• अधिकारियों को जल्द जनजीवन सामान्य बनाने के दिए निर्देश।
  • श्री केदारनाथ के लिए हेली सेवा से यात्रा पर टिकटों में 25 फीसदी छूट देगी राज्य सरकार।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को रूद्रप्रयाग जनपद के अतिवृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों राहत एवं बचाव कार्यों तथा पुनर्निर्माण कार्यों की समीक्षा की। इससे पहले उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण भी किया।

मुख्यमंत्री ने चारधाम यात्रा मार्ग से जुड़े सभी विभागों की समीक्षा करते हुए अतिवृष्टि से हुयी क्षति की जानकारी ली। वहीं सभी विभागों को यात्रा शुरू करने के लिए उनके स्तर से किए जा रहे प्रयासों एव तैयारियों की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रभावित क्षेत्रों में जनजीवन सामान्य बनाने हेतु आवश्यक कदम उठाए जाएं।

उन्होंने निर्देश दिए कि क्षतिग्रस्त मार्गाें, पेयजल एवं विद्युत लाईनों को यथाशीघ्र बहाल किया जाए। मुख्यमंत्री ने श्री केदारनाथ धाम पैदल यात्रा को शीघ्र शुरू किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्देश दिए कि श्री केदारनाथ धाम के लिए हेलीसेवा को बुधवार से ही शुरू किया जाए।

उन्होंने कहा कि हेलीसेवा के माध्यम से दर्शन करने पहुंच रहे श्रद्धालुओं को किराए में 25 प्रतिशत की छूट दी जाएगी, जिसका वहन राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। उन्होंने यात्रा शुरू करने के लिए किए जाने वाले कार्यों में भी स्थानीय लोगों से सुझाव एवं सहयोग की भी अपील की।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने रामपुर जीएमवीएन में स्थानीय लोगों से संवाद के दौरान उनकी समस्याओं को सुना। उन्होंने प्रभावितों की सभी समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया।

उन्होंने इन कठिन परिस्थितियों में सरकार और प्रशासन द्वारा संचालित रेस्क्यू अभियान में कंधा से कंधा मिलाकर सहयोग के लिए स्थानीय लोगों का आभार व्यक्त किया।

उन्होंने केंद्र सरकार का भी आभार जताते हुए कहा कि अतिवृष्टि के बाद से ही केंद्रीय सरकार द्वारा चिनूक व एमआई हैलीकॉप्टर सहित हरसंभव सहायता उपलब्ध कराई गई।

समीक्षा बैठक के उपरान्त मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री कहा कि अतिवृष्टि से भू-स्खलन होने से 29 स्थानों पर पैदल एव सड़क मार्ग कटा हुआ है। इसके अतिरिक्त पेयजल व विद्युत की लाइनों सहित बड़ी मात्रा में सरकारी संपत्तियों को भी नुकसान पहुंचा। कुछ स्थानों पर दूरसंचार की सेवाएं भी बाधित हुई हैं।

उन्होंने कहा कि अतिवृष्टि की घटना के बाद से ही जिला प्रशासन, आपदा प्रबंधन तथा एसडीआरएफ, डीडीआरएफ, एनडीआरएफ सहित अन्य संस्थाओं एवं जनप्रतिनिधियों, पंडा समाज, तीर्थ पुरोहित, धार्मिक व सामाजिक सरोकारों से जुड़े संगठनों ने मिलकर इस आपदा में पूरे मनोयोग से इस रेस्क्यू अभियान में फंसे हुए श्रद्धालुओं को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने का कार्य किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि रिकॉर्ड समय में लगभग 12 हजार श्रद्धालुओं एवं स्थानीय लोगों को रेस्क्यू किया गया है। रेस्क्यू अभियान लगभग पूर्ण हो चुका है।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री श्री सौरभ बहुगुणा, विधायक रुद्रप्रयाग श्री भरत चौधरी, जिला पंचायत अध्यक्ष रुद्रप्रयाग श्रीमती अमरदेई शाह, राज्यमंत्री श्री चंडी प्रसाद भट्ट, प्रदेश अध्यक्ष महिला मोर्चा भाजपा आशा नौटियाल, मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, डीजीपी श्री अभिनव कुमार, प्रमुख सचिव श्री आर.के. सुघांशु, सचिव लोक निर्माण विभाग डॉ. पंकज पांडेय, सचिव आपदा प्रबन्धन श्री विनोद कुमार सुमन, गढ़वाल कमिश्नर श्री विनय शंकर पांडेय, आईजी गढ़वाल श्री के.एस. नगन्याल, जिलाधिकारी श्री सौरभ गहरवार, पुलिस अधीक्षक डॉ. विशाखा अशोक भदाणे सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।