नानकमत्ता, 09 नवम्बर 2025: उत्तराखंड राज्य स्थापना के 25 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर महाराणा प्रताप राजकीय महाविद्यालय, नानकमत्ता (जनपद–उधम सिंह नगर) में राष्ट्रीय सेवा योजना (एन.एस.एस.) इकाई द्वारा एक दिवसीय शिविर का आयोजन किया गया।
यह आयोजन राज्य स्थापना की रजत जयंती वर्षगाँठ को समर्पित था, जिसमें उत्तराखंड के विकास पथ, युवाओं की भूमिका तथा सेवा-भावना को केंद्र में रखा गया।
शिविर का उद्घाटन नानकमत्ता क्षेत्र के पूर्व विधायक डॉ. प्रेम सिंह राणा ने दीप प्रज्वलन कर किया। अपने उद्घाटन संबोधन में उन्होंने प्रतिभागी स्वयंसेवकों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना जैसे कार्यक्रम छात्र-छात्राओं के व्यक्तित्व और नेतृत्व विकास के साथ-साथ राज्य निर्माण के आदर्श मूल्यों को सुदृढ़ करते हैं। उन्होंने कहा कि “सेवा भाव, अनुशासन और सामाजिक उत्तरदायित्व—यही उत्तराखंड के युवाओं की असली पहचान है।”
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि नगर पंचायत नानकमत्ता के अध्यक्ष श्री प्रेम सिंह टुरना ने कहा कि एन.एस.एस. केवल एक शैक्षिक कार्यक्रम नहीं बल्कि समाज निर्माण का एक सशक्त माध्यम है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड जैसे नवोदित राज्य के विकास में युवाओं की सहभागिता अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि वे महाविद्यालय में अनुशासन, समयबद्धता और समर्पण के साथ भाग लें और महाविद्यालय में रहकर समाज की वास्तविक समस्याओं को समझें।
इस अवसर पर महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो. अंजला दुर्गापाल ने यह भी कहा कि “उत्तराखंड राज्य की स्थापना का मूल उद्देश्य था—विकास, आत्मनिर्भरता और जनभागीदारी। एन.एस.एस. इन उद्देश्यों को साकार करने का एक सशक्त माध्यम है, जो युवाओं को समाज और राष्ट्रहित में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रेरित करता है।”
प्रो. दुर्गापाल ने कहा कि आज उत्तराखंड राज्य को ऐसे युवाओं की आवश्यकता है जो समाज में व्याप्त विभिन्न समस्याओं जैसे – स्वच्छता, शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण, पर्यावरण संरक्षण आदि के समाधान हेतु सक्रिय भूमिका निभा सकें। उन्होंने विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वे अध्ययन काल के दौरान पूर्ण अनुशासन, समयबद्धता और निष्ठा के साथ सहभागिता करें तथा समाज के प्रति अपने दायित्व का निर्वहन करें। उन्होंने कहा कि इस विद्यार्थी जीवन में प्राप्त अनुभव भविष्य में आपके व्यक्तित्व को परिपक्व एवं सुदृढ़ बनाएंगे।”
इस अवसर पर राष्ट्रीय सेवा योजना की सह कार्यक्रम अधिकारी डॉ. मीनाक्षी ने स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए कहा कि “सेवा और अनुशासन ही व्यक्ति के जीवन की सबसे बड़ी पूँजी हैं।” उन्होंने एन.एस.एस. स्वयंसेवकों से आग्रह किया कि वे एन.एस.एस. शिविर को आत्मविकास का अवसर मानें और समाज सेवा में निस्वार्थ भाव से जुटें।
इस अवसर पर महाविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापक प्रो. मृत्युजंय शर्मा ने एन.एस.एस. के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस प्रकार के आयोजन समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने का माध्यम बनते हैं। उन्होंने कहा कि “उत्तराखंड जैसे भौगोलिक रूप से विविध राज्य में युवाओं की सामाजिक जागरूकता ही स्थायी विकास का आधार है।”
इस अवसर पर राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के कार्यक्रम अधिकारी डॉ. रवि जोशी ने कहा कि “एन.एस.एस. विद्यार्थियों को पुस्तकीय ज्ञान से आगे बढ़कर व्यावहारिक जीवन के अनुभवों से जोड़ता है। यह एकदिवसीय शिविर समाज की वास्तविकताओं को समझने और समाधान की दिशा में काम करने का अवसर प्रदान करता है।”
उनका कहना था कि “उत्तराखंड राज्य स्थापना की रजत जयंती के इस अवसर पर आयोजित यह एन.एस.एस. शिविर युवाओं में सेवा, नेतृत्व, और सामाजिक जागरूकता की भावना को सुदृढ़ करने की दिशा में एक सार्थक पहल है। यह आयोजन यह संदेश देता है कि उत्तराखंड के उज्ज्वल भविष्य की नींव युवा शक्ति की सक्रिय भागीदारी से ही संभव है।”
डॉ. जोशी ने कहा कि “राज्य स्थापना की रजत जयंती केवल उत्सव का अवसर नहीं, बल्कि आत्ममंथन और नव-संकल्प का भी क्षण है। उत्तराखंड के युवा यदि सेवा, अनुशासन और सामाजिक उत्तरदायित्व के मार्ग पर चलें तो आने वाले 25 वर्ष राज्य के स्वर्णिम भविष्य के रूप में देखे जा सकते हैं।”
इस अवसर पर महाविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापक प्रो. मृत्युञ्जय शर्मा, डॉ. निवेदिता अवस्थी, डॉ. ममता सुयाल, डॉ. चम्पा टम्टा, डॉ. उमेश जोशी, डॉ. स्वाति पंत, डॉ. मंजुलता जोशी, डॉ. दर्शन सिंह मेहता, डॉ. शशि प्रकाश सिंह, तथा श्री महेश कन्याल, श्री राम जगदीश सिंह, श्री विपिन थापा, श्री सुनील कुमार और श्री संतोष चन्द भी उपस्थित रहे।


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