राजकीय महाविद्यालय, मजरा महादेव, पौड़ी गढ़वाल, ‌‌ में आज ‘राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन’ ‘जल शक्ति मंत्रालय’ भारत सरकार के तत्त्वाधान में नमामि गंगे कार्यक्रम के अंतर्गत (दिनांक 17 सितंबर से 2 अक्टूबर 2024 ) ”स्वच्छता ही सेवा” पखवाड़ा में “क्विज प्रतियोगिता व हस्ताक्षर अभियान” का आयोजन किया गया।

महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. के. सी. दुद्पुड़ी ने कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए कहा कि गंगा नदी न केवल अपने सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्त्व के लिए महत्त्वपूर्ण है, अपितु इसलिए भी है क्योंकि देश की 40% से अधिक आबादी इस पर आश्रित हैं।

नमामि गंगे का लक्ष्य गंगा नदी की पारिस्थितिक अखंडता को सुरक्षित करना तथा इसकी दीर्घकालिक स्थिरता सुनिश्चित करना और इस पर निर्भर लाखों लोगों के लिए इसके सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्त्व को संरक्षित करना है।

मंच का संचालन करते हुए नमामि गंगे के नूडल अधिकारी डॉ. चन्द्र बल्लभ नैनवाल ने कहा कि नमामि गंगे के अंतर्गत प्रतिदिन विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा रहा है जिसके माध्यम से छात्रों में निहित कलाओं का विकास भी इस परियोजना के माध्यम से किया जा रहा है।
नमामि गंगे परियोजना नदी प्रणालियों के स्वास्थ्य और पारिस्थितिकी को बनाए रखने में वनों की महत्त्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करता है।
गंगा नदी के किनारे व्यापक वनीकरण कार्यक्रम शुरू किए गए हैं, जिसका उद्देश्य हरित आवरण को बढ़ाना और मिट्टी के कटाव को रोकना है।
ये प्रयास विभिन्न पौधों और जानवरों की प्रजातियों के लिए आवास प्रदान करके जैव विविधता संरक्षण में भी योगदान देते हैं।

महाविद्यालय के प्राध्यापकों में डॉ.संजेश कुमार डॉ. इंद्रपाल सिंह, डॉ.राजेंद्र सिंह, डॉ .दीपक कुमार, डॉ. प्रियंका भट्ट, के साथ-साथ शिक्षणेतर कर्मचारी उदयराम पंत, विक्रम सिंह रावत, वीरेन्द्र सिंह, सुनील सिंह , मनोज रावत ने कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना योगदान दिया।
महाविद्यालय के छात्र- छात्राओं ने भी कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रतिभाग किया

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