए क्योंकि कोई भी हर कार्य में निपुण नहीं होता, नई शिक्षा नीति में तीन बातें महत्वपूर्ण है, सार्वभौमिकता, व्यवसायिकता व पेशेवर नजरिया , शिक्षक को सदैव नई तकनीकी से अपडेट होना आवश्यक है ।
प्रो.डी.सी. गोस्वामी ने अपने व्याख्यान में बताया कि नई शिक्षा नीति का कौशल विकास एवं अधिगम पर केंद्रित होना चाहिए। समता और समागम को केंद्रित होना चाहिए समाज के हर तबके को शिक्षा का लाभ मिले और संस्थान अपनी स्वायत्तता को मजबूत करते हुए शोध को बढ़ावा दे।
प्रोफेसर डॉ सुमिता श्रीवास्तव ने कहा कि पाठ्यक्रम में चयन आधारित क्रेडिट प्रणाली छात्र आधारित है, जहां शिक्षण में छात्र छात्राओं हेतु व्यापकता है, जिससे अपनी इच्छा के आधार पर पाठ्यक्रम का चयन होगा ।
प्रो० राजमणि पटेल ने कार्यशाला में क्रेडिट प्रणाली के बारे में विस्तार से चर्चा की व उन्होंने बताया कि वाणिज्य का पाठ्यक्रम नई शिक्षा नीति के अनुरूप तैयार कर दिया गया है।
राजकीय महाविद्यालय बड़कोट के प्राचार्य प्रो. ए. के. तिवारी ने स्नातकों हेतु नई शिक्षा नीति के अनुरूप रोजगार सृजन कैसे किया जाए इस पर विस्तार से चर्चा की ।
प्रो० गुलाटी, प्रो० उपाध्याय ने कार्यशाला में नई शिक्षा नीति के तहत पाठ्यक्रमों की रूपरेखा और इनके महत्व का पर प्रश्नकाल के दौरान चर्चा की ।
प्रो० जुयाल ने पाठ्यक्रमों की मार्केट वैल्यू और रोजगार क्षमताओं पर विस्तार से चर्चा की ।
इस कार्यशाला का संचालन सहायक परीक्षा नियंत्रक डॉ हेमंत बिष्ट ने किया, इस अवसर पर उप कुलसचिव डॉ खेमराज भट्ट, सहायक कुलसचिव देवेंद्र सिंह रावत व विभिन्न महाविद्यालयों के प्राचार्य आदि उपस्थित थे।