मेडिकल कॉलेज , कोटा के एम॰बी॰बी॰ एस॰ प्रथम वर्ष बैच 2024-25 के छात्रों के भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद के दिशा-निर्देशानुसार फाउन्डेशन कोर्स के अन्तर्गत कोटा की शास्त्रीय गायिका एवं संगीत गुरुकुल की निदेशक श्रीमती संगीता सक्सेना का संगीतमय व्याख्यान बहुत उपयोगी रहा।
एमबीबीएस प्रथम वर्ष के छात्र-छात्रा एवं चिकित्सकगण डॉ उमेश कुमार , डॉ आशा यादव,डॉ सौम्या श्री , डॉ सुनीता मीणा ,डॉ शैलेंद्र त्यागी एवं श्री भूपेन्द्र सिंह उपस्थित थे।
संगीता सक्सेना ने अपने व्याख्यान का आरंभ छात्र-छात्राओं को सस्वर गायत्री मंत्र, प्रातः स्मरण मंत्र एवं नवग्रह-प्रणाम का अर्थ एवं उपयोगिता बताते हुए पाठ कराया।
छात्र-जीवन में विभिन्न परिस्थितियों में अपने मनोभाव एवं संतुलन को बनाए रखने के लिए सँगीत की सकारात्मक उपयोगिता पर विचार रखते हुए कुछ फिलोसोफिक प्रेरणास्पद पार्श्वगीतों की प्रस्तुति दी, जिसका छात्रों ने आनंद लेते हुए करतल ध्वनि से साथ दिया।
अपने व्याख्यान में जीवन चलने का नाम, मधुबन खुश्बू देता है, एवं किसी की मुस्कुराहटों पे हो निसार’ जैसे गीतों के माध्यम से छात्रों को प्रेरणा देते हुए कहा कि समाज में डॉक्टर को ईश्वर का रुप माना जाता है क्योंकि डॉक्टर जीवन बचाने का कार्य करते हैं अतः उनको तनावमुक्त जीवन शैली का अनुसरण करना चाहिए ताकि वे अच्छे डॉक्टर बन कर समाज की सेवा कर सकें।
व्याख्यान के अंत में शांति पाठ की व्याख्या करते हुए सस्वर गायन किया ।
गायिका गुरु संगीता न आमंत्रित करते के लिये मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य डॉ 0 संगीता सक्सेना का आभार व्यक्त किया।
साथ ही कहा कि आशा है आप सभी गायन सीखकर डॉ विजय सरदाना, डॉ0 राज श्री गोहदकर, गिरीश माथुर डॉ 0 विक्रांत माथुर डॉ 0 गिरि, डॉ ०गिरिश वर्मा आदि की तरह सुंदर गाओगे।