कोटा: भारतेंदु समिति कोटा के संस्थापक आचार्य हनुमान प्रसाद सक्सेना की पौत्री श्रीमती संगीता सक्सेना द्वारा हिन्दी दिवस पर विशेष लेख।

“निज भाषा उन्नति अहे, सब उन्नति को मूल “ – देश को ये मंत्र देने वाले आधुनिक हिन्दी के जनक भारतेन्दु हरिश्चन्द्र का जन्म ९ सितम्बर, १८५० को काशी के एक प्रतिष्ठित वैश्य परिवार में हुआ।

उनके पिता गोपालचंद्र एक अच्छे कवि थे और ‘गिरधरदास’उपनाम से कविता लिखा करते थे। १८५७ में प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के समय उनकी आयु ७ वर्ष की होगी।

भारतेंदु हरिश्चंद्र ने अपना संपूर्ण जीवन हिन्दी साहित्य की सेवा में समर्पित कर दिया‌। हिन्दी नाटक, गद्य, कविता और पत्रकारिता के क्षेत्र में इनका योगदान अविस्मरणीय है। इसके अतिरिक्त वे पत्रकार,वक्ता,निबंधकार एवं उत्कृष्ट कवि भी थे। हिन्दी साहित्य में खड़ी बोली में नाटक का शुरुआत का श्रेय भारतेंदु को जाता है।
उन्होंने मौलिक और अनूदित मिला कर कुल सत्रह नाटकों की रचना की।

भारतेंदु को हिंदी का पहला मौलिक नाट्य चिंतक भी माना जाता है। उनसे पहले के नाटक धार्मिक और भावुकता प्रधान थे। इसकी जगह भारतेंदु ने पौराणिक, ऐतिहासिक, राजनीतिक और सामाजिक नाटक लिखे।

आधुनिक हिंदी का जनक भारतेंदु हरिश्चंद्र को माना जाता है, वह हिंदी गद्य के एक महान लेखक थे भारतेंदु हरिश्चंद्र ने हिंदी गद्य में विशेष योगदान दिया इसके कारण ही इनको हिंदी का जनक कहा जाता है।

भाषा के बाद भारतेंदु का सबसे बड़ा योगदान नाटक और रंगमंच के क्षेत्र में रहा. उन्होंने पहली बार हिंदी में मौलिक नाटकों की रचना कीकी।

उन्हें हिंदी नाटक का युग प्रवर्त्तक करार दिया गया।
हम हाड़ौती वासियों के लिये गर्व का विषय है कि ब्रिटिशकाल में कोटा के क्रांतिकारी हिन्दी प्रचारक श्री हनुमान प्रसाद सक्सेना ने श्री भारतेंदु हरिश्चंद्र को श्रद्धांजलि स्वरूप 1926 में कोटा में हिन्दी साहित्य को समर्पित संस्था श्री भारतेंदु समिति की स्थापना की जो कि भारतेन्दु हरिश्चन्द्र के नाम देश की पहली संस्था है और हाड़ौती की पहली पंजीकृत संस्था है। इसका पंजीकरण क्रमांक 01 है ।

श्री भारतेंदु समिति को हनुमान प्रसाद सक्सेना के प्रयासों ने हाड़ौती की प्रथम संगीत नाट्य मंच देने वाली संस्था का श्रेय दिलाया ।
श्री भारतेंदु समिति द्वारा प्रति वर्ष देश भर के साहित्यकार भारतेंदु जयन्ति 9 सितंबर को साहित्य श्री से सम्मानित किए जाते हैं ।
हिन्दी को समर्पित ऐसे महान रचनाकार श्री भारतेंदु हरिश्चंद्रको आज हिन्दी दिवस के अवसर पर शत शत नमन।

लेखक-
श्रीमती संगीता सक्सेना
शास्त्रीय गायिका एवं पौत्री
आचार्य हनुमान प्रसाद सक्सेना संस्थापक भारतेंदु समिति कोटा