- सूचना के अधिकार के मूलभूत सिद्धांतों पर शैलेश गांधी द्वारा दी गई जानकारी स्पेशल वर्कशॉप में आरटीआई कानून से जुड़े हुए तकनीकी और महत्वपूर्ण बिंदुओं पर आयोजित हुआ वेबीनार
- पूर्व केंद्रीय सूचना आयुक्त ने आरटीआई आवेदकों को दी विशेष जानकारी
आकाश सिंघल,लखनऊ : सूचना के अधिकार कानून को लेकर पूर्व केंद्रीय सूचना आयुक्त शैलेश गांधी द्वारा एक आरटीआई वर्कशॉप में उद्बोधन वेबीनार के माध्यम से दिया गया।
इस कार्यक्रम का आयोजन शनिवार 6 अगस्त 2022 को शाम 5:00 बजे से 6:30 बजे तक किया गया।
कार्यक्रम का संचालन सामाजिक कार्यकर्ता शिवानंद द्विवेदी द्वारा किया गया जबकि विशिष्ट अतिथि के तौर पर स्वयं शैलेष गांधी मौजूद रहे
पूर्व केंद्रीय सूचना आयुक्त ने अपने 1 घंटे के उद्बोधन में आरटीआई कानून से जुड़े हुए महत्वपूर्ण और मूलभूत बातों पर जोर दिया और आरटीआई कैसे लगाएं कब लगाएं कहां लगाएं उसके लिए निर्धारित शुल्क और कितने दिनों में जानकारी दी जाए और यदि जानकारी न मिले तो प्रथम एवं द्वितीय अपील कब कहां कैसे करें आदि बिंदुओं से लेकर धारा 8, 9 एवं धारा 11 जिसमें कुछ विशेष परिस्थितियों में सूचना नहीं दिए जाने का भी प्रावधान रहता है जैसे कई मुद्दों पर विस्तार से चर्चा करते हुए पार्टिसिपेंट्स के प्रश्नों के भी उत्तर दिए।
बता दें की पूर्व केंद्रीय सूचना आयुक्त शैलेश गांधी अपने 4 वर्ष के सेंट्रल इनफॉरमेशन कमिश्नर के कार्यकाल के दौरान 20 हज़ार से से अधिक प्रकरणों का निपटारा किया और साथ में कई करोड़ रुपए की के जुर्माने भी लगाए।
आरबीआई से जुड़े हुए एक मामले जिसमें उन्होंने गवर्नर को ही डीम्ड पीआईओ बना दिया था एक बेहद रोचक मामला है। शैलेश गांधी आईआईटी बॉम्बे से अंडर ग्रेजुएट रहे हैं और उन्होंने अपनी कंपनी को छोड़कर सामाजिक सेवा एवं आरटीआई आंदोलन में सहभागिता निभाई है।
एनसीपीआरआई के सह संयोजक रहे शैलेष गांधी मजदूर किसान शक्ति संगठन के साथ भी मिलकर कार्य किया है। चाहे वह आरटीआई रहा हो अथवा राइट टू फूड या राइट टू एजुकेशन सभी सिविल राइट्स के मुद्दों पर उन्होंने अपने विचार बिना किसी दवाब भेदभाव के साथ स्वतंत्र एवं निष्पक्ष भाव से रखे हैं।
उन्होंने आरटीआई पर कई सारी किताबें भी लिखी हैं जो आज काफी चर्चित हैं। प्रत्येक रविवार सुबह 11:00 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक आयोजित होने वाले राष्ट्रीय स्तर के वेबीनार में भी वह अपनी सहभागिता विशिष्ट अतिथि के तौर पर देते हैं।
रिटायरमेंट के बाद शैलेष गांधी निरंतर आरटीआई कानून को जन जन तक पहुंचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। इसी दिशा में वेबीनार, वर्कशॉप कॉन्फ्रेंस आदि के माध्यम से लोगों से जुड़ते हैं और आरटीआई को कैसे मजबूत बनाया जाए इस विषय पर हर संभव प्रयास कर रहे हैं।