देवेंद्र कुमार सक्सेना, कोटा: प्रसिद्ध तबला वादक उस्ताद ज़ाकिर हुसैन का महाप्रयाण।
प्रसिद्ध तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन का सैन फांसिस्कौ में निधन हो गया। वे 73 वर्ष के थे।
पद्मविभूषण से सम्मानित उस्ताद हुसैन पंजाब घराने के तबला वादक थे।
फिल्म साज में वे अभिनेत्री शबाना आजमी के साथ नायक थे।
उस्ताद जाकिर हुसैन कोटा आए थे…
संगीतिका की संस्थापक सदस्य संगीत गुरू प्रो0 सुधा अग्रवाल, संगीतिका अध्यक्ष एन एन द्विवेदी, संगीतिका के उपाध्यक्ष संगीत गुरू पंडित महेश शर्मा जी, श्रीमती प्रेरणा शर्मा, प्रो 0 राजेन्द्र माहेश्वरी, डाॅ 0 पुनीता श्रीवास्तव, शास्त्रीय गायिका श्रीमती संगीता सक्सेना, श्री राजीव मल्होत्रा,डॉ 0 संतोष कुमार मीना तबला वादक श्री घनश्याम राव,श्री देवेंद्र कुमार सक्सेना,श्री महूराज राव, गायिका सुश्री आस्था सक्सेना ने उन्हें विनम्र श्रध्दांजलि अर्पित की।
(कोटा में उस्ताद जाकिर हुसैन प्रो0 सुधा अग्रवाल एवं परिजन)
गायिका संगीता सक्सेना ने बताया कि वे आई टी सी संगीत सम्मेलन में संगीतिका मंच पंडित शिव कुमार शर्मा एवं पंडित बृज भूषण काबरा के साथ कोटा संगीत प्रस्तुति देने के लिए आए थे उनकी प्रस्तुति रात्रि तीन बजे तक हुई मैंने उनकी प्रस्तुति अपने गुरुजनों कला पुरोधा प्रो0 सुधा अग्रवाल एवं कला पुरोधा पंडित महेश शर्मा जी के साथ में सुनी थी।
तबला वादक देवेंद्र कुमार सक्सेना ने बताया कि वे महान तबला वादक के साथ साथ अत्यन्त विनम्र व्यक्ति थे तथा अपने पिता उस्ताद अल्ला रख्खा जी के समय के महान तबला वादको पद्मविभूषण पंडित किशन महाराज, पंडित सामता प्रसाद गुदई महाराज आदि को गुरु तरह सम्मान देकर चरण स्पर्श करते थे।
वे सभी घरानों का तबला वादन करके मंत्र मुग्ध कर देते थे।
ऐसे महान कलाकार को विनम्र श्रध्दांजलि
वे ट्रक बैठकर कोटा पहुंचे और सीधे मंच पर बैठ गए….कला पुरोधा प्रो सुधा अग्रवाल द्वारा श्रद्धांजलि देते हुए कहा
इससे दुखद हृदय विदारक समाचार कोई नहीं हो सकता वे संगीतिका में तीन बार आये थे एक बार आदरणीय पंडित बृज भूषण काबरा साहब के साथ बजाना था तो जयपुर तक प्लेन से आकर टैक्सी से कोटा आना था जयपुर से चले रास्ते में टैक्सी खराब हो गयी तो एक ट्रक वाले को रोक कर बताया,
इधर काबरा जी खराब मूड मे स्टेज पर आलाप कर रहे थे हमारा चिंता से बुरा हाल था तभी एक ट्रक हार्न बजाता हुआ आया और उसमें से जाकिर साहब तबला उठाऐ हुए भागते भागते आए धूल-धूसरित स्टेज पर आकर बैठ गये काबरा साहब की और हम सब की जान में जान आई जब उन्होंने बताया तो वाह वाह.. बहुत खूब देर तक तालियों की गडगडाहट होती रही।
जाकिर साहब की सरलता मृदुल व्यक्तित्व और व्यवहार निराभिमानता की प्रशंसा के लिए शब्द नहीं हैं ईश्वर से प्रार्थना है कि इस हृदय विदारक दुःख को सहने की शक्ति समस्त परिवार जनों को शिष्य को तथा संगीत जगत को प्रदान करे… उनका अवसान संगीत जगत की अपूरणीय क्षति है. प्रो0 राजेन्द्र माहेश्वरी ने उस्ताद जाकिर हुसैन को श्रध्दांजलि देते उनकी विनम्रता और व्यवहार कुशलता का जिक्र करते हुए उन्होंने महान कलाकार बताया
कोटा के वरिष्ठ तबला वादक घनश्याम राव ने उस्ताद जाकिर हुसैन की खबर टीवी पर सुनकर कल रात से भोजन नहीं किया उन्होंने निधन को बहुत बड़ी क्षति बताया।