पंडित ललित मोहन शर्मा परिसर, श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय की छात्रा मान्या राजपाल का उद्यमिता विकास कार्यक्रम के अंतर्गत चयन, मिले ₹75,000
मान्या राजपाल, जो एम.कॉम की छात्रा हैं, का चयन देवभूमि उद्यमिता योजना के अंतर्गत उनके नवोन्मेषी व्यावसायिक विचार “वेलनेस और आध्यात्मिकता केंद्र” के लिए किया गया है। इस केंद्र में योग और अन्य प्रशिक्षण सेवाएं प्रदान की जाएंगी, जो उनके विजन और समर्पण को दर्शाता है।
इस परियोजना को साकार करने के लिए मान्या को ₹75,000 की धनराशि स्वीकृत की गई है, जो उनके व्यवसाय को प्रारंभिक स्तर पर मजबूत करने में सहायक होगी। मान्या का यह केंद्र न केवल लोगों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुदृढ़ करेगा, बल्कि क्षेत्र में रोजगार सृजन और सामाजिक कल्याण में भी योगदान देगा।
यह उपलब्धि न केवल मान्या के लिए, बल्कि पंडित ललित मोहन शर्मा परिसर और पूरे उत्तराखंड के युवाओं के लिए प्रेरणादायक है। मान्या की सफलता से स्पष्ट है कि नवाचार, कठिन परिश्रम और समर्पण से बड़ी ऊंचाइयों को छुआ जा सकता है।
इस चयन ने मान्या को विश्वविद्यालय के होनहार छात्रों की श्रेणी में एक मजबूत स्थान दिलाया है।मान्या राजपाल की सफलता न केवल पंडित ललित मोहन शर्मा परिसर, ऋषिकेश के युवाओं के लिए, बल्कि पूरे उत्तराखंड के लिए एक प्रेरणास्रोत है।
उद्यमिता और इनक्यूबेशन उत्कृष्टता केंद्र की निदेशक प्रो. अनीता तोमर ने मान्या राजपाल की इस सफलता पर गर्व व्यक्त करते हुए कहा, “मान्या ने अपने व्यावसायिक विचार से विशेषज्ञ समिति को गहराई से प्रभावित किया है। उनका चयन उनकी कड़ी मेहनत, दृढ़ संकल्प और नवीन सोच का प्रत्यक्ष परिणाम है।”
उन्होंने कहा, आशा है कि मान्या की इस सफलता से प्रेरित होकर और भी कई युवा अपने नवीन विचारों को आगे लाएंगे और उत्तराखंड को एक उद्यमी राज्य के रूप में स्थापित करने में मदद करेंगे।
प्रो. तोमर ने कहा, हम मान्या के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हैं और उम्मीद करते हैं कि उनका “वेलनेस और आध्यात्मिकता केंद्र” न केवल एक सफल व्यवसाय बनेगा, बल्कि समाज के लिए भी लाभदायक होगा। यह केवल मान्या की सफलता की कहानी नहीं है, बल्कि यह उत्तराखंड में उद्यमिता के विकास की एक नई शुरुआत है। इस तरह के कार्यक्रम न केवल छात्रों को आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनाते हैं, बल्कि राज्य और देश के समग्र विकास में भी योगदान देते हैं।
मान्या का यह सफर आसान नहीं था। वह पिछले सत्र में आयोजित उद्यमिता विकास कार्यक्रम में भाग लेने वाली कई प्रतिभागियों में से एक थीं। लेकिन उनके अथक प्रयासों और नवीन सोच ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया।
विशेषज्ञों की समिति ने उनके विचार को उच्च सराहना दी और उसे प्रारंभिक स्तर पर समर्थन प्रदान करने का निर्णय लिया। मान्या ने अपनी इस सफलता का श्रेय उद्यमिता और इनक्यूबेशन उत्कृष्टता केंद्र की निदेशक प्रो. अनीता तोमर को दिया।
उन्होंने कहा, “यह केवल मेरी मेहनत का ही नहीं, बल्कि प्रो. अनीता तोमर के मार्गदर्शन और समर्थन का भी परिणाम है।” प्रो. तोमर, जो कि ई.डी.आई.आई. अहमदाबाद से प्रशिक्षित हैं, ने छात्रों के लिए उत्कृष्ट मार्गदर्शन की भूमिका निभाई है।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एन.के. जोशी , परिसर निदेशक प्रो. एम.एस. रावत और वाणिज्य संकाय अध्यक्ष प्रोफेसर कंचन लता ने भी मान्या को शुभकामनाएं दीं और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
कुलपति प्रो. जोशी ने कहा, “मान्या की यह सफलता विश्वविद्यालय के लिए गर्व की बात है और उत्तराखंड के अन्य युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी।” दृढ़ संकल्प, कड़ी मेहनत और नवीन सोच के साथ कोई भी युवा अपने सपनों को साकार कर सकता है। मान्या राजपाल की यह सफलता दृढ़ संकल्प, मेहनत और रचनात्मकता की शक्ति को दर्शाती है, जो उत्तराखंड के अन्य युवाओं को उद्यमिता के क्षेत्र में आगे बढ़ने और राज्य के विकास में योगदान देने के लिए प्रेरित करेगी।
प्रो. अनीता तोमर ने आगे बताया कि आने वाले दिनों में, 18-19 सितंबर को, परिसर में एक दो दिवसीय बूट कैंप का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें छात्रों के नए-नए बिजनेस आइडिया को पोषित करते हुए उन्हें वास्तविक व्यवसाय इकाई में परिवर्तित करने का मार्गदर्शन किया जाएगा।