जीतिन चावला, एनटीन्यूज़, हरिद्वारः अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष के चुनाव को लेकर विवाद बढ़ने के बाद अब निरंजनी अखाड़े के सचिव रविंद्र पुरी महाराज को अखाड़ा परिषद का अध्यक्ष चुना गया। प्रयागराज में हुई अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक के बाद इसकी घोषणा की गई है। अखाड़ा परिषद के नए अध्यक्ष रविंद्र पुरी ने कहा कि “हमारा सबसे बड़ा मिशन उत्तर प्रदेश में योगी (आदित्यनाथ) जी को सत्ता में वापस लाना है।” बता दें कि, महंत नरेंद्र गिरि की मृत्यु के बाद से अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष का पद खाली था।

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की सोमवार को हुई बैठक में निरंजनी अखाड़े के सचिव महंत रवींद्र पुरी को अखाड़ा परिषद का अध्यक्ष चुना गया। महंत नरेंद्र गिरि की मृत्यु होने से अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष का पद रिक्त था। यहां दारागंज के मोरी गेट स्थित निरंजनी अखाड़ा के परिसर में हुई बैठक के बाद अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री हरि गिरि ने संवाददाताओं को बताया कि इस बैठक में निरंजनी अखाड़ा के सचिव रवींद्र पुरी को अखाड़ा परिषद का अध्यक्ष निर्वाचित किया गया। उन्होंने बताया कि बैठक में 13 अखाड़ों में से सात अखाड़ों के पदाधिकारी शामिल हुए और निर्मोही अनी अखाड़े की तरफ से समर्थन का पत्र आया था।

निरंजनी अखाड़े के मुख्यालय में ये बैठक हुई थी। बैठक में 7 अखाड़े के प्रतिनिधि मौजूद रहे। बैठक में मौजूद संतों ने कहा कि एक अखाड़े ने चिट्ठी के जरिए अपना समर्थन दिया है। जूना अखाड़ा, निरंजनी अखाड़ा, आनंद अखाड़ा, अग्नि अखाड़ा, आवाहन अखाड़ा, नया उदासीन अखाड़ा प्रतिनिधि बैठक में शामिल हुए। निर्वानी अणि अखाड़े के बारे में कहा गया कि उन्होंने हरिद्वार में हुई बैठक में महानिर्वाणी अखाड़े के रविंद्र पुरी को अध्यक्ष चुना गया था।  उस समय मौजूद अखाड़ों में से कुछ ने ये आरोप लगाया था कि अखाड़ा परिषद के मौजूदा महामंत्री हरिगिरि उनकी बात को नहीं सुनते। उसके बाद से सुलह समझौते की कोशिश जारी थी। आज बैठक के बाद ये कहा गया कि 13 अखाड़ों में से 7 अखाड़े आज की बैठक के फैसले के समर्थन में हैं इसलिए निरंजनी अखाड़े के रविंद्र पुरी अध्यक्ष हैं।

 

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