राजकीय महाविद्यालय नैनबाग टिहरी गढ़वाल की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के तहत महाविद्याल की प्राचार्य डॉ. मंजू कोगियाल की अध्यक्षता में विश्व पर्यावरण दिवस को बड़ी धूमधाम से मनाया गया।

इस अवसर पर महाविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के कार्यक्रम अधिकारी डॉक्टर दिनेश चंद्र ने स्वयंसेवियों को संबोधित करते हुए कहा कि शुद्ध पर्यावरण मानव के लिए बहुत आवश्यक है।

मानव समाज को यह जानकारी सर्वप्रथम 5 जून 1972 ई में यूरोप महाद्वीप के देश स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में दी गई थी। स्टॉकहोम में विभिन्न देशों के पर्यावरणविदों, समाजसेवियों, राजनीतिज्ञों ने संयुक्त राष्ट्र संघ से मिलकर पृथ्वी के भविष्य के लिए गहरी चिंता जाहिर की थी, और कहा था कि यदि मानव ने अपने क्रियाकलापों पर रोक नहीं लगाई तो हमारी पृथ्वी बहुत जल्दी खतरे में आ सकती है।

पृथ्वी के भविष्य की चिंता को ध्यान में रखते हुए सभी संस्थाओं ने संयुक्त राष्ट्र संघ के नेतृत्व में यह प्रण लिया था कि हमें सर्वप्रथम अपने पर्यावरण को बचाना होगा अर्थात अब हम प्रत्येक 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के रूप में मनाएंगे। पहली बार मानव पर्यावरण को स्वच्छ रखने के उद्देश्य से 5 जून 1973 ई को यह दिवस मनाया गया।

डॉ दिनेश चंद्र ने कहा कि जैसा कि हम जानते हैं प्रत्येक वर्ष संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस की अलग-अलग थीम होती है| वर्ष 2025 में यूएनओ ने विश्व पर्यावरण की थीम “प्लास्टिक प्रदूषण को मात है” ( Beat plastic Pollution) रखी है।

महाविद्यालय परिवार ने स्वयंसेवियों के साथ मिलकर पौधारोपण किया| इस अवसर पर महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ मंजू कोगियाल ने पर्यावरण को सुरक्षित रखने हेतु स्वयंसेवियों से बड़ी मात्रा में पौधारोपण करने के लिए प्रोत्साहित किया और उन्हें अपना आशीर्वचन दिया।

इस अवसर पर महाविद्यालय परिवार से प्राध्यापक डॉक्टर परमानंद चौहान , डॉक्टर संदीप कुमार , प्रयोगशाला सहायक भुवन चंद्र डिमरी, अनुसेवक अनिल नेगी, रोशन रावत, मोहनलाल एवं बड़ी संख्या में स्वयंसेवी उपस्थित रहे।

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