राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय देवता रायपुर देहरादून में चिंतन दिवस के रूप में स्काउट की नियम और प्रतिज्ञा के साथ लार्ड पावेल का जन्मदिन मनाया गया।
इस अवसर पर रेंजर लीडर डॉ रेखा चमोली ने कहा कि लार्ड बेडेन पावेल स्काउट एंड गाइड की स्थापना की तथा इस के माध्यम से युवाओं के जीवन में समाज के प्रति समर्पण, सद्भावना और सहयोग की भावना विकसित करने की विधा का विकास किया। उन्होंने बताता कि इस वर्ष का विषय हमारी दुनिया – हमारा समान भविष्य , पर्यावरण व लैंगिक समानता हैं , जिसपर वर्ष भर सभी स्वमसेवकों को करना है ।
इस अवसर पर बोलते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर वंदना शर्मा ने कहा कि छात्रों में अनुशासन, समाज के प्रति समर्पण राष्ट्रभक्ति की भावना विकसित करने के लिए महाविद्यालयों में रोवर एवं रेंजर की यूनिट गठित की जाती है जिसमे छात्र छात्राओं को विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है जिससे वह जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सफल हो सके।
उन्होंने बताया कि केदारनाथ की आपदा के समय जब सभी वैज्ञानिक व्यवस्थाएं विफल होने लगी तब वहां के स्थानीय संसाधनों से रोवर रेंजर ने सेना के लिए पुल बनाने से लेकर के अन्य अनेक महत्वपूर्ण कार्य किये। उन्होंने कहा कि रोवर एवं रेंजर का प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले छात्र छात्राओं को महाविद्यालय का रोल मॉडल बनना है।
इस अवसर पर रेंजर लीडर डॉ दयाधर दीक्षित ने कहा कि लार्ड बेडेन पावेल का पूरा नाम राबकिर्ट स्टिफेन्सन स्मिथ बेडेन पावेल था, इनका जन्म 22 फरवरी, 1857 को लन्दन में रेवरेण्ड प्रोफेसर हरबर्ट जार्ज बेडेन पावेल के घर हुआ था। बी.पी. अभी तीन वर्ष के ही थे कि इनके पिता का निधन हो गया । इनकी माता श्रीमती हेनरेटा ग्रेस स्मिथ ने अत्यंत कुशलता एवं साहस से परिवार की देखभाल की।
उन्होंने जीवन मे अनेक उतार चढ़ाव देखे तथा अनुभव किया कि समाज के युवाओं की विशेष प्रशिक्षण की आवश्यकता है । डॉ दीक्षित ने कहा कि इस वर्ष महाविद्यालय से 11 रोवर रेंजर ने निपुर की परीक्षा उत्तीर्ण की है तथा आगे नहीं राज्य पुरस्कार तक जाना है इसलिए महाविद्यालय में समय-समय पर उनके प्रशिक्षण अन्य कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है उन्होंने बताया कि छात्र छात्राओं को स्काउट और गाइड के नियम तथा प्रतिज्ञाएं अपने जीवन में उतारने की आवश्यकता है
इस अवसर पर रोवर देवांग रोहिल्ला ,पवन , राहुल तथा रेंजर सिया राणा , शैफाली पंवार , अंशिका , शगुन तथा प्रियंका सहित , महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ मंजू कोनगियाल , डॉ सुमन सिंह गुसाईं , डॉ अखिलेश कुकरेती डॉ धर्मेंद्र सिंह राठौर डॉ शैलेन्द्र कुमार सिंह डॉ ऋतु कश्यप, डॉ श्रुति चौकियाल डॉ शशिबाला उनियाल सहित समस्त प्राध्यापकों ने प्रतिभाग किया ।