पं. लालित मोहन शर्मा परिसर, श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय, ऋषिकेश के वनस्पति विज्ञान विभाग द्वारा आज दिनांक 16 सितम्बर को ओज़ोन दिवस के उपलक्ष में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्वलन एवं सरस्वती वंदना के साथ हुआ।
इस कार्यशाला में विभाग के विभिन्न प्राध्यापकों एवं शोधार्थियों ने ओज़ोन परत के महत्व तथा पर्यावरणीय संरक्षण से सम्बंधित विविध विषयों पर पवार पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से विचार प्रस्तुत किए।
प्रो. वी. डी. पांडेय (विभागाध्यक्ष, वनस्पति विज्ञान) ने पर्यावरण की विभिन्न परतों तथा ओज़ोन परत के महत्व पर पावरपॉइंट प्रस्तुति के माध्यम से विस्तारपूर्वक प्रकाश डाला तथा पर्यावरण प्रदूषणों के ओज़ोन क्षरण पर पड़ने वाले प्रभावों पर भी चर्चा की।
प्रो. डी. एम. त्रिपाठी (विभागाध्यक्ष प्राणी विज्ञान) ने ओज़ोन परत के क्षरण से मानव स्वास्थ्य एवं जलीय पारिस्थितिकी तंत्र पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों पर प्रस्तुति दी।
प्रो. हितेन्द्र सिंह (रसायन विज्ञान) ने ओज़ोन रसायनिकी पर एक वीडियो प्रस्तुति दी, जिसमें ओज़ोन अणु का निर्माण, सी.एफ.सी. (CFCs) तथा अन्य हैलोज़नों द्वारा ओज़ोन क्षरण की प्रक्रिया, सूक्ष्म प्लास्टिकों का पारितंत्र में प्रवेश और उनके दुष्प्रभावों को दर्शाया गया।
वनस्पति विज्ञान विभाग के शोधार्थी प्रतिभा वर्मा, रतन लाल, साधना, श्वेता एवं पूजा कुलियाल ने ओज़ोन परत से संबंधित विभिन्न पहलुओं (ओज़ोन क्षरण के कारण व प्रभाव, प्रदूषक तत्व, ओज़ोन छिद्र की भरपाई, मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल) पर पावरपॉइंट प्रस्तुतियाँ दीं। इन प्रस्तुतियों में ओज़ोन परत की खोज से लेकर वर्तमान शोध एवं जागरूकता सम्बन्धी पहलुओं पर भी जानकारी दी गई।
इस अवसर पर विज्ञान संकाय के स्नातक, स्नातकोत्तर तथा पीएच.डी. के विद्यार्थियों एवं शोधार्थियों ने सहभागिता की।
कार्यक्रम का संचालन अमिता सिंह तथा सौरभ रावत (पीएच.डी. बॉटनी शोधार्थी) द्वारा किया गया, जबकि दिक्षा बहुगुणा ने अतिथियों का आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर वनस्पति विज्ञान विभागाध्यक्ष प्रो. वी. डी. पांडेय, प्रो. एन. के. शर्मा, डॉ. शालिनी रावत, डॉ. प्रीति खंडूरी, डॉ. दिनेश सिंह; प्राणी विज्ञान विभाग से प्रो. डी. एम. त्रिपाठी; रसायन विज्ञान विभाग से प्रो. नीता जोशी, प्रो. हितेन्द्र सिंह, डॉ. राकेश जोशी भौतिकी विभाग से प्रो. बी. एन. बहुगुणा, प्रो. मनोज यादव; प्राणी विज्ञान विभाग से डॉ. नीलाक्षी पांडेय; भूविज्ञान विभाग से डॉ. प्रमोद अंथवाल सहित अनेक गणमान्य प्राध्यापक उपस्थित रहे।