- पेंशन को लेकर केंद्र सरकार ने लिया बड़ा फैसला, OPS और NPS नहीं अब लागू होगा UPS
केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ा फैसला लिया है। आज हुई कैबिनेट की बैठक में ओल्ड पेंशन स्कीम और न्यू पेंशन स्कीम की जगह यूनीफाइड पेंशन स्कीम (UPS) पर मुहर लगा दी है।
सरकार ने कहा कि जो कर्मचारी 25 साल तक नौकरी करेगा उसे पूरी पेंशन मिलेगी। यूपीएस स्कीम से 23 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को फायदा होगा। यह स्कीम 01अप्रैल 2025 से लागू की जाएगी।
केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री अश्विणी वैष्णव ने कैबिनेट की बैठक से जुड़ी जानकारी देते हुए कहा कि 10 साल सर्विस करने वाले को 10 हजार रुपए का पेंशन मिलेगा। कर्मचारियों की अगर सेवा के दौरान मौत होती है, तो उनकी पत्नियों को 60 प्रतिशत पेंशन दी जाएगी, सरकार ने कहा कि उसके फैसले को राज्य सरकार भी लागू कर सकती हैं। यह स्कीम 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी।
सरकार ने कहा कि अगर किसी कर्मचारी ने न्यूनतम 25 साल तक काम किया तो रिटायरमेंट के पहले आखिरी 12 महीने के औसत वेतन का कम से कम 50 फीसदी पेंशन के रूप में मिलेगा, वहीं किसी पेन्शन भोगी को मौत होती है तो उसके परिवार को पेन्शन भोगी की मृत्यु के वक्त मिलने वाली पेंशन का 60 फीसदी हिस्सा मिलेगा।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सभी एनपीएस वालों को यूपीएस में जाने का विकल्प मिलेगा। यह उन सभी पर भी लागू होगा जो एनपीएस की शुरुआत से ही इसके तहत सेवानिवृत्त हुए हैं, या सेवानिवृत्त होने वाले हैं। सरकार इसके लिए बकायदा एरियर का भुगतान करेगी, जो कर्मचारी 2004 से रिटायर हुए हैं, उनको भी इसका लाभ मिलेगा।
पुरानी पेंशन स्कीम से कितना है अलग?
एक तरह से यह पुरानी पेंशन स्कीम की तरह ही होगी, लेकिन अंतर सिर्फ इतना होगा कि ओपीएस में जहां कर्मचारियों को योगदान नहीं देना होता था, यूपीएस में एनपीएस की तर्ज पर ही 10 प्रतिशत योगदान देना होगा। यूपीएस के लिए कर्मचारियों को कोई भी अतिरिक्त योगदान नहीं देना होगा, जबकि केंद्र सरकार की तरफ से पेंशन फंड में योगदान मौजूदा 14 फीसद से बढ़ा कर 18.5 फीसद कर दिया गया है। जो साल दर साल महंगाई दर आदि के कारण बढ़ता रहेगा।
ओपीएस के रूप में अब सुनिश्चित पेंशन के लिए यूपीएस। पेंशन की न्यूनतम राशि 10 हजार रुपये सुनिश्चित। ग्रेच्यूटी के अलावा छह माह का वेतन भी एकमुश्त सेवानिवृत्ति पर मिलेगा। कर्मचारियों पर कोई बोझ नहीं, सरकार ने अपना योगदान बढ़ा कर 18 फीसद किया। पहले वर्ष में सरकार पर 6250 करोड़ रुपये का बोझ। एनपीएस के तहत सेवानिवृत्त कर्मचारियों को यूपीएस स्वीकार करने का विकल्प। राज्य केंद्र सरकार के माडल को कर सकते हैं स्वीकार। 99 फीसद से ज्यादा सरकारी कर्मचारियों को यूपीएस स्वीकार करने में फायदा: वैष्णव
केंद्र पर पड़ेगा अतिरिक्त बोझ
इससे केंद्र पर वर्ष 2025-26 के दौरान ही 6250 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। चुनावी माहौल में इसे सरकार की ओर से बड़ा राजनीतिक मोहरा भी माना जा रहा है। यूक्रेन से यात्रा के बाद शनिवार दोपहर नई दिल्ली पहुंचे पीएम नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक देर शाम को हुई जिसमें यूनीफाइड पेंशन स्कीम के बारे में फैसला किया गया।