शहीद श्रीमती हंसा धनाई राजकीय महाविद्यालय अगरोड़ा, टिहरी गढ़वाल मे आज दिनांक 19 मई 2023 को प्राचार्य प्रोफेसर विनोद प्रकाश अग्रवाल के मार्गदर्शन तथा संगोष्ठी के समन्वयक श्रीमती सीमा, असिस्टेंट प्रोफेसर-हिंदी द्वारा प्रगतिवादी हिंदी कविता की प्रासंगिकता विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया।

प्राचार्य ने अपने संबोधन मे कहा कि हिंदी भाषा विश्व के प्राचीन और सरल भाषाओं में से एक है। हिंदी भाषा हमारी संस्कृति और संस्कारो की पहचान है। संगोष्ठी के समन्वय तथा मुख्य वक्ता श्रीमती सीमा ने अपने वक्तव्य मे बताया कि प्रगतिवाद एक राजनीतिक और सामाजिक शब्द है जिसका अर्थ है आगे बढ़ना, उन्नति करना।

प्रगतिवादी कवियो जैसे नागार्जुन, शिवमंगल सिंह सुमन, केदारनाथ अग्रवाल, सूर्यकांत त्रिपाठी निराला, सुमित्रानंदन पंत आदि ने अपने साहित्य तथा काव्य के माध्यम से समाज मे आर्थिक और सामाजिक समानता पर बल दिया। उन्होंने उच्च वर्ग तथा निम्न वर्ग के अंतर को समाप्त करने का भाव व्यक्त किया।

साथ ही साथ नारी को एक सम्मानजनक स्थान प्रदान किया। ईश्वरीय शक्तियों की अपेक्षा मानवीय शक्ति को प्रधानता दी। भाग्य की अपेक्षा कर्म को महत्व प्रदान किया।

कार्यक्रम का संचालन करते हुए डॉ भरत गिरी गोसाई ने बताया कि हिंदी न केवल हमारी मातृभाषा है बल्कि यह राजभाषा भी है। हमें अपनी भाषा पर गर्व होना चाहिए। हिंदी भाषा का प्रयोग हमे गौरव और मान सम्मान प्रदान करता है।

डॉ० राकेश रतूड़ी द्वारा इस संगोष्ठी में उपस्थित सभी का धन्यवाद ज्ञापन किया गया। आज के इस संगोष्ठी मे महाविद्यालय के प्राध्यापक, कर्मचारी वर्ग एवं छात्र छात्राएं शहीद कुल 34 प्रतिभागी मौजूद रहे।