आज दिनांक 31 अक्टूबर को पंडित ललित मोहन शर्मा परिसर ऋषिकेश श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय राष्ट्रीय एकता दिवस के उपलक्ष पर सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती मनाई गई

विश्वविद्यालय परिसर के समस्त अधिकारी व कर्मचारियों द्वारा सरदार पटेल के चित्र के समक्ष पुष्प अर्पित कर अपनी श्रद्धांजलि दी गई।

डॉ पुष्कर गौड, विभागाध्यक्ष शारीरिक शिक्षा विभाग द्वारा राष्ट्रीय एकता दिवस व पटेल जी पर विस्तृत वर्णन किया गया उन्होंने कहा कि वे पटेल के नाम से लोकप्रिय थे।

उन्होंने भारत के पहले उप-प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया। वे एक भारतीय अधिवक्ता और राजनेता थे, जो राष्ट्रीय कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता और भारतीय गणराज्य के संस्थापक पिता थे जिन्होंने स्वतंत्रता के लिए देश के संघर्ष में अग्रणी भूमिका निभाई और एक एकीकृत, स्वतंत्र राष्ट्र में अपने एकीकरण का मार्गदर्शन किया। भारत और अन्य जगहों पर, उन्हें अक्सर हिंदी, उर्दू और फ़ारसी में सरदार कहा जाता था, जिसका अर्थ “प्रमुख”।

उन्होंने भारत के राजनीतिक एकीकरण और 1947 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान गृह मंत्री के रूप में कार्य किया, इस दौरान उनके द्वारा किये गए कार्यों के कारण उन्हें आज भी याद किया जाता है।

इस दौरान विश्वविद्यालय परिसर के प्राचार्य प्रो गुलशन कुमार ढींगरा द्वारा ऑनलाइन माध्यम से कहा कि सरदार पटेल जब गृह मंत्री थे तब उनकी पहली प्राथमिकता रियासतों (राज्यों) को भारत में मिलाना था।

इसको उन्होने बिना कोई खून बहाये सम्पादित कर दिखाया। केवल हैदराबाद के आपरेशन पोलो के लिये उनको सेना भेजनी पडी। भारत के एकीकरण में उनके महान योगदान के लिये उन्हे भारत का लौह पुरूष के रूप में जाना जाता है।

इस दौरान वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी शाकुन्तला शर्मा, जोत सिंह, सुरेंद्र खत्री, हरीश चंद्र, अभिनव, सीमा रतूड़ी, अलका रानी व छात्र छात्रायें आदि मौजूद थे।