नगर निगम चुनाव के ऐलान के साथ ही प्रत्याशियों के चयन की प्रक्रिया तेज हो गई है। हरिद्वार नगर निगम मेयर सीट के लिए भाजपा ने फाइनल फार्मूला तय कर दिया है।

इसके तहत टिकट दिया जाता है तो उन नेताओं को मायूसी उठानी पडेगी जिन्होंने टिकट के लिए अपनी पत्नियों या मां को आगे किया है।

हरिद्वार सीट महिला ओबीसी है ऐसे में अच्छे प्रत्याशियों का भाजपा के पास भी टोटा है। लेकिन भाजपा ने तय कर दिया है कि सक्रिय कार्यकर्ता और अच्छे फीडबैक वाले प्रत्याशी को ही टिकट दिया जाएगा। सिर्फ इस बात पर किसी का नाम तय नहीं किया जाएगा कि दोवदार बड़े नेता या पदाधिकारी की पत्नी है।

वहीं भाजपा ने मीटिंग में साफ कर दिया है कि सिर्फ संघ या भाजपा नेता या पदाधिकारी की पत्नी होने के नाते टिकट नहीं मिलेगा। ऐसे कई नेताओं ने दावेदारी पेश की है। लेकिन सभी को टिकट मिलना मुश्किल है।

पार्टी की सक्रिय कार्यकर्ता होनी चाहिए। पार्टी के कार्यकर्मों में उपस्थित और सक्रियता होनी चाहिए। विभिन्न योजनाओं का ज्ञान होना चाहिए। समाजिक पहचान होना जरुरी है।

महिला मोर्चा का समर्थन जरुरी है। शैक्षिक और सामाजिक स्तर का आंकलन होगा। इन पैमानों के बाद पार्टी का फीडबैक और आंतरिक सर्वें की रिपोर्ट देखी जाएगी। पार्षद या अन्य पद पर निर्वाचित या पूर्व निवाचिर्त को तरजीह दी जाएगी।

हालांकि उन महिला दावेदारों को तरजीह दी जाएगी जो मौजूदा पार्षद है या पूर्व में पार्षद या अन्य किसी पद पर रह चुकी है। इसमें भी वरिष्ठता देखी जाएगी। इसके बाद अमुक दावेदार के परिवार और उनके पति की राजनीति सक्रियता के आधार भी देखा जाएगा।

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