आज दिनांक 12 जुलाई 2024 को उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय के तत्वावधान में पंडित ललित मोहन शर्मा श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय परिसर ऋषिकेश में साप्ताहिक विज्ञान प्रयोगात्मक कार्यशाला का शुभारंभ हुआ।
मुक्त एवं दूरस्थ शिक्षा पद्धति में विज्ञान, पर्यावरण विज्ञान एवं वानिकी जैसे विषयों की गुणवत्ता को बनाए रखने हेतु विश्वविद्यालय द्वारा छात्रों के लिए विशिष्ट परामर्श सत्रों का आयोजन किया जाता है ताकि शिक्षार्थियों का न केवल सैद्धांतिक ज्ञान वर्धन हो अपितु वह प्रयोगशाला में सैद्धांतिक ज्ञान का समुचित परीक्षण भी कर सकें।
इन उद्देश्यों की पूर्ति हेतु इन दिनों उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय द्वारा पंडित ललित मोहन शर्मा परिसर ऋषिकेश के साथ मिलकर ऐसे परामर्श सत्रों का आयोजन किया जा रहा है जिसमें सैद्धांतिक परामर्श सत्रों के साथ-साथ प्रयोगात्मक एवं क्षेत्रीय अध्ययन परामर्श सत्र भी शामिल है।
प्रभारी निदेशक व संकयाध्यक्ष विज्ञान एवम् समन्वयक प्रो जी० के० ढींगरा ने बताया कि ने बताया कि इस कार्यशाला में स्नातकोत्तर के शिक्षार्थियों हेतु इस प्रकार के परामर्श सत्रों का आयोजन दिनांक 12 जुलाई से आरम्भ हो गया है और यह दिनांक 21 जुलाई तक चलेंगा।
उन्होंने यह भी बताया कि इस दौरान शिक्षार्थियों को पर्यावरण की दृष्टि से महत्वपूर्ण क्षेत्रों एवं संस्थानों का भ्रमण कराया जाएगा ताकि शिक्षार्थियों को पर्यावरण से संबंधित विभिन्न पहलुओं की व्यवहारिक जानकारी हो सके।
उन्होंने बताया कि इस दौरान शिक्षार्थियों को पतंजलि हर्बल रिसर्च इंस्टीट्यूट की प्रयोगशाला तथा यूकॉस्ट देहरादून का भ्रमण कराया जायेगा।
इस दौरान रसायन विज्ञान के विभाग अध्यक्ष प्रोफेसर एसपी सती, जंतु विज्ञान के विभगाध्यक्ष प्रो डी एम त्रिपाठी, भौतिक विज्ञान के विभाग अध्यक्ष प्रोफेसर मनोज कुमार यादव, वनस्पति विज्ञान से डॉ एस के कुड़ियाल ने प्रतिभागियों छात्राओं को पाठ्यक्रम संबंधित व्यवहारिक ज्ञान दिया एवं सात दिवसीय कार्यशाला में होने वाले क्रियाकलापों को छात्रों को अवगत कराया।
इस मौके पर ऋषिकेश परिसर से डॉ वी डी पांडे, डॉ एस के नौटियाल, डॉ नेहा भट्ट, डॉ दिनेश सिंह, दो गजेंद्र कुमार डॉ अंकुर डॉ पंकज रावत। तथा उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय की ओर से सहायक प्राध्यापक पर्यावरण विज्ञान डॉ बीना फुलारा, डा. कृष्ण कुमार टम्टा, वनस्पति विज्ञान से डॉ पूजा जुयाल डॉ कृतिका पढालिया, भौतिक विज्ञान से डॉ मीनाक्षी राना, जंतु विज्ञान से डॉ मुक्ता जोशी एवं शिक्षार्थी उपस्थित थे।